Saturday, April 27, 2024

जींद रैली ने उड़ाई सरकार की नींद, नेताओं ने कहा- अब मोदी को चलता करने की बारी

मोदी सरकार के विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 71वां दिन है। सरकार द्वारा किसानों के इस आंदोलन को दबाने और कुचलने की तमाम दमनकारी नीतियों को असफल करते हुए यह आंदोलन दिन-ब-दिन तेज होता जा रहा है और किसानों के आंदोलन को और अधिक समर्थन मिल रहा है। इसी कड़ी में आज हरियाणा के जींद में किसान महापंचायत का आयोजन हुआ।

जींद में महापंचायत को संबोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने मोदी सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि यदि तीनों कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया गया तो मोदी का सत्ता पर बने रहना मुश्किल हो जाएगा।

हरियाणा के जींद जिले के कंडेला गांव में आयोजित किसान महापंचायत के मंच से राकेश टिकैत ने मोदी सरकार और बीजेपी पर जमकर हमला बोला। राकेश टिकैत ने सरकार से गिरफ्तार किए गए किसानों की बिना शर्त रिहाई की मांग की और उनकी रिहाई के बाद ही सरकार के साथ किसी तरह की वार्ता होने की बात दोहराई।

महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि जींद में मंच भी टूटा, भीड़ का रिकॉर्ड भी टूटा, वर्ष 2021 युवा क्रांति का साल है।

राकेश टिकैत ने कहा कि मंच तो भाग्यवान लोगों के टूटते हैं। इस आंदोलन का कोई एक नेता नहीं है, यह किसानों का आंदोलन है, और किसान ही इसके नेता हैं। जिस दिन इनकी जरूरत होगी ये आएंगे। यही किसान हैं, यही ट्रैक्टर हैं। सरकार को हमारे 40 नेताओं से बात करनी पड़ेगी। वही हमारा ऑफिस रहेगा। हम वहीं रहेंगे।

राकेश टिकैत ने कहा कि यदि सरकार ने किसानों की बात नहीं सुनी तो यह पंचायत जारी रहेगी। 40 लाख ट्रैक्टरों की देश भर में यात्राएं निकलेंगी।

जींद किसान महापंचायत में राकेश टिकैत ने जो मुख्य मांगे रखीं वे हैं-
तीनों कृषि कानून वापस हो। एमएसपी को कानून बनाया जाए।
गिरफ्तार किसानों को रिहा किया जाए।
स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को लागू किया जाए।
किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस हों।

गौरतलब है कि महापंचायतों में हजारों की संख्या में किसानों की भीड़ उमड़ रही है और वे लगातार दिल्ली के किसान आंदोलन में पहुंच रहे हैं। आज जींद में इतनी भीड़ उमड़ी की पैर रखने की जगह नहीं बची थी। वहीं मंच पर भी इतनी भीड़ हुई कि मंच ही टूट गया। इसके बाद टिकैत ने कहा कि भाग्यवानों का मंच टूटता है।
 

राकेश टिकैत ने सरकार को ललकारते हुए कहा कि 30 लाख लोग दिल्ली के अंदर आंदोलन में शामिल हुए। वहां उस दिन अगर मैंने पानी की जगह आग मांग ली होती तो पता नहीं क्या होता, लेकिन मैंने पानी इसलिए मांगा क्योंकि पानी की तासीर ठंडी होती है। उन्होंने किसानों से कहा कि आप गुस्सा नहीं करेंगे आप अपना गुस्सा हमें दे दें।

गौरतलब है कि इससे पहले जब पुलिस राकेश टिकैत सहित अन्य नेताओं को गिरफ्तार करने आई थी तब टिकैत ने आरोप लगाया था कि सरकार ने धोखा दिया और पुलिस के साथ बीजेपी-आरएसएस के गुंडे गाजीपुर में किसानों को मारने के लिए पहुंचे हुए थे, जिसके बाद राकेश टिकैत ने गिरफ्तारी देने से इंकार करते हुए गांव का पानी पीने का प्रण लेते हुए किसानों से आह्वान किया था। इसके बाद उसी रात पश्चिमी यूपी, हरियाणा और पंजाब से रातों रात हजारों किसान गाजीपुर के लिए निकल पड़े थे। अगले दिन मुजफ्फनगर में पहली किसान महापंचायत नरेश टिकैत ने बुलाई थी, जहां हजारों की संख्या में किसानों की भीड़ उमड़ पड़ी थी और उनका दिल्ली बॉर्डर पर आने का सिलसिला शुरू हो गया था।

उसके बाद पहली फरवरी को यूपी के बिजनौर में भी किसान महापंचायत का आयोजन हुआ। आज जींद में महापंचायत आयोजित हुई। राकेश टिकैत ने साफ़ शब्दों में कह दिया कि सरकार ने यदि किसानों की मांगें नहीं मानीं तो यह सिलसिला जारी रहेगा।

(वरिष्ठ पत्रकार नित्यानंद गायेन की रिपोर्ट।)

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