Sunday, April 28, 2024

ग्राउंड रिपोर्ट: बलात्कारी भाजपा विधायक की कब रद्द होगी विधायकी, कब चलेगा योगी का बुलडोजर?

सोनभद्र। आसमान में छाये घने कोहरे के बादल, ऊपर से ओस की टपकती बूंदों के बीच आग जलाकर ठंड से राहत पाने की जुगत में जुटे ग्रामीणों की जुगलबंदी में शामिल दुद्धी भाजपा विधायक जो अब जेल भेज दिए गए हैं। लेकिन गांव में विधायक की दहशत का आलम यह कि किसी ग़ैर व्यक्ति यहां तक की गांव का ही कोई क्यों न हो, जब तब उनका भरोसेमंद न हो रामदुलार गोंड के खिलाफ कोई कुछ बोलने तो क्या उनका नाम भी लेने से हिचक खाता है।

रासपहरी गांव के तिराहे पर सड़क के एक किनारे चार-पांच की संख्या में जुटे ग्रामीण- कुछ सोनभद्र जिला मुख्यालय जाने के लिए बस की प्रतीक्षा कर रहे थे तो कुछ शौच इत्यादि से निवृत्त होकर घर की ओर जा रहे थे- जिनके कदम अलाव जलता देख बरबस ही ठिठक गए थे।

सुबह के कोई 7.00 बजने वाले थे, इक्का दुक्का लोगों को छोड़कर सभी घरों में ही दुबके मालूम पड़ रहे थे। मुख्य मार्ग से आने वाले बड़े वाहनों का कोलाहल जरूर शांत वातावरण में खलल डाल रहा था। जलते अलाव की गर्माहट महसूस हुई तो चर्चा छिड़ी नाबालिग से बलात्कार के आरोप में 25 साल की सजा पाए दुद्धी से भाजपा विधायक रामदुलार गोंड की, जिन्हें पिछले दिनों सोनभद्र की एमपी-एमएलए कोर्ट ने सजा सुनाते हुए जेल भेज दिया है।

अलाव की आग पर हाथ सेंकते हुए एक सज्जन तपाक से बोल पड़ते हैं, “अब तक तो इनकी (रामदुलार गोंड) विधायकी चली जानी चाहिए थी, लेकिन न जाने क्यों देर किया जा रहा है?” बात पूरी भी नहीं होती है कि दूसरे व्यक्ति बोल पड़ते हैं, “काहें खतम होगी विधायकी, पइसा-रुपया फ़ेंक देई होई त का होखी, फिर छुटी जाई त गांव में नरक मचाई देई!” यह कहते हुए वो अतीत में खो जाते हैं। उनके शब्दों में दर्द के साथ भविष्य की चिंताएं भी शामिल हो जाती हैं। दूसरे से सवाल करते हुए पूछ बैठते हैं “त कहो भइया कवनों कुछ ऐकर (रामदुलार गोंड) नाहीं होखे वाला हौ?”

बीजेपी विधायक का घर।

घोर आश्चर्य, चिंताओं और कयासों के बीच लोगों की छिड़ी चर्चाओं में शामिल जेल भेजे गए भाजपा के दुद्धी विधायक रामदुलार गोंड ही रहे हैं। चट्टी-चौराहे से लेकर गांव की पगडंडियों पर भी चलते-फिरते बस इसी बात की चर्चा हो रही है कि आखिरकार अभी तक रामदुलार गोंड की विधायिका गई क्यों नहीं? उसकी अवैध सम्पत्ति पर बाबा का बुलडोजर चला क्यों नहीं?

सवाल लाजमी भी है, क्योंकि मौजूदा योगी सरकार हर सवाल पर बुलडोजर लेकर खड़ी हो जाती है। ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठना गलत भी नहीं है कि, आखिरकार दुद्धी विधायक जो जेल में है उनकी विधायकी यानी विधानसभा की सदस्यता कब समाप्त होगी और उनकी संपत्तियों पर कब बुलडोजर चलेगा?

बताते चलें कि सोनभद्र के दुद्धी विधानसभा क्षेत्र से पहली दफा भाजपा से विधायक चुनकर सदन में पहुंचे रामदुलार गोंड पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। इससे भी गंभीर मामला उन पर साल 4 नवंबर 2014 को म्योरपुर थाना में उन्हीं के गांव की एक नाबालिक लड़की से पिछले एक वर्षों से डरा धमका कर बलात्कार करने का लगा था।

इस मामले में 9 वर्ष बाद सोनभद्र की एमपी एमएलए कोर्ट ने विधायक रामदुलार गोंड को नाबालिक लड़की के साथ दुराचार का आरोपी पाए जाने पर उन्हें 25 साल की कठोरतम सजा के साथ 10 लाख के जुर्माना से दंडित किया है। सजा सुनाए जाने के बाद उन्हें सीधे जेल भेज दिया गया है। लेकिन अभी तक उनकी विधानसभा की सदस्यता बरकरार बनी हुई है।

इसको लेकर सरकार को विपक्षी दलों की खरी खोटी सुननी पड़ रही है। प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बड़ा सवाल खड़ा किया है कि “आखिरकार नाबालिक बेटी के दुराचारी विधायक के साथ सरकार का यह सहानुभूति भरा रवैया क्यों? अब तक दुराचारी एमएलए की विधायकी रद्द क्यों नहीं की गई?

अखिलेश यादव ने बीते शनिवार को अपने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, “बलात्कार के मामले में बीजेपी के दुद्धी (सोनभद्र) के विधायक को 25 साल की सजा व 10 लाख रुपये का जुर्माना हुआ है, फिर भी अब तक विधानसभा की सदस्यता रद्द नहीं हुई है। कहीं उन्हें भाजपाई विधायक होने की वजह से विशेष आदर और अभयदान तो नहीं दिया जा रहा है। जनता पूछ रही है कि बुलडोजर की कार्रवाई आज होगी या कल?”

दुद्धी में पहली बार भाजपा को मिली थी फतह

उत्तर प्रदेश की अंतिम विधानसभा सीट कही जाने वाली दुद्धी विधानसभा सीट सोनभद्र जिले की सबसे पुरानी सीट है। इससे पहले हुए 17 विधानसभा चुनावों में सिर्फ एक बार यह सीट जनसंघ (अब की भाजपा) के पाले में रही है। अन्य सभी चुनावों में कांग्रेस, सपा और बसपा ने ही जीत हासिल की है। विडंबना ही कही जाएगी कि जिस सीट पर निर्दल उम्मीदवार भी परचम लहराने में कामयाब रहा हो, वहां भाजपा कमल नहीं खिला पाई थी। यूं कहें कि यह सीट भाजपा के लिए हमेशा से चुनौतीपूर्ण रही है।

वर्ष 2022 में भाजपा को यह अवसर भी मिला तो अब विधायक रामदुलार गोंड को दुष्कर्म के अपराध में 25 वर्ष की सजा ने पार्टी को गहरा झटका दिया है। वर्ष 2017 में भाजपा और अपना दल-एस गठबंधन से निर्वाचित हुए हरिराम चेरो को भी कोर्ट ने तीन साल कैद की सजा सुनाई थी। उन्हें आर्म्स एक्ट का दोषी पाया गया था, हालांकि तब तक हरिराम का कार्यकाल पूरा हो चुका था और वह बसपा में शामिल हो चुके थे।

वर्ष 2022 के चुनाव में दुद्धी विधानसभा को हर हाल में हासिल करने के लिए भाजपा ने अपना दल-एस को यह सीट न देकर अपना प्रत्याशी उतारने का निर्णय लिया था। दुद्धी सीट से 7 बार विधायक रहे आदिवासी नेता व पूर्व राज्यमंत्री विजय सिंह गोंड के गढ़ को भेदने के लिए भाजपा ने उन्हीं के शिष्य रामदुलार गोंड पर दांव लगाया जो सफल भी रहा।

कभी विजय सिंह गोंड के बेहद करीबी रहे रामदुलार उनके हर दांव से भली-भांति वाकिफ थे। लोग कहते हैं कि रामदुलार ने अपने ही गुरु के दांव को उन्हीं पर लगा कर उन्हें पराजित कर जीत हासिल कर ली थी। इस तरह देखा जाए तो भले ही भाजपा ने इस सीट पर जीत हासिल कर मिथक को तोड़ने का काम किया, लेकिन अब भाजपा के लिए यहां जीत के आसार कम दिखाई दे रहे हैं।

समाजवादी पार्टी महिला सभा की राष्ट्रीय महासचिव कीर्ति कोल कहती हैं “रामदुलार गोंड ने गरीब नाबालिग लड़की से दुराचार करने का ही सिर्फ अपराध नहीं किया है, उन्होंने एक जनप्रतिनिधि की छवि को भी धूमिल और कलंकित किया है। जिन्हें सही मायने में वह सजा मिलनी चाहिए ताकि कोई दूसरा ऐसा करने की सोच भी न सके।”

वह कहती हैं कि “बीजेपी शासन में आए दिन सिर्फ गरीबों के साथ ही अत्याचार हो रहा है। बहन बेटियों की आबरू को तार-तार किया जा रहा है। दुद्धी विधायक रामदुलार गोंड ने एक नाबालिक बेटी के साथ घिनौना कुकर्म किया है उनके घर पर बुलडोजर कब चलेगा? उस बेटी के आंसू पूछ रहे हैं कब उसको सही न्याय मिलेगा?

पीड़ित परिवार का घर।

अब खुद के लिए नहीं बेटी के लिए कर रही हूं संघर्ष

लगातार एक वर्ष तक शारीरिक, मानसिक यातना की शिकार होती आई पीड़िता को भले ही अब जाकर 9 वर्ष के बाद न्याय मिला है और रामदुलार को सज़ा। फिर भी पीड़िता के बहते आंसू अभी थमे नहीं हैं। “जनचौक” को अपनी आपबीती बताते हुए पीड़िता फफक कर रो पड़ती है। ढांढस बढ़ाये जाने पर वह कुछ देर के लिए खामोश हो जाती है। फिर बोलती है “मेरे साथ हुए अत्याचार की सजा तो पापी (रामदुलार गोंड) को मिली है, लेकिन यह भी कम है उसे तो फांसी होनी चाहिए।”  

पीड़िता आगे कहती है “अभी तो बेटी को न्याय और उसका अधिकार मिलना बाकी ही है।” वह अपनी मासूम बेटी की ओर इशारा करते हुए कहती है, “मेरे साथ हुए शारीरिक अत्याचार के बाद जन्मी इस बेटी को तो न्याय दिलाना अभी बाकी है।” इतना कहते-कहते वह बेटी का चेहरा छुपा कर रो पड़ती है।

गौरतलब हो कि सोनभद्र जिले की एमपी/एमएलए कोर्ट के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) एहसान उल्लाह खान ने आरोपी रामदुलार गोंड पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है, जो पीड़िता के पुनर्वास के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। अदालत ने 12 दिसंबर को विधायक को दोषी करार दिया था और सजा सुनाने के लिए 15 दिसंबर की तारीख तय की थी।

नाबालिग से रेप का यह मामला 4 नवंबर 2014 को सोनभद्र जिले के म्योरपुर थाने में दर्ज हुआ था। घटना के समय दुद्धी विधायक रामदुलार गोंड की पत्नी ग्राम प्रधान थी। पीड़िता के भाई की तहरीर पर पुलिस ने रामदुलार गोंड पर मामला दर्ज किया था। गोंड उस समय विधायक नहीं थे। इस मामले की सुनवाई पॉक्सो अदालत में चल रही थी।

पीड़िता का घर।

पीड़िता और उसके परिवार को अभी भी बना हुआ है खतरा

पीड़ित परिवार और पीड़िता की माने तो रामदुलार गोंड जेल में रहते हुए भी साजिश रच सकता है। वह चुप बैठने वालों में से नहीं है। वह किसी भी हद तक जा सकता है। ऐसे में उन्हें असुरक्षा का भय सताये जा रहा है। जिस दिन रामदुलार गोंड को सजा होने वाली थी उस दिन फौरी तौर पर पुलिस का पहरा जरूर पीड़िता के घर रासपहरी पर बिठा दिया गया था, जो दूसरे दिन से नदारद नज़र आया है।

पीड़िता की माने तो रामदुलार गोंड ने अपने बचने के लिए हर दांव आजमाए हैं। पीड़िता जहां ब्याही हुई है वहां जाकर सुलह करने का दबाव बनाने से लेकर धमकी दे चुका है। मायके में भाई और पिता को जान-माल की धमकी, फर्जी मुकदमे में फंसाने और केस से पीछे हटने के लिए तरह-तरह के प्रलोभन देता रहा है। वह कभी गुंडों-माफियाओं का खौफ तो कभी गांव से बाहर न निकलने के लिए भी धमकाता रहा है। बावजूद इसके पीड़िता और पीड़ित परिवार ने हार नहीं मानी। फिर भी उन्हें भय बना हुआ है।

(सोनभद्र के रासपहरी से संतोष देव गिरी की रिपोर्ट)

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