विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ को टैगलाइन की तलाश, ‘जुड़ेगा भारत, जीतेगा इंडिया’ पर चर्चा

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नई दिल्ली। 18 जुलाई को बेंगलुरु में विपक्षी दलों ने अपने गठबंधन का नाम इंडिया (I.N.D.I.A. इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव एलाएंस) दिया था। बैठक के दो दिन बाद विपक्षी पार्टियां अब उसमें हिंदी टैगलाइन देने पर काम कर रही हैं। जबकि कुछ पार्टियों ने दावा किया कि टैगलाइन इंडिया-“जीतेगा भारत” को अंतिम रूप दे दिया गया है। अभी टैगलाइन पर विचार एवं चर्चा का दौर जारी है।

कांग्रेस के सूत्रों ने कहा कि पार्टियों ने अभी तक औपचारिक निर्णय नहीं लिया है। कुछ कांग्रेस नेताओं ने कहा कि टैगलाइन “जुड़ेगा भारत, जीतेगा इंडिया” हो सकती है, जो राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का संदेश था। एकता के प्रयासों से उत्साहित गठबंधन के नेता टैगलाइन पर निर्णय लेने के लिए गुरुवार को बैठक करने वाले थे, लेकिन संसद के मानसून सत्र के शुरू होने और मणिपुर हिंसा के दौरान महिलाओं को नग्न घुमाने की वीडियो वायरल होने के बाद बैठक के टलने की संभावना है।

हालांकि टैगलाइन पर विरोधाभासी विचार हैं, विभिन्न दलों ने कहा कि “भारत” शब्द निश्चित रूप से इसमें शामिल होगा। बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक में कुछ नेताओं ने सुझाव दिया था कि गठबंधन की एक हिंदी टैगलाइन होनी चाहिए और उसमें भारत शब्द शामिल होना चाहिए।

“भारत जोड़ो यात्रा का मूल संदेश: जुड़ेगा भारत” था। अंतिम टैगलाइन को कई क्षेत्रीय भाषाओं में दोहराए जाने की संभावना है। कांग्रेस संचार प्रमुख जयराम रमेश ने एक ट्विटर पोस्ट में कहा था कि “26 राजनीतिक दलों के बेंगलुरु सम्मेलन का आवश्यक संदेश: जीतेगा इंडिया ” है।

मंगलवार को, विपक्ष द्वारा अपने गठबंधन का नाम I.N.D.I.A. (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव एलाएंस) रखने का निर्णय लेने के कुछ घंटों बाद असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने ट्वीट किया था: “हमारा सभ्यतागत संघर्ष इंडिया और भारत के आसपास केंद्रित है। अंग्रेजों ने हमारे देश का नाम इंडिया रखा। हमें खुद को औपनिवेशिक विरासतों से मुक्त करने का प्रयास करना चाहिए। हमारे पूर्वज भारत के लिए लड़े और हम भारत के लिए काम करते रहेंगे। भाजपा भारत के लिए।”

एआईसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने हिमंत बिस्वा सरमा पर हमला बोलते हुए ट्वीट किया कि “भाजपा की विभाजनकारी प्रवृत्ति पूरे शबाब पर है, क्योंकि वे हमारे देश को कई नामों से विभाजित करने की कोशिश कर रहे हैं। इंडिया भारत है, और भारत इंडिया है। यदि आपने कभी संविधान को देखा होता, तो आपने अनुच्छेद-1 पढ़ा होता। आप लोगों को दैनिक आधार पर धर्म, जाति, समुदाय, जातीयता और क्षेत्रीय आधार पर विभाजित करते हैं। क्या क्रिकेट के मैदान पर इंडिया की जय-जयकार करने वाले लोग भारतीय नहीं हैं? क्या वे भारतीय जो दुनिया को गर्व से बताते हैं कि वे इंडियन हैं, क्या कम देशभक्त हैं? सरमा जी, भारत को गलत नजरिए से देखना बंद करें। देखें कि हमें क्या एकजुट करता है- हमारी देशभक्ति, हमारा भाईचारा और हमारा सद्भाव ही हमें भारतीय बनाता है! जुड़ेगा भारत, जीतेगा इंडिया।”

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि “क्या असम के मुख्यमंत्री के अंगूर खट्टे हैं? उनके नए गुरु, श्री मोदी ने हमें स्किल इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया और डिजिटल इंडिया – चल रहे कार्यक्रमों के लिए नए नाम दिए। उन्होंने विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों से ‘टीम इंडिया’ के रूप में मिलकर काम करने को कहा है। उन्होंने वोट इंडिया की अपील भी की! लेकिन जब 26 राजनीतिक दल अपने गठबंधन को इंडिया कहते हैं, तो वह नाराज़ हो जाते हैं और कहते हैं कि इंडिया का उपयोग ‘औपनिवेशिक मानसिकता’ को दर्शाता है! उसे यह बात अपने बॉस को बता देनी चाहिए।”

(जनचौक की रिपोर्ट।)

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प्रदीप सिंह https://www.janchowk.com

दो दशक से पत्रकारिता में सक्रिय और जनचौक के राजनीतिक संपादक हैं।

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