bhupesh baghel nyay

छत्तीसगढ़ में लागू होगी कांग्रेस की महत्वाकांक्षी योजना ‘न्याय’

रायपुर। कर्ज माफी, टाटा द्वारा अधिग्रहीत जमीन की वापसी जैसे फैसलों के बाद छत्तीसगढ़ में अब 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की घोषित न्यूनतम आय योजना यानी न्याय को लांच करने की तैयारी शुरू हो गयी है। पार्टी इस योजना के लए छत्तीसगढ़ को एक प्रयोग स्थली के तौर पर देख रही है।

हाल ही में “दि हिंदू” से बातचीत में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, “हम इस संबंध में पार्टी के अंदर बात कर रहे हैं और यह विचाराधीन है। इस पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत छोटी जगहों से होगी। बिल्कुल वैसे ही जैसे हमने कुपोषण के खिलाफ पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत बस्तर से की थी। इसके बाद 2 अक्तूबर से इसे पूरे राज्य में फैलाया जाएगा।”

बघेल ने कहा कि पार्टी आलाकमान और राज्य के नेताओं से आखिरी विचार-विमर्श करने के बाद इसे लागू करने के तौर-तरीकों को लोगों के सामने रखा जाएगा।

राजनीतिक जानकरों कि मानें तो देश में छत्तीसगढ़ को कांग्रेस मॉडल राज्य के रूप में स्थापित करना चाह रही है। पार्टी के आलाकमान के निर्देश पर छत्तीसगढ़ सरकार इस योजना से जुड़ा एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने जा रही है।

इस संबंध में पिछले हफ्ते प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। वह इस योजना के सिलसिले में रायपुर में थीं जहां उन्होंने बघेल से इस योजना के बारे में बात की।

2019 आम चुनाव के प्रचार में न्याय योजना कांग्रेस के लिए अहम मुद्दा था। इसका नारा था ‘अब होगा न्याय’ इस योजना के तहत गरीबों को सालाना 72 हजार रुपये देने की बात कही गई थी।

आम चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने इस योजना के बारे में बढ़-चढ़ कर प्रचार किया था। उन्होंने इसे गरीबी पर सर्जिकल स्ट्राइक, भारतीय अर्थव्यवस्था के इंजन के लिए डीजल और अर्थव्यवस्था को दोबारा पटरी पर लाने वाले साधन के तौर पर बताया था।

राहुल ने इस योजना को नरेंद्र मोदी के लोगों के खाते में 15 लाख डालने के वादे के खिलाफ उठाया था। वर्ष 2014 के आम चुनाव में नरेंद्र मोदी ने दावा किया था कि यदि वे सत्ता में आए तो काला धन वापस लाएंगे और सभी के खाते में 15-15 लाख रुपये डाले जाएंगे।

हालांकि, तमाम कोशिशों के बावजूद कांग्रेस इस योजना को लोगों के बीच बातचीत का मुद्दा बनाने में विफल रही थी।

अब छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के 20 फीसदी गरीब लोगों को सालाना 72 हजार देने का वादा किया है। कांग्रेस बार-बार दावा करती रही है कि इस तरह की योजनाए अर्थव्यवस्था को बचाए रखने के लिए जरूरी है। पार्टी के अंदर मामले के एक जानकार ने कहा है कि इस योजना को छत्तीगढ़ से शुरू करने का मकसद ही यही है।

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