कितना सुरक्षित है लोगों का मानवाधिकार?

“जब मानवाधिकार कार्यकर्ता मानवाधिकार की रक्षा करने हेतु जनता को जागरूक करते हैं, सरकारों से सवाल जवाब करते हैं तब…

जी-20 की अध्यक्षता: प्रोपोगंडा और यथार्थ!

इंडोनेशिया के बाली द्वीप पर 15-16 नवम्बर को जी -20 देशों की एक शिखर बैठक हुई। चीन, अमेरिका, ब्रिटेन फ्रांस,…

मुश्किल में बीजेपी, राहुल बना रहे हैं कांग्रेस का नया रास्ता

इस बार के चुनावों में सभी के लिए कुछ न कुछ था, लेकिन अधिकांश लोगों को उतना ही दिखने वाला…

संयुक्त मोर्चा की कठमुल्लावादी समझ

कल के ‘टेलिग्राफ़’ में प्रभात पटनायक की एक टिप्पणी है — सीमित रणनीति (Limited Strategy) । दिमित्राफ और फासीवाद के…

नोटबंदी पर सरकार नहीं चाहती सुनवाई पर सुप्रीमकोर्ट जांच के अपने रुख पर अड़ा

सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2016 के नोटबंदी के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए बेहद तल्ख…

प्रतिवाद को क्या शब्दों का अभाव !

एक युग हुआ। सन् 2010 के बसंत का महीना था। तब अरब देशों में ‘सदियों’ की तानाशाहियों की घुटन में…

छह दिसंबर: राजनीतिक हिन्दुत्व का शौर्य और लोकतांत्रिक भारत का शोक दिवस

6 दिसंबर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का परिनिर्वाण दिवस और बाबरी मस्जिद का विध्वंस दिवस है। 6 दिसंबर को ही…

पश्चिमी सिंहभूम में सुरक्षा बलों का नंगा नाच, हिंसा से लेकर महिलाओं के साथ की छेड़खानी

झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिला मुख्यालय व सदर प्रखंड मुख्यालय से करीब 32किमी दूर है अंजेड़बेड़ा राजस्व गांव, जिसका एक…

टीवी चैनल और अखबार भले ही बिक गए हों लेकिन पत्रकारिता अभी जिंदा है!

सोशल मीडिया पर तीन दिन से छाए राष्ट्रीय शोक और लिखे जा रहे स्मृतिलेखों का कुल मिलाकर सार यही है…

 मोदीराज : याराना पूंजीवाद की पराकाष्ठा

पिछले पांच वर्षों में विभिन्न कम्पनियों द्वारा बैंकों से रु. 10,09,510 करोड़ का जो ऋण लिया गया वह माफ कर…