विन्सेंट शीनः जिसने कहा था कि गांधी कभी भी मारे जा सकते हैं

विन्सेंट शीन ऐसे अमेरिकी पत्रकार थे जिन्होंने बहुत साफ शब्दों में कह दिया था कि महात्मा गांधी की कभी भी…

शिक्षक के कंधे पर नैतिकता का बोझ

मेरे एक विद्यार्थी ने पिछले शिक्षक दिवस पर मुझे रामचंद्र गुहा की पुस्तक `गांधीः ईयर्स दैट चेंज्ड द वर्ल्ड 1914-1948’…

भारत छोड़ो आंदोलन की जयंती: बयालीस के गांधी में भगत सिंह का तेवर

भारत छोड़ो आंदोलन की जयंती पर महात्मा गांधी (और उनके नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी) के उस तेवर को याद करने…

महाश्वेता का महासमर

कलकत्ते के दो रहस्य कभी नहीं सुलझेंगे। एक बोटेनिकल गार्डेन का वट वृक्ष और दूसरा महाश्वेता देवी। वट वृक्ष का…

जीत की जिद में हारता लोकतंत्र

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2016 की तरह एक बार फिर संकेत दिया है कि इस बात की गारंटी नहीं…

कांग्रेस मरेगी तो लोकतंत्र जीएगा ?

यह बड़ा विचित्र संयोग है कि जब दुनिया मानव सभ्यता की सबसे खतरनाक महामारी के आतंक से जूझ रही है…

प्रतिक्रांति से परास्त लालू प्रसाद

(नब्बे के दशक में एक शोध पुस्तक की श्रृंखला प्रकाशित हुई थी। जिसमें लालू यादव पर अंबरीश कुमार ने लिखा…

बरनवालः गांधीवादी चिंतक की गुमनाम विदाई

वीरेंद्र कुमार बरनवाल के निधन की सूचना वरिष्ठ पत्रकार और बड़े भाई जयशंकर गुप्त जी की पोस्ट से मिली। अचानक…

पार्टी और आंदोलन के बीच संपूर्ण क्रांति

संपूर्ण क्रांति का काम पार्टियां करेंगी या उसके लिए समर्पित युवाओं के संगठन और उनके कंधों पर खड़ा एक व्यापक…

अमेरिका और चीन के बीच में भारत

लद्दाख में चीनी सैनिकों की दादागीरी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का अपुष्ट दावा कि उनकी भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र…