Saturday, April 27, 2024

डीएसपी जियाउल हक हत्याकांड में राजा भैया की भूमिका की सीबीआई करेगी जांच: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। प्रतापगढ़ के तत्कालीन कुंडा पुलिस उप अधीक्षक (डीएसपी) जियाउल हक की हत्या में विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की भूमिका की जांच सीबीआई करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश को दरकिनार कर दिया, जिसमें राजा भैया सहित पांच के खिलाफ सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट खारिज करने के ट्रायल कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी। सीबीआई ने अपनी जांच में राजा भैया को क्लीन चिट दे दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में सीबीआई तीन महीने में जांच कर अपनी पूरी रिपोर्ट दे।

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अनिरुद्ध बोस व जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने डीएसपी जियाउल की पत्नी परवीन आजाद की याचिका पर ट्रायल कोर्ट के फैसले को बहाल कर दिया। पीठ ने कहा, जांच के निर्देश देने में मजिस्ट्रेट ने कोई त्रुटि नहीं की है। हाईकोर्ट ने पुन: जांच व आगे की जांच के बीच अति तकनीकी नजरिया अपनाया है। दरअसल हाईकोर्ट ने माना था कि विशेष सीबीआई अदालत का जुलाई 2014 का आदेश ’पुनः जांच’ के समान है।

बहुचर्चित डीएसपी जियाउल हक हत्याकांड राजा भैया की भूमिका की जांच कराने से जुड़ी याचिका में परवीन आजाद ने शीर्ष अदालत के समक्ष याचिका में आरोप लगाया कि सीबीआई ने इस मामले में राजा भैया की भूमिका की ओर इशारा करने वाले महत्वपूर्ण तथ्यों की अनदेखी की है। उन्होंने सवाल किया था कि पुलिस टीम ने मौके पर उनके पति को अलग-थलग कैसे छोड़ दिया, क्योंकि किसी अन्य पुलिसकर्मी को कोई चोट नहीं आई।

याचिका में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उनके पति रेत खनन और अन्य दंगों के मामलों की जांच संभाल रहे थे। इसमें राजा भैया और उनके सहयोगियों की भी भूमिका थी। यह लोग उनके पति को खत्म करना चाहते थे। उन्होंने सीबीआई की उस चार्जशीट पर भी सवाल उठाए जिसमें उनके पति की हत्या के पीछे मारे गए प्रधान नन्हें यादव के परिवार का नाम लिया गया था।

निचली अदालत के आदेश में सीबीआई को यूपी सरकार में तत्कालीन मंत्री राजा भैया, कुंडा नगर पंचायत के तत्कालीन अध्यक्ष गुलशन यादव सहित पांच लोगों की भूमिका की जांच करने के लिए कहा गया था। घटना के तुरंत बाद मारे गए अधिकारी की पत्नी परवीन आजाद ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में इन लोगों का नाम लिया था।

जियाउल हक की 2 मार्च, 2013 को ड्यूटी के दौरान हत्या कर दी गई थी। प्रतापगढ़ जिला, 2 मार्च 2013, शाम के समय हथिगवां थाना क्षेत्र के बलीपुर गांव में प्रधान नन्हें यादव बलीपुर गांव में एक विवादित जमीन का मसला सुलझाने के लिए कामता पाल के घर पहुंचे थे। तभी बाइक से आए बदमाश प्रधान नन्हें यादव को गोली मारकर फरार हो गए। प्रधान की हत्या की खबर उनके समर्थकों को मिली तो समर्थकों ने कामता पाल के घर में आग लगा दी थी।

नन्हें यादव को अस्पताल ले जाया गया, डॉक्टरों ने उनकी मौत की पुष्टि कर दी। लोगों में बढ़ते आक्रोश और हुजूम के बीच प्रधान का शव बिना पोस्टमॉर्टम ही गांव में पहुंच था। हत्या के मामले में बिना पोस्टमॉर्टम के शव गांव में पहुंचने की ख़बर सीओ जियाउल हक को मिली तो वे अपने लाव लश्कर के साथ गांव वालों से बात करने पहुंचे। लेकिन गांव में हिंसा शुरू हो गई। पथराव होने लगा था।

2 मार्च 2013 को कुंडा के बल्लीपुर गांव में ग्राम प्रधान नन्हें यादव की हत्या के बाद डिप्टी एसपी जियाउल हक मय फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे थे। इस दौरान शव जैसे ही गांव पहुंचा तो वहां भीड़ इकट्ठा हो गई। इसी बीच एक व्यक्ति ने हक को गोली मार दी थी, जिससे उनकी मौत हो गई। बताया जाता है कि जिसने गोली मारी वह राजा भैया का करीबी था। जिसके बाद राजा भैया पर हत्या की साजिश का आरोप लगा था। जिस समय यह बहुचर्चित हत्याकांड हुआ उस समय राजा भैया तत्कालीन सपा सरकार में मंत्री थे और डीएसपी हक ने उनकी हिस्ट्रीशीट खोल दी थी। इससे राजा भैया नाराज थे।

(वरिष्ठ पत्रकार और कानूनी मामलों के जानकार जेपी सिंह की रिपोर्ट।)

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

Related Articles