नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस ले लिया है। यह घोषणा आज प्रधानमंत्री मोदी ने अपने राष्ट्र संबोधन में की। इसी 26 नवंबर को अपने एक साल पूरे करने वाले इस आंदोलन की यह सबसे बड़ी जीत है। प्रधानमंत्री की घोषणा के साथ ही लोकतंत्र एक बार फिर जीत गया है।
पीएम मोदी ने कहा कि “आज मैं सभी को बताना चाहता हूं कि हमने तीनों कृषि कानूनों को खत्म करने का फैसला किया है।” इसके साथ ही पिछले एक साल से चले आ रहे आंदोलन की जीत हो गयी है। बार्डरों समेत पूरे किसानों में खुशी की लहर दौड़ गयी है।
उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों का एक सेक्शन किसानों के लाभ को लेकर पुख्ता नहीं था लिहाजा हमें यह फैसला लेना पड़ा। उन्होंने कहा कि एमएसपी के नये फ्रेमवर्क पर काम करने के लिए सरकार एक कमेटी गठित करेगी। जिसमें केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों के साथ ही किसानों, कृषि वैज्ञानिकों और कृषि अर्थशास्त्रियों के भी प्रतिनिधि शामिल होंगे।
हालांकि उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि इस कानून का मकसद किसानों को सशक्त करने के लिए था। और इसकी मांग खुद किसानों और अर्थशास्त्रियों की तरफ से थी।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने किसानों से जुड़ी सरकार की तमाम योजनाओं का जिक्र किया। बहरहाल माना जा रहा है कि आसन्न चुनावों को देखते हुए सरकार बेहद दबाव में थी। और चुनाव दर चुनाव किसान आंदोलन बीजेपी को नुकसान पहुंचा रहा था। ऐसे में किसानों के दबाव का नतीजा है कि सरकार को अपने कदम पीछे खींचने पड़े हैं। यह किसानों की बहुत बड़ी जीत है।
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