लोकतंत्र में लोक के निर्णय को राजा सुनता है, आज राजा का निर्णय लोक को मानना पड़ रहाः शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद

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द्वारका पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ने कहा है कि सरकार को किसान आंदोलन का तत्काल हल निकालना चाहिए। किसानों का पानी रोका जा रहा है। यह कैसी सरकार है? नोटबंदी, किसान बिल लाकर सरकार केवल एक पक्षीय निर्णय दे रही है। कैसी विडंबना है कि लोकतंत्र में लोक के निर्णय को राजा सुनता है, लेकिन आज राजा का निर्णय लोक को मानना पड़ रहा है।

शंकराचार्य ने कहा कि अयोध्या में भगवान श्रीराम का मंदिर नहीं बन रहा है, बल्कि आने वाले दिनों में वहां विश्व हिंदू परिषद का कार्यालय बनेगा। मंदिर वो बनाते हैं, जो राम को मानते हैं। उन्हें आराध्य मानते हैं।  स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती माघ मेले में मौनी अमावस्या स्नान के लिए शनिवार शाम प्रयागराज आए हैं।

उन्होंने कहा कि भगवा पहन लेने मात्र से कोई सनातन धर्म को नहीं मानता। प्रयागराज में दो महापुरुषों के साथ भगवान राम की मूर्ति रखी गई थी। भगवान राम महापुरुष नहीं, भगवान हैं।

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के गठन पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि इसमें एक भी व्यक्ति ऐसा नहीं है, जो प्राण प्रतिष्ठा कर सके। हमने जो ट्रस्ट बनाया था उसमें हिंदू के प्रतिनिधि थे। इसमें शंकराचार्य के अलावा रामानांदाचार्या और अखाड़ों के सदस्य थे, लेकिन वर्तमान ट्रस्ट में ऐसे लोगों को रखा गया है, वो प्राण प्रतिष्ठा क्या कराएंगे। हमारा लक्ष्य था कि वो आराधना का स्थल बने न कि वहां पर आंदोलन की बातों को लिखा जाए। शंकरचार्य ने धन संग्रह पर भी सवाल उठाया, कहा कि ये लोग पैसे लेते हैं, लेकिन इसका हिसाब नहीं देते हैं। सोने की ईंट का जो पैसा लिया गया था उसका हिसाब कहां पर है?

कोरोना महामारी के लिए शंकराचार्य ने कहा कि दूषित खाने और दूषित जल जहां है, वहां पर इस बीमारी का प्रसार हुआ है। सरकार ने जल को शुद्ध करने के लिए कुछ नहीं किया है। कल्पवासी क्षेत्र में देखिए गंगा किनारे प्रवास करने वाले लोग बोतल का पानी पी रहे हैं। विभाग बनाने से कुछ नहीं होगा।

हरिद्वार कुंभ को उन्होंने महत्वपूर्ण बताया। शंकराचार्य ने कहा कि गंगा की तीन जगह पर धारा का विशेष महत्व है। हरिद्वार जहां पर तमाम नदियां गंगा हो जाती हैं, प्रयागराज जहां पर यमुनोत्री से निकली यमुना भी गंगा में मिल जाती हैं और तीसरा गंगा सागर।

(जेपी सिंह वरिष्ठ पत्रकार हैं और इलाहाबाद में रहते हैं।)

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