हिंदी दिवस विशेष: भाषा और सांस्कृतिक वर्चस्व

भाषा महज संवाद का साधन नहीं है, बल्कि यह समाज के भौतिक और ऐतिहासिक विकास से गहराई से जुड़ा हुआ…

इंदिरा जय सिंह का लेख: अपने ही शपथपत्र के विरुद्ध काम करना

प्रधानमंत्री और मुख्य न्यायाधीश के द्वारा, मिलकर सार्वजनिक रूप से अपनी आस्था को प्रदर्शित करना संवैधानिक आश्वासनों को कमजोर बनाता…

हेमा कमिटी की रिपोर्ट: बात निकली है तो दूर तलक जायेगी

देश के किसी भी फिल्म उद्योग को ले लें- कास्टिंग काउच परिघटना से मुक्त नहीं मिलेगा। हाल में जारी जस्टिस…

हिन्दी दिवस विशेष: भारत एक राष्ट्र है पर उसकी राष्ट्रभाषा नहीं

यह दुर्भाग्य की बात है कि हमारे देश में आजादी के इतने वर्षों बाद ऐसी भाषा नहीं है जो देश…

विश्व: डगमगाता लोकतंत्र, उभरती निरंकुश सत्ताएं!

आज दुनिया के हर कोने में सत्ताधारियों के लिए उदार लोकतांत्रिक व्यवस्थाएं असहनीय बनती जा रही हैं। उनका झुकाव निरंकुशता…

UAPA: जन आंदोलनों के खिलाफ सत्ता का हथियार

“जमानत नियम है, जेल अपवाद” यह न्यायिक सूत्र वाक्य 1970 में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस वीआर कृष्णा अय्यर ने दिया…

गेस्टापो की तरह काम कर रही है एनआईए

वर्साय की संधि की अपमानजनक शर्तों ने जर्मन लोगों की गरिमा छीन ली थी। इस संधि ने देश की संप्रभुता…

अमेरिकी प्रभुत्व का मुकम्मल विरोध और सशक्त जन आंदोलन मौके की जरूरत

21वीं सदी के मौजूदा दौर में वैश्वीकरण का जो स्वरूप दुनिया के सामने है, वह पूरी तरह से अमेरिकी प्रभुत्व…

पुतिन के बयान के मायने और यूक्रेन युद्ध रुकवाने में मोदी की भूमिका 

रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन का यह बयान दुनिया भर में सुर्खियों में आया है कि यूक्रेन में शांति के…

क्या अब महत्वहीन हो चुके हैं शिक्षक और साक्षरता ?

सितम्बर माह में शिक्षक दिवस और साक्षरता दिवस केवल दो दिन के अंतराल पर मनाए जाते हैं ‌एक दिन शिक्षा…