छत्तीसगढ़ः दिल्ली कूच से पहले दो माह लंबा अभियान चलाएंगे किसान

छत्तीसगढ़ किसान सभा हाल ही में बनाए गए कॉरपोरेटपरस्त और किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ दो माह लंबा अभियान चलाएगी। इस अभियान का समापन 26-27 नवंबर को दिल्ली में आयोजित एक विशाल रैली से होगा। इसमें छत्तीसगढ़ से भी हजारों किसान हिस्सा लेंगे।

छग किसान सभा के अध्यक्ष संजय पराते और महासचिव ऋषि गुप्ता ने कहा कि अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के देशव्यापी आह्वान पर यह अभियान शुरू किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस अभियान के दौरान ग्रामीणजनों को इन किसान विरोधी कानूनों और इसके दुष्परिणामों के बारे में विस्तार से समझाया जाएगा और इन कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि पूरे देश में और छत्तीसगढ़ में भी यह अभियान 2 अक्टूबर से शुरू किया जाएगा और संसद में पारित इन काले कानूनों का समर्थन करने वाली पार्टियों, इनसे संबद्ध राजनेताओं और उनके जन प्रतिनिधियों के ‘सामाजिक बहिष्कार’ का संकल्प किसानों और उनके संगठनों द्वारा लिया जाएगा।

किसान सभा के नेताओं ने बताया कि इस अभियान की कड़ी में पूरे देश में 14 अक्टूबर को ‘एमएसपी अधिकार दिवस’ मनाया जाएगा और केंद्र सरकार के इस झूठे प्रचार का भंडाफोड़ किया जाएगा कि वह डॉ. स्वामीनाथन कमीशन के आधार पर न्यूनतम समर्थन मूल्य दे रही है।

किसान सभा नेताओं ने प्रदेश के सभी किसानों और किसान संगठनों से अपील की है कि उनकी आजीविका और जीवन को बर्बाद करने वाले इन किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ उठ खड़े हों और तब तक चैन से न बैठें, जब तक कि इन काले कानूनों को वापस नहीं लिया जाता। उन्होंने कहा कि भारतीय किसान देश को उपनिवेश-युग में धकेलने की मोदी सरकार की हर कोशिशों को मात देंगे और इस संघर्ष में जीत हासिल करेंगे।

उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में इस अभियान को चलाने के लिए किसान संगठनों की साझा बैठक का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें इस अभियान की रूपरेखा बनाई जाएगी।

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