Friday, April 26, 2024

गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद फैमिली एम्पायर के प्रमुख फिक्सर के रूप में उभरे: फोर्ब्स

अडानी ग्रुप की मुश्किलें खत्म होती नजर नहीं आ रही हैं। हिंडनबर्ग के बाद फोर्ब्स ने अपनी एक रिपोर्ट में गौतम अडानी के भाई विनोद अडानी पर बड़ा आरोप लगाया है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि लोन के लिए ग्रुप के प्रमोटर की हिस्सेदारी को गिरवी रखा गया। हिंडनबर्ग ने भी फोर्ब्स की रिपोर्ट को ट्वीट किया, जिसमें दावा किया है कि अडानी ग्रुप के प्रमोटर के स्टेक को कर्ज के लिए गिरवी रखा गया है।

रिपोर्ट के अनुसार, गौतम अडानी के भाई विनोद अडानी द्वारा नियंत्रित एक प्राइवेट कंपनी की सिंगापुर की यूनिट ने एक रूसी बैंक से कर्ज के लिए अडानी समूह के प्रमोटर की 240 मिलियन डॉलर की हिस्सेदारी को गिरवी रखा है। जबकि गौतम अडानी का दावा करते रहे हैं कि विनोद अदानी से उनके समूह का कोई सम्बन्ध नहीं है।

अमेरिकी सार्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी समूह पर एक और मिसाईल चलाया और इसमें गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद अडानी शामिल हैं। हिंडनबर्ग ने शुक्रवार को ट्वीट किया, “फोर्ब्स अडानी प्रमोटर के छिपे हुए वचनों का सबूत देने वाला एक प्रमुख लेख लेकर आया है: एक निजी विनोद अडानी-नियंत्रित सिंगापुर की इकाई ने एक रूसी बैंक से ऋण में अडानी प्रमोटर के 240 मिलियन डॉलर के हिस्से को गिरवी रख दिया है। भारतीय एक्सचेंजों के लिए इन प्रतिज्ञाओं का शून्य खुलासा।”

अडानी समूह की सात सूचीबद्ध फर्मों ने हिंडनबर्ग की जनवरी की रिपोर्ट के बाद से बाजार मूल्य में लगभग 125 बिलियन डॉलर बहाए हैं, जिसमें पोर्ट-टू-पॉवर समूह पर टैक्स हेवन के अनुचित उपयोग और स्टॉक हेरफेर का आरोप लगाया गया था, जिसे अदानी समूह ने अस्वीकार कर दिया था।

फोर्ब्स के लेख में कहा गया है, “विनोद अडानी, जो लंबे समय से भारतीय प्रवासी हैं, अडानी समूह के साथ अपतटीय कंपनियों के वैश्विक वेब के केंद्र में हैं। बस उन्हें संबंधित पार्टी मत कहो।” विनोद अडानी दुबई में स्थित हैं और वहां के साथ-साथ सिंगापुर और जकार्ता में व्यापारिक व्यवसायों का प्रबंधन करते हैं। हुरुन इंडिया रिच लिस्ट के अनुसार, वह दुनिया के सबसे अमीर अनिवासी भारतीय हैं।

लेख में दावा किया गया है कि पिनेकल ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट पीटीइ विनोद अडानी द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से नियंत्रित सिंगापुर की कंपनी एलटीई ने 2020 में रूस के राज्य के स्वामित्व वाले वीटीबी बैंक के साथ एक ऋण समझौता किया था, जिसे यूक्रेन युद्ध के कारण पिछले साल अमेरिका ने मंजूरी दे दी थी। अप्रैल 2021 तक, पिनेकल ने 263 मिलियन डॉलर उधार लिए थे और एक अनाम संबंधित पार्टी को 258 मिलियन डॉलर उधार दिए थे।

लेख में कहा गया है कि उस साल बाद में, पिनेकल ने दो निवेश फंडों- एफ्रो एशिया ट्रेड एंड इंवेस्टमेंट्स लिमिटेड और वर्ल्डवाइड इमर्जिंग मार्केट होल्डिंग लिमिटेड- को ऋण के लिए गारंटर के रूप में पेश किया।

एफ्रो एशिया ट्रेड और वर्ल्डवाइड दोनों ही अदाणी ग्रुप के बड़े शेयरधारक हैं। अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी ट्रांसमिशन, अडानी पोर्ट्स और अडानी पावर में दोनों फंडों के पास कुल मिलाकर 4 बिलियन डॉलर (16 फरवरी के बाजार मूल्य) का स्टॉक है, जो सभी फंड को ‘प्रमोटर’ संस्थाओं के रूप में स्वीकार करते हैं। किसी भी फंड ने चार अडानी कंपनियों के लिए भारतीय वित्तीय फाइलिंग में गिरवी शेयर का खुलासा नहीं किया है, जिसमें उन्होंने निवेश किया है।

इस महीने की शुरुआत में, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने उच्चतम न्यायालय को बताया कि वह अडानी समूह के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच कर रहा है। सेबी प्रमुख कंपनी अदानी एंटरप्राइजेज की शेयर बिक्री में व्यापार पैटर्न और किसी भी संभावित अनियमितताओं की जांच कर रहा है, जिसे अडानी समूह को अपने शेयरों में गिरावट के कारण रद्द करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

हिंडनबर्ग की 24 जनवरी को आई रिपोर्ट के बाद से अडानी समूह की सात लिस्टेड फर्मों का मार्केट वैल्यू 125 अरब डॉलर घटा है। फोर्ब्स ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि विनोद अडानी, जो प्रवासी भारतीय हैं। वो लंबे समय से अडानी ग्रुप से जुड़ी ऑफशोर कंपनियों के केंद्र में हैं। मतलब कि मुख्य रूप से कारोबार से जुड़े हैं।

विनोद अडानी दुबई में रह रहे हैं और वहां के साथ-साथ वो सिंगापुर और जकार्ता में व्यापारिक व्यवसायों का प्रबंधन करते हैं। हुरुन इंडिया रिच लिस्ट के अनुसार, वह दुनिया के सबसे अमीर नॉन रेजिडेंट भारतीय हैं।

हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि अडानी ग्रुप की लिस्टेड सात कंपनियां 85 फीसदी ओवरवैल्यूड हैं। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि अडानी समूह दशकों से स्टॉक हेरफेर और मनी लॉन्ड्रिंग में लगा हुआ है। इस रिपोर्ट के बाद से अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई है और कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइजेशन घटकर आधा हो गया है।

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, विनोद अडानी ‘अपतटीय शेल संस्थाओं के एक विशाल चक्रव्यूह का प्रबंधन करते हैं’, जिन्होंने ‘सामूहिक रूप से सौदों की संबंधित पार्टी प्रकृति के आवश्यक प्रकटीकरण के बिना, सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध और निजी संस्थाओं में अरबों डॉलर स्थानांतरित किए हैं’।

रिपोर्ट में कहा गया है, “बदले में, अडानी समूह को भारतीय कानूनों से बचने में मदद मिली है, जिसके लिए कंपनी के सार्वजनिक रूप से कारोबार किए गए स्टॉक का कम से कम 25% हिस्सा गैर-अंदरूनी लोगों के स्वामित्व में होना चाहिए।”

अडानी समूह अपने अध्यक्ष के भाई के साथ अनुचित संबंधों से इनकार करता है। कंपनी ने हिंडनबर्ग को 29 जनवरी 2023 को जारी अपने 413 पेज के जवाब में लिखा, “विनोद अडानी किसी भी अडानी सूचीबद्ध संस्थाओं या उनकी सहायक कंपनियों में कोई प्रबंधकीय पद नहीं रखते हैं और उनके दिन-प्रतिदिन के मामलों में उनकी कोई भूमिका नहीं है।”

हालांकि, फोर्ब्स ने विनोद अडानी के संबंधों के साथ अपतटीय निधियों से जुड़े पूर्व में रिपोर्ट नहीं किए गए लेन-देन की पहचान की है, जो पूरे अडानी समूह को लाभ पहुंचाने के लिए डिज़ाइन किए गए प्रतीत होते हैं। यह सौदे अडानी समूह के भीतर छिपी लीवरेज और लेखा अनियमितताओं के हिंडनबर्ग के आरोपों को और बल देते हैं।

ऑस्ट्रेलिया स्थित एनालिसिस फर्म क्लाइमेट एनर्जी फाइनेंस के निदेशक टिम बकले ने फोर्ब्स को बताया, “मैंने हमेशा सोचा है कि यह एक साझेदारी थी।” “गौतम जोड़ी का गर्म, मैत्रीपूर्ण, मिलनसार सार्वजनिक चेहरा था, और विनोद निजी टैक्स हेवन में मास्टरमाइंड, असली कठपुतली मास्टर था।”

अडानी समूह और विनोद अडानी ने टिप्पणी के लिए फोर्ब्स के अनुरोधों का जवाब नहीं दिया। (विनोद अडानी का ईमेल पता, दुबई में उनके नाम पर पंजीकृत कई संपत्तियों से जुड़ा हुआ है, एक अडानी ग्लोबल डोमेन है।)

अडानी की कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले की चार्जशीट में

सिंगापुर की एक कंपनी गुदामी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड, जो अडानी समूह का हिस्सा रही है, के ख़िलाफ़ अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले में ईडी द्वारा 2014 और 2017 में चार्जशीट दायर की गई थी। इस पर घोटाले के प्रमुख आरोपी गौतम खेतान के साथ कंसल्टेंसी सर्विसेज़ के नाम पर जाली इनवॉइस बनाकर कारोबार करने का आरोप लगाया गया था। बाद में सिंगापुर को ईडी द्वारा भेजे गए लेटर रोगेटरी (एलआर) पर वहां के अधिकारियों के जवाब के बाद इस कंपनी का नाम 2018 में दायर की गई तीसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट में हटा लिया गया था।

सिंगापुर की एक कंपनी गुदामी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड को अडानी एक्सपोर्ट (जिसका नाम बाद में बदलकर अडानी इंटरप्राइजेज कर दिया गया) द्वारा 2002 में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की एक फाइलिंग में संबंधित पार्टी (रिलेटेड पार्टी) घोषित किया गया था।

हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, इसका कारण यह था कि इसके एक डायरेक्टर और एक महत्वपूर्ण शेयर होल्डर वही थे जो अडानी ग्लोबल के थे। चार्जशीट में गलत तरीके से इसका नाम गुदानी लिखा गया है। नवंबर, 2017 में एलआर भेजे जाने के बाद और तीसरी चार्जशीट दायर किए जाने से पहले गुदामी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड निष्क्रिय हो गई और इसका नाम सिंगापुर रजिस्ट्री से बाहर कर दिया गया।

सिंगापुर की कंपनी का नाम 2014 में ईडी द्वारा अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआइपी हेलीकॉप्टर घोटाला मामले में दायर की गई पहली चार्जशीट में लिया गया है। चार्जशीट में गुदामी पर इस घोटाले के प्रमुख आरोपी गौतम खेतान के साथ कंसल्टेंसी सर्विसेज के नाम पर जाली इनवॉइस बनाकर कारोबार करने का आरोप लगाया गया था।

ईडी द्वारा 2017 में दायर की गई दूसरी अनुपूरक चार्जशीट में भी गुदामी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड का नाम लिया गया था। बिचौलिए राजीव सक्सेना के खिलाफ दायर इस चार्जशीट में उन्हीं कंपनियों का नाम ठीक उसी भाषा में लिया गया है जैसा कि मूल चार्जशीट में लिया गया था।

चार्जशीट के मुताबिक, ईडी ने 2009 में डाले गए अनेक छापों में से पहले छापे में खेतान के एक कर्मचारी का लैपटॉप जब्त किया था। फॉरेंसिक जांच से कई कंपनियों के नाम सामने आए जिन्होंने शेल कंपनियों के एक मकड़जाल के मार्फत धन प्राप्त किया था। इन कंपनियों में एक नाम गुदामी का भी था।

पैसे के लेन-देन का सिलसिला अगस्ता वेस्टलैंड द्वारा ट्यूनीशिया की एक कंपनी आईडीएस ट्यूनीशिया को 24, 377, 020 यूरो ट्रांसफर करने के साथ शुरू हुआ जिसने बदले में इंटरस्टेलर टेक्नोलॉजीज लिमिटेड, मॉरीशस को 12.4 मिलियन यूरो ट्रांसफर किए। मॉरीशस की इस कंपनी के मालिक खेतान थे। अपनी चार्जशीट में ईडी का कहना है कि इंटरस्टेलर इनवॉइस के बदले में पैसे प्राप्त कर रहा था और उसका भुगतान कर रहा था।

इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि ‘गुदामी इंटरनेशनल सिंगापुर की 29 कंपनियों में से एक है जिन पर जांचकर्ताओं को दो मिलियन यूरो से ज्यादा पाने संदेह है, जिसे फर्जी इनवॉइस बनाकर वकील गौतम खेतान द्वारा कथित तौर पर चलाए जा रहे कंपनियों के नेटवर्क के भीतर काले से सफेद किया गया।

2018 में दायर की गई तीसरी अनुपूरक चार्जशीट में ईडी ने गुदामी इंटरनेशनल का नाम हटा दिया। ऐसा इसने सिंगापुर को इन कंपनियों के बारे में और जानकारी हासिल करने के लिए भेजे गए एक विस्तृत एलआर पर वहां से मिले एक जवाब के बाद किया गया।

द इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, सिंगापुर से म्यूचुअल लीगल असिस्टेंट ट्रीटी के तहत गौतम खेतान और उनके सहयोगियों की कंपनियों के बारे में, जिसमें गुदामी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड सिंगापुर भी शामिल है, जानकारी मांगी गई। वास्तव में आगे की जांच के लिए ईडी की एक टीम को सिंगापुर भी जाना था।

2018 की सप्लीमेंट्री चार्जशीट में कहा गया कि 9 फरवरी 2016 की तारीख वाला एलआर सिंगापुर और स्विट्जरलैंड को भेजा गया था। लेकिन यह एलआर जिनके लिए भेजा गया था, उनके नामों को लेकर चार्जशीट मौन है। इसमें सिर्फ इतना कहा गया है कि ‘मॉरीशस सिंगापुर और स्विट्जरलैंड से सूचनाएं/दस्तावेज प्राप्त हुए हैं।’

ईडी इस बात को लेकर बिल्कुल खामोश है कि उसे गुदामी इंटरनेशनल या डोनाल्ड मैकार्थी को लेकर सिंगापुर द्वारा क्या जानकारी दी गई थी। इंटरडेव और ब्लू आईलैंड साथ ही साथ गुदामी इंटरनेशनल और डोनाल्ड मैककार्थी, इन सभी को सिंगापुर के एकाउंटिंग एंड कॉरपोरेट्स रेगुलेटरी अथॉरिटी के द्वारा सूची से हटा दिया गया है।

हिंडनबर्ग के मुताबिक, अडानी समूह के साथ गुदामी इंटरनेशनल के संबंध की जांच डायमंड कस्टम ड्यूटी चोरी के एक मामले में डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस द्वारा 2005 में की गई थी। अपने जवाब में अडानी समूह ने कहा है उपरोक्त सभी मामले बंद हो गए हैं और उन्हें हमारे पक्ष में खारिज किया जा चुका है।

इसके अलावा इसके बारे में हमारे द्वारा सार्वजनिक तौर पर जानकारी दी गई है और हमारे सभी शेयरहोल्डर्स इसके बारे में जानते हैं। इनका यहां हवाला सिर्फ झूठी कहानी को आगे बढ़ाने की कोशिश के तहत दिया गया है।

गुदामी इंटरनेशनल के एक निदेशक चांग चुंग लिंग है जो अडानी की दूसरी कंपनियों के भी एक निदेशक हैं। डीआरआई की जांच की मुताबिक, जिसका हवाला हिंडनबर्ग ने दिया है, अडानी ग्लोबल लिमिटेड (जिसका बाद में नाम अडानी इंटरप्राइजेज लिमिटेड कर दिया गया) के रजिस्टर्ड ऑफिस का पता सिंगापुर में चांग चुंग लिंग का आवासीय पता है। विनोद शांतिलाल शाह, जो अडानी ग्लोबल लिमिटेड के निदेशक हैं और चांग चुंग लिंग, दोनों को ही एक ही पते पर रहता हुआ दिखाया गया।

(जे.पी.सिंह वरिष्ठ पत्रकार हैं)

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