Friday, April 26, 2024

निजी कंपनियों की तर्ज़ पर मजदूरों की लाश पर मुनाफा बटोरता इफको

प्रयागराज।23मार्च दोपहर सवा एक बजे प्रयागराज फूलपुर स्थित इफको कारखाने के पॉवर प्लांट में बॉयलर फटने से बड़ा हादसा हुआ था। कंपनी प्रबंधन की ओर से दो मजदूरों के मौत की पुष्टि हुई है जबकि डेढ़ दर्जन से अधिक के गंभीर रूप से घायल होने की सूचना है।

इफको कारखाने में काम करने वाले कुछ मजदूरों का कहना है कि ब्रेकडाउन के चलते बाहरी ठेकेदारों को काम मिला था। वो अपने संग बाहर के मजदूर लाये थे। इसी कारण बाहर के मजदूरों की मौत का सही सही पता नहीं लग पा रहा है।

बता दें कि कल देर रात इफको मैनेजमेंट और स्थानीय विधायक, सांसद संग मीटिंग के बाद इफको मैनेजमेंट द्वारा मृतक मजदूर के परिवार को एक लाख रुपये और संविदा पर नौकरी देने का लिखित आश्वासन दिया गया है। ये एक लाख रुपए भी इफको मैनेजमेंट ठेकेदार के एकाउंट से काटकर देगी।

कुछ स्थानीय लोगों का कहना है कि इफको कारखाने में स्थानीय विधायक और सांसद का ठेका चलता है। प्रशासन तो हमेशा से ही पूंजीपतियों के साथ खड़ा होता है इसके चलते भी हमारी कहीं सुनवाई नहीं होती।

इफको कारखाने के आस-पास के गांव के लोग बताते हैं कि पहले हर साल डेढ़-दो महीने का शटडाउन होता था। फैक्ट्री के हर कलपुर्जे की मरम्मत होती थी।

आस-पास के गांव के लोगों को उसमें काम मिलता था। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में इफको कारखाने में शटडाउन हुआ ही नहीं। किसी प्लांट में इमर्जेंसी आ गई तो हफ्ते पंद्रह दिन का ब्रेकडाउन करके निपटा लेते हैं। उसके लिये बहुत ज्यादा अतिरिक्त मजदूर भी नहीं लगाये जाते। इससे ये पता चलता है कि कारखाने के रख रखाव और मरम्मत के काम में लगातार लापरवाही भर्ती जा रही थी। 22 दिसंबर 2020 को अमोनिया लीक से दो अधिकारियों की मौत के बाद गठित जांच दल ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कारखाने में लगे कलपुर्जे कमजोर और खराब क्वालिटी के लगे थे। और उनकी मरम्मत का काम भी नहीं किया गया था। उनके रख रखाव में भी लापरवाही बरती गई थी।

 इफको का ही एक संविदा मजदूर कल की घटना से विक्षुब्ध होकर कहता है कि 22 दिसंबर 2020 को इफको में अमोनिया गैस के रिसाव से दो अधिकारियों की मौत पर खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट करके दुख जताया था और मामले का संज्ञान लिया था। राज्य सरकार की ओर से मृतकों को मुआवजे का ऐलान किया गया था। जबकि कल की घटना पर न तो मुख्यमंत्री का कोई ट्वीट आया न ही मृतकों के  लिए कोई मुआवजा घोषित किया गया क्योंकि मरने वाले सभी संविदा मजदूर थे।

वहीं ऐक्टू के राष्ट्रीय सचिव डॉ. कमल उसरी इफको फ़ुलपुर ठेका मजदूर संघ (सम्बद्ध ऐक्टू) के मंत्री देवानंद ने कहा है कि इफको के फूलपुर कारखाने में मंगलवार को हुई ब्यायलर फटने की घटना इफको प्रबंधन की लापरवाही का परिणाम है। यह कोई दुर्घटना नहीं इफको प्रबंधन द्वारा मजदूरों की हत्या है। ऐक्टू नेताओं  ने इफको प्रबंधन के खिलाफ हत्या का केस दर्ज करने, मृत मजदूरों के आश्रितों को स्थाई नौकरी और 50 लाख रुपए मुआवजा देने, घटना की पुनरावृत्ति न होने की गांरटी करने, घटना की  की जांच के लिए उच्च स्तरीय जाँच समिति बनाकर दोषी अधिकारियों को बर्खास्त करें, ठेकेदार का लाइसेंस निरस्त करने की मांग की है।

मजदूर नेताओं ने कहा है कि मंगलवार की दोपहर भोजनावकाश के समय कारखाने में कार्यरत मजदूर साथियों द्वारा यह खबर आई की ब्यायलर फट गया है कई मजदूरों की मौत हो गई है और कई घायल है। हम सब इफको प्रशासन से यह जानकारी करते रहे कि वर्तमान स्थिति क्या है लेकिन प्रबंधन किसी तरह की जानकारी देने से मुँह छुपाता रहा।

मजदूर नेताओं ने कहा कि 2 दिसंबर को हुई अमोनिया प्लांट की दुर्घटना जिसमें अधिकारी कर्मचारी मजदूर समेत 5 लोगों की जान गई थी उसकी जांच अभी चल ही रही है कि यह घटना हो गई। इसमें दो मजदूर प्रदीप यादव और बाबूजी यादव की मौत हो गई है और 16 मजदूर गंभीर रूप से घायल हैं जिनका विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है।

डॉ. कमल उसरी ने कहा यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी अमोनिया गैस लीक हो चुकी है, जिसमें कई मजदूरों- अधिकारियों की मौत हो चुकी है। अभी कुछ महीने पहले एक मजदूर जो बीमार था उसे अस्पताल भेजने के बजाय काम पर भेज दिया गया और काम के दौरान उसकी मौत हो गई। बड़े संघर्ष के बाद पहली बार इफको प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुआ।

उन्होंने कहा कि इफको प्रबंधन के पास पुरस्कार बांटने के लिए, धार्मिक स्थलों के निर्माण के लिए चंदा देने का, अधिकारियों के ऐशो आराम के लिए बजट है, लेकिन जिन मजदूरों-कर्मचारियों के हाड़ तोड़ मेहनत से यह एशिया का सबसे बड़ा सहकारी संस्था बना हुआ है उन मजदूरों कर्मचारियों की जीवन रक्षा के लिए बजट नही है। प्रबंधन के लोगों को जरा भी इस बात का चिन्ता नहीं है, शर्म नहीं है कि तमाम सुख-सुविधाओं को तो आप पुनः इकट्ठा कर लेंगे लेकिन जिन मजदूरों की मौत हुई है उन परिवारों को क्या जबाब दोगे ?

डॉ. उसरी ने कहा कि जिस कारखाने का निर्माण फूलपुर क्षेत्र को खुशहाल बनाने के लिए किया गया था अब वह स्थानीय लोगों के लिए प्रबंधन की बदनीयती से अभिशाप बनता जा रहा है। आये दिन अमोनिया गैस लीक होती है, आस-पास के क्षेत्र का भूमिजल स्तर लगातार नीचे जा रहा है। इफको से निकलने वाले कचड़े से प्रदूषण बढ़ रहा है, किसानों की खेती बर्बाद हो रही है।

सभी इफको ठेका मजदूरों ने कल शाम पांच बजे मृत मजदूरों को याद करते हुए दो मिनट का मौन रख कर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर इफको फ़ुलपुर ठेका मजदूर संघ के अध्यक्ष जय प्रकाश, मनोज, त्रिलोकी पटेल, द्वारिका आदि मौजूद रहे।

इफको हादसे में मरे व घायल मजदूरों के नाम-

हादसे में दो मजदूरों के मरने की पुष्टि हुई है। इनके नाम हैं –

 1-प्रदीप कुमार यादव (30) पुत्र श्रीनाथ निवासी पाली थाना फूलपुर।

2- विजय यादव (26) पुत्र देवराज निवासी मुंगारी थाना करछना।

घायलों की सूची-

1. भुल्लन राम (40) निवासी सरायदेवा जौनपुर।

2. नंदलाल यादव (40) निवासी वीरभानपुर बहरिया।

3. गुलाब चंद्र (31) निवासी नरहरपुर उतरांव।

4. संदीप (30) निवासी गड़ौर फूलपुर।

5. चंद्रशेखर (35) निवासी सरायदेवा जौनपुर।

6. विजय सिंह (40) निवासी करुआडीह फूलपुर।

7. जंग बहादुर (45) निवासी करुआडीह फूलपुर।

8. शिवकुमार यादव (37) निवासी फजिलापुर फूलपुर।

9. अंकित यादव (20) निवासी सरैया फूलपुर।

10. शिव प्रकाश (32) निवासी सरायदेवा जौनपुर।

11. छत्रपाल (40) निवासी दलीपपुर, थाना भमौरा जनपद बरेली।

12. वेणू गोपाल (26) निवासी दलीपपुर, थाना भमौरा जनपद बरेली।

13. गुलाब चंद्र (35)

14. वीरेंद्र (40)

15. हुबलाल (38)

16. सोनू (26)

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