वाराणसी: दृष्टिहीन छात्रों ने शुरू किया कॉलेज बंदी के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन

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वाराणसी। दृष्टिहीनों का स्कूल बंद कर उन्हें पढ़ाई से वंचित किए जाने के विरोध में छात्रों का धरना सड़क पर जारी है। बनारस के सांसद और देश के प्रधानमंत्री से छात्र पूछ रहे हैं “बंद हो गईल अंधन का स्कूल हो, काहे ऐके भूल गईला मोदी जी”

पूर्वांचल के एकमात्र आवासीय अंध विद्यालय को पिछले साल कोरोना के दौरान बंद कर दिया गया है। ट्रस्टियों का कहना है सरकारी मदद नहीं मिल रही है उधर छात्रों का कहना है कि दिव्यांगों के लिए हमदर्दी की बात करने वाली मोदी सरकार इस विद्यालय को खुद संचालित कर अपनी कथनी को करनी में बदल कर दिखाये। छात्रों का कहना है कि उनकी सुनी नहीं जा रही है। दृष्टिहीनों के संवेदनशील मुद्दे पर इसी शहर से प्रदेश सरकार के तीन मंत्री भी एक-दो-तीन हो गये हैं। इनमे से एक ने भी मौके पर पहुंचकर छात्रों से मिलकर उनसे बात करने की कोशिश नहीं की।

वहीं रात-दिन धरने पर बैठे छात्रों का कहना है कि हमारे शांतिपूर्ण आंदोलन को खत्म करने के लिए प्रशासन तरह-तरह की साज़िश कर रहा है। हमें धमकी दी जा रही है।

जानकारी के अनुसार हनुमान प्रसाद पोद्दार अंध विद्यालय को बंद करने के पीछे बड़ा व्यावसायिक हित साधने की तैयारी है। इसी के चलते विद्यालय को बंद कर दिया गया है। गौरतलब है कि इस विद्यालय के ट्रस्टी भाजपा से जुड़े हुए हैं और गोरक्षक भी हैं इसलिए सरकार भी मौन होकर इनके साथ खड़ी है।

     (वाराणसी से पत्रकार भाष्कर गुहा नियोगी की रिपोर्ट।)

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