वाराणसी। सर्व सेवा संघ पर रेलवे ने कब्जा कर लिया है। यह सब मोदी-योगी सरकार की शह पर हो रहा है। कब्जा करने के पहले रेलवे के अधिकारियों पर सर्व सेवा संघ के दस्तावेजों में छेड़छाड़ करने का आरोप लग रहा है। अब सर्व सेवा संघ ने रेलवे के अधिकारियों पर न्यायिक दस्तावेजों में छेड़छाड़ और फर्जीवाड़ा का आरोप लगाते हुए वाराणसी के सत्र न्यायालय में मुकदमा दर्ज कराया है।
सर्व सेवा संघ के रामधीरज ने बताया कि “ सर्व सेवा संघ ने आज वाराणसी के सत्र न्यायालय में एक नया वाद रेलवे अधिकारियों पर सीआरपीसी की धारा 341 के तहत दर्ज करा दिया है। रेलवे के अधिकारियों ने सर्व सेवा संघ के न्यायिक दस्तावेजों में छेड़छाड़ और फर्जीवाड़ा किया है। इस मुकदमे में वरिष्ठ वरिष्ठ मंडल अभियंता लखनऊ के रंजीत कुमार सहित वरिष्ठ मंडल अभियंता तृतीय लखनऊ, सीनियर सेक्शन इंजीनियर उत्तर रेलवे वाराणसी, सहायक मंडल अभियंता उत्तर रेलवे वाराणसी को अभियुक्त बनाया गया है।
आज यानि 28 जुलाई को फास्ट ट्रेक कोर्ट सिविल में दायर मुकदमे 522/ 2023 में 7/ 11 के तहत सुनवाई होनी थी। लेकिन अब अगली सुनवाई 3 अगस्त को होगी। वाद निरस्त करने संबंधी सरकारी पक्ष के आवेदन का जवाब सर्व सेवा संघ की ओर से दाखिल किया गया है।
ज्ञात हो कि 22 जुलाई, 2023 को राजघाट स्थित सर्व सेवा संघ के राजघाट परिसर पर वाराणसी कमिश्नर कौशल राज शर्मा के निर्देश पर एसडीएम, सदर जयदेव सीएस और रेलवे अधिकारी आकाशदीप सिंह के नेतृत्व में अवैध कब्जा कर लिया गया।
इसकी पृष्ठभूमि 10 अप्रैल को तैयार कर ली गई थी जब उत्तर रेलवे की ओर से एक पिटीशन दर्ज कराया गया था। सर्व सेवा संघ के अधिवक्ता भुवन मोहन श्रीवास्तव ने जब विसंगतियों को स्पष्ट किया तो बाद में इसमें छेड़छाड़ कर मूल वाद को बदलकर इसे दुरुस्त कर लिया गया। सत्यापित प्रतिलिपि में इस फर्जीवाड़ा का जब पता चला तब सीआरपीसी धारा 340 के तहत एसडीएम न्यायालय में सर्व सेवा संघ की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया जिसे नहीं सुना गया और एसडीएम ने इसे भी रेलवे के मुकदमे के साथ डिस्पोज कर दिया।
रेलवे के इसी मुकदमे को आधार बनाकर 22 जुलाई, 2023 को रेलवे प्रशासन ने वाराणसी कमिश्नर के सहयोग से सर्व सेवा संघ की परिसंपत्ति पर कब्जा जमा लिया।