एंटी सीएए-पिंजरा तोड़ एक्टिविस्ट देवांगना कलिता 10 दिन में तीसरी बार गिरफ्तार

Estimated read time 1 min read

नई दिल्ली। दिल्ली में स्थित सत्ता की शीर्ष संस्थाओं की नाक के नीचे कानून और संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं फिर भी कोई संस्था उस तरफ मुंह करने के लिए तैयार नहीं है। जिस संस्था से किसी पीड़ित को सबसे ज्यादा उम्मीद होती है वह न्यायपालिका ही अब इन सबका हिस्सा बन गयी है। पिंजरा तोड़ की एक्टिविस्ट और जेएनयू से एमफिल की छात्रा देवांगना कलिता को 10 दिन के भीतर आज तीसरी बार गिरफ्तार कर लिया गया। इस बार दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने उन्हें गिरफ्तार किया है। और उसके तुरंत बाद अदालत ने भी उन्हें तीन दिनों के लिए पुलिस कस्टडी में भेज दिया।

इसके पहले कलिता अपनी साथी छात्रा नताशा नरवल के साथ 23 मई को गिरफ्तार की गयी थीं। उनके ऊपर सीएए विरोधी आंदोलन के दौरान जाफराबाद में मौजूद रहने का आरोप दिल्ली पुलिस ने लगाया था। इसमें उन्हें अदालत से जमानत मिल गयी थी।

अभी उनको जमानत मिली ही थी कि दिल्ली पुलिस ने 28 मई को उन्हें दिल्ली में हुई हिंसा के एक और मामले में गिरफ्तार कर लिया। जिसमें उनके खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र रचने और हत्या के प्रयास की धाराएं लगायी गयीं। जबकि नरवल पर यूएपीए की धारा लगायी गयी।

इस मामले में पुलिस ने 14 दिन की कस्टडी मांगी थी लेकिन कोर्ट ने उन्हें केवल दो दिन दिए। अब जैसे ही उनकी पुलिस कस्टडी खत्म हुई है कलिता को फिर से एक तीसरे मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है या फिर न्यायिक हिरासत से शिफ्ट कर दिया गया है। इस बार उन पर गैरकानूनी तरीके से इकट्ठा होने और दरियागंज में दंगा करने का आरोप लगाया गया है।

एक वरिष्ठ पुलिस अफसर ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि “23 को उन्हें पहले पिंजरा तोड़ की एक दूसरी एक्टिविस्ट नताशा नरवल (32) के साथ जाफराबाद पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया। इसमें उन पर फरवरी महीने में जाफराबाद में हुए सीएए विरोधी आंदोलन में शामिल होने का आरोप लगाया गया था। एक दिन बाद दोनों जमानत पर रिहा हो गयीं लेकिन क्राइम ब्रांच की एक दूसरी यूनिट ने उनको हत्या, हत्या के प्रयास, दंगा और आपराधिक षड्यंत्र के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया जहां से पहले नरवल को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगा भड़काने के षड्यंत्र के आरोप में यूएपीए के तहत गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें एक बार फिर शनिवार को गैरकानूनी तरीके से इकट्ठा होने और दरियागंज में दंगा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया।“

पहली गिरफ्तारी के समय कोर्ट ने कलिता और नरवल को जमानत देते समय कहा था कि आईपीसी की उनके खिलाफ लगाई गईं धाराएं गंभीर नहीं हैं। क्योंकि वो एनआरसी और सीएए का विरोध कर रही थीं।

आदेश में कहा गया था कि आरोपियों की समाज में गहरी जड़ें हैं और ये पढ़ी-लिखी हैं। और जांच के मामले में आरोपी पुलिस का पूरा सहयोग करने के लिए तैयार हैं।

इन सभी को जाफराबाद में हुए सीएए विरोधी आंदोलन के लिए गिरफ्तार किया गया है। जबकि सच्चाई यह है कि यह वही स्थान है जहां बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने भड़काऊ भाषण दिया था और जिसके बाद पूरे नार्थ-ईस्ट दिल्ली में दंगा भड़क गया था। लेकिन अभी तक गिरफ्तारी की बात तो दूर उनके खिलाफ कोई एफआईआर तक नहीं दर्ज हुई है। इस मामले में जब दिल्ली हाईकोर्ट के एक जज ने पहल की तो अगले दिन उनका तबादला कर दिया गया। इस दंगे में आधिकारिक तौर पर 60 लोगों की जानें गयी थीं।

(द वायर से कुछ इनपुट लिए गए हैं।)

+ There are no comments

Add yours

You May Also Like

More From Author