हिन्दी के मशहूर कवि सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की एक बहुचर्चित और विचारोत्तेजक कविता है-‘देश कागज पर बना नक्शा नहीं होता’।…
आपस में लड़ते लोगों की ‘भीड़’
फिल्म ‘भीड़’ लेखक और निर्देशक की एक बहुत साहसिक फिल्म है। अनुभव सिन्हा ने ‘आर्टिकल 15’, ‘अनेक’, ‘थप्पड़’, ‘मुल्क’ आदि…
कला के क्षितिज से विवान सुंदरम का जाना
भारतीय कैलेंडर में यह वसंत का मौसम चल रहा है। इसके अवसान के समय ही खबर आई, विवान सुंदरम नहीं…
अतुल सती को ‘उमेश डोभाल स्मृति सम्मान’ तो हिमांशु जोशी को मिलेगा ‘उमेश डोभाल स्मृति पत्रकारिता पुरस्कार’
उमेश डोभाल स्मृति समारोह इस बार 8-9 अप्रैल को चमियाला (टिहरी) में होगा। इस वर्ष प्रतिष्ठित ‘उमेश डोभाल स्मृति सम्मान’…
जन्मदिन विशेष: अमृत काल के नागरिक के लिए उत्पल दत्त के पॉलिटिकल थियेटर को समझना क्यों है जरूरी?
हिंदी पट्टी की बहुधा आबादी उत्पल दत्त को एक हास्य कलाकार के तौर पर जानती है। उन्होंने ‘गोलमाल’, ‘चुपके चुपके’,…
नवजागरण की परम्परा को आगे बढ़ा रहा दलित साहित्य: शरण कुमार लिम्बाले
मध्यकाल में संतों ने हमें अपने अपने समय की कटु सच्चाईयों से रूबरू कराया और उसका प्रतिरोध किया। ब्रिटिश काल…
कनॉट प्लेस: 100 साल पहले जहां गांव थे, वहां कैसे बसा एक शहर?
जहां कनॉट प्लेस तथा संसद मार्ग आबाद है वहां लगभग 100 साल पहले तक माधवगंज, जयसिंह पुरा और राजा बाजार…
लोकतंत्र बचाने के संकल्प के साथ वैखरी विचारोत्सव संपन्न
नई दिल्ली। राजधानी के सुरजीत भवन में दो दिनों तक युवाओं और बुद्धिजीवियों का मेला लगा रहा। शनिवार यानि 26…
ऑस्कर से पुरस्कृत फिल्म ‘द एलीफेंट व्हिस्परर्स’ से क्या दुनिया कुछ सीखेगी?
ऑस्कर दुनिया का सबसे लोकप्रिय फिल्म पुरस्कार बन गया है। यह मूलतः अमेरिका का सिनेमा और मनोरंजन के क्षेत्र में…
पाश: ज़िस्म कत्ल होने से फलसफा और लफ्ज़ कत्ल नहीं होते!
पाश न महज पंजाबी कविता बल्कि समूची भारतीय कविता के लिए एक जरूरी नाम हैं। जब भी भारतीय साहित्य की…