नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इजराइल-हमास लड़ाई मामले में भारत सरकार के स्टैंड की कड़ी आलोचना करते हुए उसे बेहद निराश करने वाला बताया है।
उन्होंने कहा कि शुरू से ही इस मसले पर भारत का रुख बिल्कुल अलग रहा है। भारत फिलिस्तीनियों की लड़ाई का समर्थक रहा है और हमेशा उनके अधिकारों की वकालत करता रहा है। उन्होंने यह बात मलयालम भाषा में अपनी एक फेसबुक पोस्ट में कही।
हालांकि जब हमले और काउंटर हमले की बात आती है तो भारत आम तौर पर उसकी मजबूती से निंदा करता रहा है।
राज्यसभा सांसद ने कहा कि दुर्भाग्य से मौजूदा भारत का उदाहरण युद्ध को खत्म करने के लिए पर्याप्त नहीं है।
उन्होंने केंद्र सरकार से इस मसले पर अपने विचारों को पूरे सम्मान और स्वाभिमान से अभिव्यक्त करने की गुजारिश की जैसा कि पिछले दिनों होता रहा है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने युद्ध में आम लोगों की जान के नुकसान और गाजा में हुए एक अस्पताल जिसमें 500 फिलिस्तीनियों की मौत हो गयी, पर हमले की आलोचना की है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि जब महिलाएं और बच्चे जो निर्दोष और असहाय हैं, दोनों तरफ की फायरिंग की चपेट में आ रहे हों तब भारत उसके खिलाफ बगैर कोई स्टैंड लिए कैसे रह सकता है? उन्होंने कहा कि “इजराइल और फिलिस्तीन पर भारत सरकार का रुख बेहद परेशान करने वाला है।”
उन्होंने कहा कि यह इजराइल है या कि फिलिस्तीन इससे फर्क नहीं पड़ता है, दोनों अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों से बंधे हुए हैं।
वेणु गोपाल ने कहा कि हमास द्वारा इजराइल में महिलाओं, बच्चों और बुजुर्ग नागरिकों के खिलाफ किया जाने वाला उत्पीड़न किसी भी परिस्थिति में उचित नहीं ठहराया जा सकता है।
लेकिन इसके साथ ही ऐतिहासिक पृष्ठभूमि की छानबीन करना भी जरूरी है जो उन्हें इन परिस्थितियों में ले जाकर खड़ा कर दिया।
कांग्रेस सांसद ने कहा कि यह बिल्कुल अचरज में डालने वाला है कि कुछ देश बर्बर हमले का समर्थन कर रहे हैं, जिसे इजराइल गाजा को पूरी तरह से खत्म करने के लिए संचालित कर रहा है। इसके साथ ही उन्होंने भारत सरकार से अपील की कि वह इसके पीछे न खड़ा हो।
वेणुगोपाल ने कहा कि इस युद्ध के भयानक नतीजे इस तरफ अंतरराष्ट्रीय समुदाय के ध्यान की मांग करते हैं। और भारत को शांति स्थापित करने और प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए आगे बढ़कर नेतृत्व संभालना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि यह परिपक्व और सम्माजनक उदाहरण है जिसकी दुनिया भारत से अपेक्षा करती है।
कांग्रेस नेता का यह बयान उसके ठीक एक दिन बाद आया है जब पीएम मोदी ने अस्पताल में हमले के दौरान हुई जिंदगियों के त्रासदपूर्ण नुकसान पर दुख जाहिर किया है।
अभी तक चले इस युद्ध में गाजा में 3000 से ऊपर फिलिस्तीनियों की मौत हो गयी है। जबकि इजराइल में मरने वालों की संख्या 1400 है।