छ्त्तीसगढ़ के सुकमा जिले के तत्कालीन कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन का अपहरण कांड एक बार फिर सुर्खियों में है। दंतेवाड़ा के एनआईए कोर्ट में IAS एलेक्स पॉल मेनन पेश हुए। इस दौरान अपहरण के आरोप में जेल में सजा काट रहे कथित नक्सली आकाश उर्फ हेमला भीमा को कोर्ट में पेश किया गया। जैसे ही भीमा को एलेक्स पॉल मेनन के सामने लाया गया उन्होंने उसे पहचानने से इनकार कर दिया। इस मामले में अब तक 16 गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं।
एलेक्स पॉल ने अपने बयान में कहा है कि ” घटना काफी पुरानी है। इसलिए अभियुक्त गणेश उईके, रमन्ना, पापा राव, विजय मड़कम आकाश, हुंगी, उर्मिला, मल्ला, निलेश, हिड़मा, हेमला भीमा उर्फ आकाश, मुकेश भीमा, देवा समेत 125 अन्य नक्सलियों को भी भविष्य में नहीं पहचान पाऊंगा।”
IAS ने बताई आपबीती
एलेक्स पॉल मेनन ने बताया कि 21 अप्रैल 2012 को उनका अपहरण हुआ था। उन्होंने अपने बयान में कहा कि “सुकमा के केरलापाल स्थित मांझी पारा में जल संरक्षण कार्यों के नक्शे का अवलोकन कर रहा था उसी समय वहां पर गोली चलने की आवाज आई। गोली की आवाज सुनकर मैं जमीन पर लेट गया। इसके बाद शिविर में अफरा तफरी मच गई। सभी इधर उधर भागने लगे।”

13 दिन तक जंगल में रहे एलेक्स पॉल मेनन
उन्होंने आगे बताया कि, “केरलापाल में अफरातफरी के बीच किसी व्यक्ति ने कहा कि साहब आप भाग जाइये। मैं अपनी गाड़ी से जा रहा था, तभी रास्ते में 3-4 बंदूकधारी नकाबपोशों ने मेरी गाड़ी को रोक लिया। उन्होंने पूछा कि कलेक्टर कौन है। फिर वो मेरी आंखों में पट्टी बांधकर मुझे जंगल ले गए। उन्होंने मुझे 13 दिन तक वहां रखा।”
महिला नक्सली सबूतों के अभाव में छूटी
बस्तर के केंद्रीय जेल में पिछले 12 साल तक कैद रही महिला निर्मलक्का उर्फ विजय लक्ष्मी को 4 साल पहले रिहा कर दिया गया था। दंतेवाड़ा फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रहे मामले में पुलिस उस पर लगाए आरोपों को साबित करने में नाकाम रही थी। एलेक्स पॉल मेनन के अपहरण के दौरान उनकी रिहाई के लिए जिन आठ नक्सलियों की सूची सौंपी गई थी, उसमें निर्मलक्का उर्फ विजय लक्ष्मी और उसके पति चंद्रशेखर का नाम भी शामिल था।
बता दें कि साल 2012 में IAS एलेक्स पॉल मेनन के अपहरण से हड़कंप मच गया था। जिसके बाद मध्यस्थों के माध्यम से बातचीत करके उन्हें रिहा कराया गया था।
(बस्तर से तामेश्वर सिन्हा की रिपोर्ट)
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