कांग्रेस की आक्रामक रणनीति और मजबूत होमवर्क से भाजपा आरएसएस बैकफुट पर

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भाजपा के मोदी-शाह युग यानि पिछले 7-8 सालों में कांग्रेस पार्टी को इतना आक्रामक कभी नहीं देखा गया, किसी चुनाव में भी नहीं। नेता के स्तर पर राहुल गांधी अकेले ही भले ही कभी कभार आक्रामक दिखे हों लेकिन एक पार्टी के तौर पर कांग्रेस उतनी आक्रामक नहीं दिखी। इससे भाजपा को काउंटर करने में आसानी होती थी। प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, स्मृति ईरानी, अमित मालवीय की अगुआई में प्रोपोगैंडा टीम और मीडिया राहुल गांधी पर कुत्तों की तरह टूट पड़ती। इन्हीं के दम पर आरएसएस का फ़ासीवादी इतिहास बोलने बताने पर कोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष को माफ़ी मांगने के लिये बाध्य होना पड़ा। कार्पोरेट पर सीधे हमला करने वाले राहुल गांधी की इमेज खराब करने के लिये कार्पोरेट ने करोड़ों रुपये ख़र्च कर दिये।

लेकिन अब कांग्रेस एक पार्टी के तौर पर नई रणनीति और आक्रामक शैली में आरएसएस भाजपा के दुष्प्रचार का उन्हीं के हथियार (सोशल मीडिया) से न सिर्फ़ मुंह तोड़ जवाब दे रही है बल्कि आगे बढ़कर भाजपा के पितृ संगठन आरएसएस के ख़िलाफ़ भी हमलावर है।

ताजा मामला कांग्रेस पार्टी द्वारा किया गया एक ट्वीट है। कल कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया, जिसमें आरएसएस (RSS) की ड्रेस में आग लगी तस्वीर शेयर की। तस्वीर पर लिखा है, ‘145 days more to go.’ इस तस्वीर के साथ यह भी लिखा है, “देश को नफ़रत की बेड़ियों से मुक्त करना और भाजपा-आरएसएस द्वारा किए गए नुकसान की भरपाई करने के लिए हम कदम दर कदम अपने लक्ष्य तक पहुंचेंगे। “

इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा ‘भारत जोड़ो यात्रा’ पर भाजपा सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री द्वारा दुष्प्रचार के ख़िलाफ़ कांग्रेस ने अविलंब एक वीडियो साझा किया जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस वीडियो ने न सिर्फ़ स्मृति ईरानी बल्कि भाजपा व आरएसएस की प्रोपोगैंडा मशीनरी को बेपर्दा कर दिया।

दरअसल स्मृति ईरानी ने बेंगलुरु में शनिवार यानी 11 सितंबर को जन स्पंदन कार्यक्रम में राहुल गांधी पर राजद्रोह का आरोप लगाते हुए कहा कि, ‘आज मैं कांग्रेस पार्टी से पूछना चाहती हूं कि आप कहते हैं, भारत को जोड़ने के लिए आप यात्रा कर रहे हैं। अरे, मगर कन्याकुमारी से चले तो कम से कम इतनी निर्लज्जता तो न दिखाते, स्वामी विवेकानंद जी को प्रमाण करके तो जाते, लेकिन वो भी राहुल गांधी को स्वीकार नहीं।’

लेकिन एक बार फिर कांग्रेस ने बिना देर किये स्मृति ईरानी के झूठे बयानबाजी वाले वीडियो के साथ राहुल गांधी के विवेकानंद मेमोरियल जाने का वीडियो जिसे न्यूज एजेंसी एएनआई ने चार दिन पहले ट्विटर पर साझा किया था को जोड़कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। जिससे भाजपा नेता व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के संग संग भाजपा व आरएसएस की प्रोपोगैंडा मशीनरी भी पब्लिक के सामने नंगी हो गई।

इससे पहले अपनी पूर्व की छल, फरेब एडिटिंग रणनीति (जैसा कि राहुल गांधी के एक बयान कांट छांटकर सिर्फ़ ‘इधर से आलू डालो उधर से सोना निकालो’ हिस्से को वॉयरल भजपा ने उनकी छवि खराब करने में ज़बर्दस्त कामयाबी पायी थी, उसी रणनीति को फिर अपनाते हुए भाजपा आरएसएस की प्रोपोगैंडा मशीनरी ने उनके टंग स्लिप को फिर से भुनाने की कोशिश की लेकिन इस बार मुंह की खानी पड़ी। क्योंकि कांग्रेस पहले से होमवर्क करके बैठी थी। एक ओर उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान का वो हिस्सा सोशल मीडिया पर ज़ारी किया जिसमें उन्होंने अपनी ग़लती (टंग स्लिप) को तुरंत सुधार लिया था। जिससे लोगों को तुरंत सच्चाई का पता लग गया।

वहीं दूसरी ओर कांग्रेस की सोशल मीडिया टीम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के सारे फालतू और झूठे, ग़लत आंकड़े वाले बयानों व टंग स्लिप के वीडियो एक-एक करके सोशल मीडिया पर चला दिया और भाजपा की प्रोपोगैंडा मशीनरी को पांव सिर पर रखकर भागना पड़ा।

(जनचौक ब्यूरो की रिपोर्ट।)

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