Sunday, April 28, 2024

लोकसभा पैनल ने 31 अक्टूबर को टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को किया तलब

नई दिल्ली। लोकसभा की आचार समिति ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को कैश फॉर क्वेरी आरोपों पर अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिए 31 अक्तूबर को पेश होने के लिए कहा है। पैनल ने गुरुवार को मामले के संबंध में जय अनंत देहाद्राई और निशिकांत दुबे के बयान दर्ज किए। गौरतलब है कि भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा पर संसद में सवाल पूछने के लिए पैसा लेने का आरोप लगाया है।

गुरुवार को लोकसभा आचार समिति की बैठक के बाद, इसके प्रमुख और भाजपा सांसद विनोद कुमार सोनकर ने कहा कि वे आरोपों की जांच में गृह और आईटी मंत्रालय से सहायता मांगेंगे। सोनकर ने कहा, मोइत्रा को 31 अक्टूबर को पैनल के सामने पेश होने के लिए कहा गया है।

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने इस महीने की शुरुआत में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखे पत्र में कहा था कि महुआ मोइत्रा ने संसद में अडानी समूह के खिलाफ सवाल पूछने के लिए व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से “रिश्वत” स्वीकार की थी।

निशिकांत दुबे के आरोप, जो उन्होंने केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव और लोकपाल को भेजे हैं, वह वकील जय अनंत देहाद्राई द्वारा प्रदान की गई जानकारी पर आधारित हैं, जिसकी बाद में हीरानंदानी ने पुष्टि की थी। दुबई में रहने वाले हीरानंदानी ने एक “शपथ-पत्र” जारी कर कहा है कि मोइत्रा ने उन्हें अपना संसद लॉगिन और पासवर्ड दिया था ताकि वह उनकी ओर से प्रश्न पोस्ट कर सकें।

लोकसभा आचार समिति के अध्यक्ष भाजपा सांसद विनोद कुमार सोनकर हैं। समिति के अन्य सदस्यों में भाजपा के विष्णु दत्त शर्मा, सुमेधानंद सरस्वती, अपराजिता सारंगी, राजदीप रॉय, सुनीता दुग्गल और भाजपा के सुभाष भामरे हैं; जबकि कांग्रेस के वी वैथिलिंगम, एन उत्तम कुमार रेड्डी, बालाशोवरी वल्लभनेनी और परनीत कौर हैं; शिव सेना के हेमंत गोडसे; जद (यू) के गिरिधारी यादव; सीपीआई (एम) के पी आर नटराजन; और बसपा के दानिश अली आचार समिति के सदस्य हैं।

मोइत्रा ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि आरोप “व्यवसायी गौतम अडाणी के समूह के इशारे पर” लगाए गए थे। उन्होंने एक्स पोस्ट में भी यह दावा किया था कि उन्हे आसन्न सीबीआई छापे के बारे में एक संदेश मिला था। “मैं सीबीआई को घर आने और मेरे जूतों की जोड़ी गिनने के लिए आमंत्रित करती हूं। लेकिन पहले कृपया अडाणी द्वारा भारतीयों से चुराए गए 13,000 करोड़ कोयला धन के मामले में एफआईआर दर्ज करें।”

उन्होंने पोस्ट किया था, “एनआईसी से अनुरोध है कि कृपया सांसदों के सभी विवरण सार्वजनिक रूप से जारी करें ताकि यह दिखाया जा सके कि वे उस स्थान पर शारीरिक रूप से मौजूद थे जहां से उनके पीए और कर्मचारियों की आईडी तक पहुंच थी।”

(जनचौक की रिपोर्ट।)

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

Related Articles