लोकतंत्र बचाने के लिए एकजुट हों, तानाशाह मोदी सरकार को उखाड़ फेंकें: CWC में बोले खड़गे

नई दिल्ली। हैदराबाद में हो रही कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने नेताओं से लोकतंत्र को बचाने के लिए एकजुट होने और “तानाशाह मोदी सरकार” को उखाड़ फेंकने का आह्वान किया। उन्होंने एकता और संगठनात्मक अनुशासन पर जोर दिया और पार्टी नेताओं से व्यक्तिगत मतभेदों को भुलाकर आगामी राज्यों और लोकसभा चुनावों में पूरी ताकत से विरोधियों का मुकाबला करने को कहा।

विचार-विमर्श के दूसरे दिन विस्तारित सीडब्ल्यूसी बैठक को संबोधित करते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि अगले 2-3 महीनों में 5 राज्यों के चुनाव तय हैं। लोकसभा चुनाव महज 6 महीने दूर हैं। जम्मू-कश्मीर में भी विधानसभा चुनाव हो सकते हैं, हमें ये भी ध्यान रखना होगा। उन्होंने कहा कि पार्टी का लक्ष्य इन विधानसभा चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को हराना और देश में वैकल्पिक सरकार बनाने के लिए लगन से काम करना होना चाहिए।

खड़गे ने मोदी सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए उस पर राजनीति करने और नए मुद्दे लाकर लोगों का ध्यान बुनियादी मुद्दों से भटकाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पार्टी नेताओं को इस तरह की ध्यान भटकाने वाली बातों से दूर रहना चाहिए और वास्तविक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित रखना चाहिए।

हाल ही में, इंडिया गठबंधन की मुंबई बैठक के दौरान मोदी सरकार ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर एक समिति का गठन किया है। इस पर खड़गे ने कहा, सभी परंपराओं का उल्लंघन करते हुए, इसमें अपने एजेंडे को पूरा करने के लिए एक पूर्व राष्ट्रपति को भी शामिल किया गया।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि देश बदलाव चाहता है, ये संकेत हमारे सामने है। हाल के चुनावों में कर्नाटक और उसके पहले हिमाचल प्रदेश में हम विजयी रहे, ये इस बात का प्रमाण हैं। उन्होंने कहा कि ये आराम से बैठने का समय नहीं है। दिन-रात मेहनत करनी होगी। उन्होंने कांग्रेस नेताओं से मतदाताओं से जुड़े रहने और विरोधियों द्वारा फैलाई गई झूठी कहानी का तुरंत तथ्यों के साथ मुकाबला करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि पूरा देश हैदराबाद की इस बैठक के संदेश का इंतजार कर रहा है।

उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि नेताओं को आत्मसंयम रखना चाहिए और अपने पार्टी सहयोगियों या पार्टी के खिलाफ बयान देने के लिए मीडिया में जाने से बचना चाहिए ताकि संगठन के हितों को नुकसान न पहुंचे। उन्होंने कहा कि इसी तरह, संगठनात्मक एकता अत्यंत महत्वपूर्ण है। एकता और अनुशासन से ही हम अपने विरोधियों को हरा सकते हैं। कर्नाटक का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वहां हम एकजुट रहे और सफलता हासिल करने के लिए अनुशासन के साथ संघर्ष किया।

खड़गे ने जोर देकर कहा, “हमारा लक्ष्य पांच राज्य के विधानसभा और 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को हराना और देश में वैकल्पिक सरकार बनाने के लिए परिश्रमपूर्वक काम करना होना चाहिए।” यह देखते हुए कि आगे कुछ चुनौतियां हैं, खड़गे ने कहा कि ये चुनौतियां सिर्फ कांग्रेस की नहीं हैं, यह भारतीय लोकतंत्र के अस्तित्व और भारतीय संविधान के संरक्षण से भी संबंधित हैं।

उन्होंने कहा कि चुनौती संविधान और एससी/एसटी/ओबीसी, महिलाओं, गरीबों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों को बचाने की है।छत्तीसगढ़ और राजस्थान में हमारी राज्य सरकारों ने सामाजिक न्याय का नया मॉडल बनाया है। इसके बारे में हमें पूरे देश को बताना है।

यह दावा करते हुए कि कांग्रेस ने देश में संविधान और लोकतंत्र की नींव रखी थी, इसलिए उनकी रक्षा करने की जिम्मेदारी भी पार्टी पर है। उन्होंने कहा कि “इसके लिए हमें अपनी आखिरी सांस तक लड़ना होगा।”

मल्ल्लिकार्जुन खड़गे ने बैठक में कहा कि “मैं यहां उपस्थित प्रदेश अध्यक्षों और विधायक दल के नेताओं से पूछना चाहता हूं कि क्या मंडल, ब्लॉक और जिला स्तर पर आपकी समितियां तैयार हैं? क्या हम उन्हें नियमित कार्यक्रम दे रहे हैं? क्या हमने संभावित उम्मीदवारों की पहचान शुरू कर दी है?”

उन्होंने कहा कि “यह हमारे लिए आराम करने का समय नहीं है। भाजपा शासन में पिछले 10 वर्षों में आम लोगों के सामने चुनौतियां कई गुना बढ़ गई हैं। प्रधानमंत्री ने गरीबों, किसानों, मजदूरों, महिलाओं और युवाओं की चिंताओं को संबोधित करने से इनकार कर दिया है। वह खुद से परे नहीं देख सकते हैं।” उन्होंने कहा, “ऐसी परिस्थितियों में हम मूकदर्शक नहीं बने रह सकते।”

(जनचौक की रिपोर्ट।)

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