Saturday, April 27, 2024

झारखंड: एकल शिक्षक विद्यालयों के खिलाफ बच्चों व अभिभावकों का प्रखंड कार्यालय पर प्रदर्शन

झारखंड के लातेहार जिला अंतर्गत गारू प्रखंड के 16 गांवों के बच्चे और उनके माता-पिता बड़ी संख्या में प्रखंड मुख्यालय पर इकट्ठे हुए और एकल शिक्षक विद्यालयों के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन करते हुए शिक्षा के अधिकार अधिनियम के मानदंडों के अनुसार शिक्षकों की पोस्टिंग की मांग को लेकर एक रैली निकाली।

बता दें कि गारू प्रखंड में 40 सरकारी प्राथमिक विद्यालय हैं, उनमें से 17 में एक ही शिक्षक है। दो मध्य विद्यालयों में भी एक शिक्षक है। जबकि आरटीआई (राइट टू एजूकेशन) एक्ट के तहत प्रत्येक प्राथमिक विद्यालय में कम से कम दो शिक्षक होने चाहिए और प्रत्येक 30 बच्चों के लिए कम से कम एक शिक्षक होना चाहिए। ऐसा न होने पर एकल शिक्षक स्कूल अवैध है।

संविधान के आर्टिकल 21(A) में 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों के लिये अनिवार्य एवं नि:शुल्क शिक्षा देने का प्रावधान किया गया है। संविधान के आर्टिकल 21(A) को ही RTE Act कहा जाता है।

86 वें संशोधन द्वारा 21 (A) में प्राथमिक शिक्षा को सब नागरिकों का मूलाधिकार बना दिया गया है। यह 01 अप्रैल 2010 को जम्मू -कश्मीर को छोड़कर सम्पूर्ण भारत में लागू हुआ है।

बता दें कि एकल शिक्षक वाले विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना संभव नहीं है। जब शिक्षक अनुपस्थित होते हैं, या रिकॉर्ड रखने में व्यस्त होते हैं, तो बच्चों को उनके हाल पर छोड़ दिया जाता है। यहां तक कि वे अपने दम पर पांच अलग-अलग ग्रेड के बच्चों को कैसे पढ़ा सकते हैं?

गारू में एकल-शिक्षक विद्यालयों में औसतन 48 छात्र हैं। उनमें से कुछ में 100 से अधिक छात्र भी हैं।

इस तमाम सवालों पर बच्चे और उनके अभिभावकों ने 13 अप्रैल को गारू प्रखंड के अरमू चौक से प्रखंड मुख्यालय तक रैली निकाली और नारा “क्या चाहता है लातेहार? शिक्षा का अधिकार”, “बाल बूतरों की पुकार, शिक्षक दे सरकार” बुलंद किया। नगाड़ों, नारों और गीतों की ध्वनि से वातावरण गुंजायमान हो गया।

रैली के अंत में बच्चों और उनके माता-पिता ने प्रखंड कार्यालय पर प्रदर्शन किया और जोरदार तरीके से अपनी मांगें रखीं। इसके बाद प्रखंड परिसर में ही एक जनसभा का आयोजन किया गया।

जनसभा में रूद गांव की एक मिडिल स्कूल की छात्रा पूनम कुमारी ने कई विषयों को पढ़ाने के लिए कम से कम छह और शिक्षकों की मांग की। उसने बताया कि वर्तमान में उसके स्कूल में 145 छात्र हैं और केवल 1 शिक्षक है।

गोताग गांव के माता-पिता संदीप उरांव और नीलम कुमारी ने अपने बच्चों के एकल शिक्षक के अक्सर दूसरे काम में व्यस्त होने का मुद्दा उठाया और बताया कि कैसे कई दिनों तक बिना पढ़ाए ही वह शिक्षक घर चला गया।

लाटू, डेढ़गोन और जयगीर गांव के अभिभावकों ने भी अपने बच्चों के स्कूलों की स्थिति पर चर्चा की और तत्काल जांच की मांग करते हुए आरटीआई के अनुसार विद्यालय में शिक्षकों की बढ़ोत्तरी की मांग की।

जनसभा को संबोधित करते हुए चर्चित अर्थशास्त्री प्रोफेसर ज्यां द्रेज ने कहा कि यह दुर्भाग्यजनक है कि झारखंड के 30% स्कूल में 1 शिक्षक है। अगर सरकारी स्कूलों का यही दुर्दशा रही तो आने वाले दिनों में झारखंड शिक्षा में काफी पिछड़ जाएगा। उन्होंने मांग की कि हर स्कूल में कम से कम 2 शिक्षक नियुक्त किये जाएं।

बता दें कि प्रोफेसर ज्यां द्रेज के नेतृत्व में झारखंड में ऑनलाइन सर्वे के प्रभाव के साथ-साथ कोविड के बाद के स्कूल की स्थिति पर भी ज्ञान विज्ञान समिति झारखंड द्वारा सर्वे किया गया था।   

इस अवसर पर ज्ञान विज्ञान समिति झारखंड के राज्य महासचिव विश्वनाथ सिंह ने कहा कि हम निरंतर झारखंड में शिक्षा को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। अभी हम लोगों ने 20 जिलों में कला जत्था का भ्रमण कराया है, जिसमें डेढ़ लाख लोगों की भागीदारी रही।

वहीं इस अवसर पर कार्यक्रम को प्रखंड के बीडीओ, बीपीओ व सीओ ने भी संबोधित किया। उन्होंने प्रतिभागियों को आश्वासन दिया कि उनके मुद्दों को जिला और राज्य के अधिकारियों को सूचित किया जाएगा और आश्वासन दिया कि मध्याह्न भोजन के मुद्दे की भी जांच किया जाएगा। उन्होंने स्कूली बच्चों द्वारा सौंपे गए ज्ञापन को प्राप्त किया और हस्ताक्षर किए।

प्रतिभागियों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नाम एक खुला पत्र भी जारी किया। इस पत्र पर ग्राम प्रधानों, स्कूल कमेटी के सदस्यों और 16 गांवों के अन्य प्रतिनिधियों के हस्ताक्षर हैं। जिसमें गारू प्रखंड के सभी 19 एकल शिक्षक विद्यालयों में कम से कम एक अतिरिक्त शिक्षक की तत्काल पद स्थापना की मांग की गई है। पत्र में शिक्षा के अधिकार अधिनियम के मानदंडों के अनुसार झारखंड के सभी एकल-शिक्षक स्कूलों में अतिरिक्त शिक्षकों की नियुक्ति की भी मांग की गई है।

उक्त कार्यक्रम संयुक्ता ग्राम सभा मंच गारू और भारत ज्ञान विज्ञान समिति झारखंड के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया था। जिसके तहत रैली और जनसभाओं का आयोजन किया गया था। स्थानीय माता-पिता और बच्चों के अलावा ज्ञान विज्ञान समिति झारखंड से इस कार्यक्रम में ज्ञान विज्ञान समिति झारखंड के उपाध्यक्ष रामानुग्रह सिंह, राज्य कार्यकारिणी सदस्य रवि सिंह, लातेहार जिला के जिला सचिव संदीप प्रजापति, नरेगा वाच के राज्य संयोजक जेम्स हेरेंज, शैलेंद्र, परन अमितावा, अनिनजीत पाखले, सबिल नाथ पैकरा, लावण्या तमांग, धीरज कुमार, कपिल देव सिंह के साथ-साथ ग्राम सभा के बहुत सारे साथियों और ज्ञान-विज्ञान समिति के बहुत सारे कार्यकर्ता शामिल थे।

कार्यक्रम में जिला परिषद के सदस्य कन्हाई सिंह और जीरा देवी ने भी भाग लिया। उन्होंने अगली जिला परिषद की बैठक में इस मुद्दे को उठाने का वादा किया।

इस बाबत ज्ञान विज्ञान समिति के राष्ट्रीय महासचिव डा. काशीनाथ चटर्जी ने बताया कि समिति पूरे देश में शिक्षा नीति को लेकर संघर्ष कर रही है। शिक्षा नीति गरीब बच्चों को स्कूल से वंचित करेगा इसलिए पूरे देश में शिक्षा नीति को लेकर संवाद चल रहा है। उन्होंने बताया कि 30 अप्रैल को दिल्ली में एजुकेशन असेंबली का आयोजन किया गया है।

(झारखंड से वरिष्ठ पत्रकार विशद कुमार की रिपोर्ट।)

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

Related Articles