पाटलिपुत्र की जंग: आरजेडी और बीजेपी की वीडियो जंग में गुम हो गए असली मुद्दे

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पटना। फिल्म अभिनेता मनोज वाजपेई के जारी वीडियो ‘मुंबई में का बा’ की थीम बिहार चुनाव में छा गयी है। इसी गीत के तर्ज पर सोशल मीडिया से चर्चा में आईं लोक गायिका नेहा सिंह राठौर का गीत ‘बिहार में का बा’ ने खूब सुर्ख़ियां बटोरी। अब इसके जवाब में बीजेपी, ‘बिहार में ई बा’ गीत से संबंधित वीडियो जारी कर सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए विरोधी दलों पर हमला बोला है। जबकि राजद ने दो वीडियो जारी कर सरकार को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की है।

इन सबके बीच चुनावी नारों से भी एक दूसरे पर राजनीतिक दलों ने हमला तेज कर दिया है।  खास बात यह है कि दलों के नारों व वीडियो में बाढ़ की तबाही व उद्योग धंधे न होने से मजदूरों के पलायन के सवाल पर एक जैसी चुप्पी नजर आ रही है। ऐसे में एक बार फिर नेताओं के एक दूसरे पर व्यक्तिगत हमले के चलते लोगों के बुनियादी मुद्दे गायब होते दिख रहे हैं।

कोरोना काल में लोगों की नौकरियां छिन जाने से मची तबाही का असर बिहार चुनाव में दिखने का अंदाजा लगाया जा रहा था, क्योंकि नौकरी गंवाने के बाद बड़े शहरों से पलायन करने वाले लोगों में सबसे अधिक बिहारियों की संख्या रही। बेरोजगारी का दर्द झेल रहे युवाओं का सवाल मुद्दा बनना स्वाभाविक नजर आ रहा था। लेकिन पक्ष व विपक्ष के पलटवार में बुनियादी मुद्दों के बजाय व्यक्तिगत हमले अधिक होने से आम आदमी एक बार फिर चुनावी एजेंडे से गायब होते नजर आ रहा है। इसकी हकीकत इन दलों के वीडियो व चुनावी नारों में भी नजर आ रही है।

सोशल मीडिया पर नेहा सिंह राठौर का गीत ‘बिहार में का बा’ के लगातार वायरल होने से सबसे अधिक किरकिरी हो रही राजग सरकार ने बचाव में कल एक वीडियो जारी किया। बिहार में ‘ई बा’ टाइटल से जारी बीजेपी के वीडियो में “एनडीए के राज में बदलल बा बिहार हो, ई सब परिवर्तन बा साफ कर आपन लेंस हो,” । वीडियो में आगे गीत है, “नया सोच, नया उमंग बा आज बिहार के माटी में, आज पुरनका हाल ऊ नेईखे बदलल ई परिपाटी में”।

उधर कल ही राजद की तरफ़ से प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह व राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज झा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक साथ दो वीडियो जारी किया। ‘इस बार तेजस्वी तय है’ के टाइटिल से जारी वीडियो में गीत के माध्यम से कार्यकर्ताओं में जोश भरने की कोशिश की गई है। वीडियो में तेजस्वी यादव व तेज प्रताप यादव एक दूसरे का हाथ थामे, तो शुरुआत में लालू प्रसाद यादव व हाल ही में दिवंगत हुए केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह तथा पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर नजर आ रहे हैं। वीडियो के गीत की लाइन का प्रमुख बोल ‘हवा हवाई भाषण वालों को बिहार से भगाएंगे, सच्चे कर्मठ तेजस्वी को हम जिताएंगे’ है। 

राजद के दूसरे वीडियो में 15 साल, काला काल, बढ़ता अपराध नाकाम नीतीश कुमार, बेरोजगार युवा, रोजगार में पिछड़ा बिहार, गरीबी और भूख, खाना देने में सरकार नाकाम, जड़ में भ्रष्टाचार 55 से ज्यादा घोटाले, किसान परेशान, सरकार से नहीं कोई मदद, सांप्रदायिक दंगे, धर्म में बांटती सरकार, बेटियों की शिक्षा नहीं, सरकार का नहीं ध्यान जैसे सवाल हाइलाइट किए गए हैं।

दूसरी तरफ चुनावी नारों में भी प्रवासी मजदूरों व बाढ़ का मुद्दा नजर नहीं आ रहा है।आरजेडी का नारा है, ‘ना भूलेंगे, ना भूलने देंगे, जुमले बाजों की एक नहीं चलने देंगे; ‘अबकी बार चुपचाप लालटेन छाप; ‘नई सोच नया बिहार, युवा सरकार अबकी बार’ व ‘बिहार मांगे बदलाव’ है। जबकि बीजेपी का नारा है- ‘भाजपा है तैयार, आत्मनिर्भर बिहार; जदयू का नारा “न्याय के साथ तरक्की नीतीश की बात पक्की; बिहार में विकास में छोटा सा भागीदार हूं हां मैं नीतीश कुमार हूं”; “क्यों करें विचार ठीक है तो नीतीश कुमार”; “15 साल बनाम 15 साल” है।

इसके अलावा लोजपा प्रमुख चिराग पासवान का नारा “बिहार फर्स्ट, बिहारी  फर्स्ट; ”कांग्रेस का बिहार बदलो, सरकार बदलो”, पप्पू यादव की पार्टी का” जन अधिकार से बदलेगा बिहार”, राजपा का “अबकी बार, बादलो बिहार” ,प्लूरल्स पार्टी का नारा है “जनगण, सबका शासन”‘ है।

इस बार एक नई बात यह है कि प्रमुख दलों के नारे हर पांच छह दिनों में नए आ जा रहे हैं। जबकि पूर्व में एक ही नारों पर पूरा चुनाव लड़ा जाता था। जिसकी चर्चा लंबे समय तक रहती थी।

(जितेंद्र उपाध्याय स्वतंत्र पत्रकार हैं और आजकल पटना में रहते हैं।)

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