Wednesday, March 29, 2023

जनता की लाशों पर वोट की फसल काटना चाहती हैं बीजेपी-जेडीयू : माले

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पटना। भाकपा-माले की बिहार विधानसभा चुनाव में विपक्षी दलों के बीच चुनावी तालमेल के लिए गठित कमेटी की ओर से आज प्रेस बयान जारी करके कहा गया है कि आज जब पूरा बिहार कोरोना महामारी, लाॅकडाउन, बाढ़ व भयानक बेरोजगारी और भुखमरी की चपेट में है, चौतरफा संकट गहरा हो रहा है और राज्य की बड़ी आबादी अपने जीवन को बचाने का संघर्ष कर रही है, ऐसी विकट परिस्थिति में भाजपा-जदयू के दबाव में चुनाव आयोग द्वारा समय पर ही चुनाव कराये जाने की जिद एक बड़ा अपराध है।

जिसका आखिरी खामियाजा राज्य की जनता को भुगतना होगा। इस जिद का मतलब है कि भाजपा-जदयू को जनता के जीवन और उसकी सुरक्षा की कोई चिंता नहीं है बल्कि वे इस संकट का इस्तेमाल फिर से कुर्सी हथियाने के लिए करना चाहती हैं।

कमेटी ने कहा कि भाजपा-जदयू मुगालते में न रहें। उनकी सरकारों द्वारा किए जा रहे लगातार अपराधों व जनता की जिंदगी को जानबूझकर संकट में डालने के खिलाफ बिहार की जनता में व्यापक आक्रोश है। इस बीच रेलवे के निजीकरण समेत सरकार की अन्य जनविरोधी व काॅरपोरेटपरस्त कार्रवाइयों ने भी जनता को आंदोलित कर रखा है। और उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि बिहार की जनता पूरी तरह से भाजपा-जदयू को सबक सिखाने का मन बना चुकी है।

उसका कहना है कि एनडीए गठबंधन की हार सुनिश्चित करने के लिए बिहार की जनता चाहती है कि चुनाव में विपक्षी दलों के बीच सामूहिक बातचीत व सहमति के आधार पर एक कारगर एकता का निर्माण हो। वक्त की यही मांग है।

पार्टी के मुताबिक मीडिया में ऐसी खबरें आ रही हैं कि राजद व कांग्रेस ने आपस में सीटों का बंटवारा कर लिया है और अन्य दलों को इसके साथ एडजस्ट किया जाएगा। हालांकि इस संदर्भ में राजद व कांग्रेस की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। यदि ऐसा नहीं है, तो इन दोनों पार्टियों को तत्काल इन खबरों का खंडन करना चाहिए। लोकसभा चुनाव 2019 में जिस प्रकार से सीटों का बंटवारा हुआ था, वह माले को कतई मान्य नहीं है।

कमेटी ने कहा कि अलोकतांत्रिक व मनमाने ढंग की प्रक्रिया अंततः विपक्ष की एकता को कमजोर ही करेगी। बिहार में वाम दल अपना स्वतंत्र अस्तित्व व आंदोलन की धारावाहिकता रखते हैं, इसलिए सीटों का तालमेल उचित विधि से सम्मानजनक व लोकतांत्रिक तरीके से ही होना चाहिए।

चुनावी तालमेल के संबंध में भाकपा-माले की राज्य कमेटी ने पांच सदस्यों की एक टीम का गठन किया है, जो पार्टी प्रतिनिधिमंडल की हैसियत से विपक्षी दलों के नेताओं से बातचीत करेगी। इस टीम में पार्टी के पोलित ब्यूरो सदस्य काॅ. धीरेन्द्र झा व राजाराम सिंह, पूर्व सांसद रामेश्वर प्रसाद, वरिष्ठ पार्टी नेता केडी यादव और विधायक दल के नेता महबूब आलम शामिल हैं।

टीम ने कहा है कि राजनीतिक दिशा व परिप्रेक्ष्य तय करने तथा सीटों पर अंडरस्टैंडिंग बनाने को लेकर सभी पक्षों की तत्काल बैठक बुलायी जानी चाहिए।

(प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित।)

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