डॉ.लोहिया के ‘गैर कांग्रेसवाद’ के नारे पर खेल रहे हैं पीएम मोदी

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आज जिस ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ नारे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खेल रहे हैं। असल में यह डॉ. राम मनोहर लोहिया का ‘गैर कांग्रेसवाद’ का नारा था। दरअसल आजादी के बाद कांग्रेस की गलत नीतियों के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले डॉ. राम मनोहर लोहिया ही थे। तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की फिजूलखर्ची पर डॉ. लोहिया ही अंगुली उठाते। संसद में लोहिया की तीन आना बनाम 15 आना बहस बहुत चर्चित रही है। वह डॉ. राम मनोहर लोहिया थे जिन्होंने न केवल देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की गलत नीतियों का जमकर विरोध किया बल्कि देश में गैर कांग्रेसवाद का नारा भी दे दिया था।

जेपी आंदोलन के बल पर बनी जनता पार्टी की सरकार के बाद समाजवादी तो इस नारे पर अमल न कर सके। पर जनसंघ से निकली भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस से हमेशा दूरी बनाकर रखी और यही वजह रही कि प्रख्यात समाजवादी डॉ. राम मनोहर लोहिया की नीतियों और सिद्धातों को लेकर भारतीय जनता पार्टी समाजवादियों को लगातार घेरती रही। यह समाजवादियों की सत्ता के लिए कांग्रेस से सटने की खामियां ही थीं कि मौजूदा प्रधानमंत्री ने 2014 के आम चुनाव में डॉ. राम मनोहर लोहिया की नीतियों को लेकर समाजवादियों को ही कटघरे में खड़ा कर दिया था। मौजूदा रक्षामंत्री और तत्कालीन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने तो भाजपाईयों को ही असली समाजवादी करार दे दिया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तो लगभग हर भाषण में लोहिया के गैर कांग्रेसवाद के नारे की झलक मिलती है। मोदी को जहां मौका मिलता है वहीं पर पानी पी-पीकर कांग्रेस को कोसते हैं। प्रधानमंत्री ने एक रणनीति के तहत कांग्रेस के खिलाफ जनता में व्याप्त गुस्से को भुनाया। यह भाजपा की रणनीति ही है कि भले ही आज के समाजवादी डॉ. राम मनोहर लोहिया, लोक नायक जयप्रकाश की जयंती और पुण्यतिथि पर उनकी प्रतिमा पर माथा टेकने में गुरेज करते हों पा भाजपा इस मामले में पीछे नहीं रहती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में लोहिया की जयंती पर लिखे एक ब्लॉग के जरिये कांग्रेस समेत समाजवादी दलों पर निशाना साधा था। प्रधानमंत्री मोदी ने ब्लॉग को ट्वीट करते हुए लिखा था कि जो लोग आज डॉ. लोहिया के सिद्धांतों से छल कर रहे हैं, वही कल देशवासियों के साथ भी छल करेंगे। ‘डॉ. लोहिया की याद में…’ शीर्षक के ब्लॉग को शेयर करते हुए पीएम मोदी ने लिखा था कि जो लोग डॉ. लोहिया के दिखाए रास्ते पर चलने का दावा करते हैं, वही क्यों उन्हें अपमानित करने में लगे हैं? मोदी ने ब्लॉग में लिखा था कि डॉ. लोहिया संसद के भीतर या बाहर बोलते थे, तो कांग्रेस में इसका भय साफ नजर आता था। उन्होंने लिखा था कि डॉ. लोहिया के विचार आज भी उन्हें प्रेरित करते हैं। उस ब्लॉग में उन्होंने कृषि को आधुनिक बनाने तथा अन्नदाताओं के सशक्तीकरण को लेकर काफी कुछ लिखा था। मोदी ने लिखा था कि लोहिया के इन्हीं विचारों के अनुरूप एनडीए सरकार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, कृषि सिंचाई योजना, सॉयल हेल्थ कार्ड और अन्य योजनाओं के माध्यम से किसानों के हित में काम कर रही है।

दरअसल प्रधानमंत्री ने इस ब्लॉग के माध्यम से कांग्रेस पर निशाना साधा था। प्रधानमंत्री ने लिखा था कि देश के लिए कांग्रेस कितनी घातक हो चुकी है, इसे डॉ. लोहिया भलीभांति समझते थे। 1962 में उन्होंने (लोहिया) कहा था, ‘कांग्रेस शासन में कृषि हो या उद्योग या फिर सेना, किसी भी क्षेत्र में कोई सुधार नहीं हुआ है। वहीं, विपक्ष की अन्य पार्टियों को लेकर पीएम मोदी ने लिखा था कि आज कांग्रेस के साथ तथाकथित लोहियावादी पार्टियां अवसरवादी महामिलावटी गठबंधन बनाने को बेचैन हैं। यह विडंबना हास्यास्पद भी है और निंदनीय भी है। पीएम मोदी ने लिखा था कि डॉ. लोहिया वंशवादी राजनीति को हमेशा लोकतंत्र के लिए घातक मानते थे। आज वे यह देखकर जरूर हैरान-परेशान होते कि उनके ‘अनुयायी’ के लिए अपने परिवारों के हित देशहित से ऊपर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत दिनों जब अपने कैबिनेट का विस्तार किया तो डॉ. लोहिया को याद करते हुए उनके अनुसार जनभागीदारी की बात कही थी।
(चरण सिंह वरिष्ठ पत्रकार हैं और आजकल दिल्ली में रहते हैं।)

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