लक्षद्वीप समुद्र में बसा हुआ द्वीपों का एक समूह है।
यह भारत का हिस्सा है।
इन द्वीपों की आबादी करीब पैंसठ हजार है।
यह एक केंद्र शासित इलाका है।
यानि यहाँ विधान सभा नहीं है इसलिए केंद्र सरकार यहाँ अपने प्रतिनिधि को यहाँ का प्रशासक नियुक्त करती है।
भाजपा से पहले की सरकारों द्वारा यहाँ का प्रशासक किसी रिटायर्ड आईएएस को बनाया जाता था।
लेकिन जब भाजपा केंद्र में सत्ता में आई तो उसने परम्परा तोड़ कर गुजरात में अपने एक राजनैतिक नेता प्रफुल्ल पटेल को लक्षद्वीप का प्रशासक बना दिया।
लक्षद्वीप में 93 प्रतिशत आबादी मुसलमानों की है।
यहाँ अपराध दर भारत में सबसे कम है जो लगभग शून्य है।
इलाका बहुत सुन्दर है, बेरोजगारी की दर बहुत कम है सबके पास काम है लोग खुशहाल हैं।
लेकिन भाजपा को मुसलमानों को खुश देख कर पेट में दर्द होने लगता है।
भाजपाई प्रफुल्ल पटेल ने प्रशासक बनते ही मछुआरों की समुद्र के किनारे नावें रखने के शेड तोड़ दिए।
इसके बाद बड़ी संख्या में नौकरियां खत्म करके हजारों लोगों को बेरोजगार बना दिया।
लक्षद्वीप में शराब पर पाबंदी है।
भाजपाई प्रफुल्ल पटेल ने शराब बेचने की इजाजत दे दी।
केरल, गोवा, बंगाल और नॉर्थ ईस्ट के राज्यों की तरह ही लक्षद्वीप में भी बीफ खाने और बेचने की छूट थी।
भाजपाई प्रफुल्ल पटेल ने बीफ खाने और बेचने पर रोक लगा दी यहाँ तक कि भैंसे के मीट को भी बैन कर दिया।
यह लोगों के खाने की आदत पर जबरन लादी गई अपनी संस्कृति का हमला है।
इसी के साथ भाजपाई प्रफुल्ल पटेल ने वहाँ की जमीनों को सरकार द्वारा लेकर वहाँ बाहरी लोगों को लाकर होटल आदि खोलने के लिए कानून बनाये।
लोग विरोध करें तो उन्हें जेल में ठूंसने के लिए भाजपाई प्रफुल्ल पटेल ने गुंडा एक्ट बना दिया।
जिसमें भारत के संविधान के खिलाफ ऐसे प्रावधान बना दिए जिससे वहाँ के लोगों को बिना कारण बताये बिना मुकदमा चलाये एक साल तक जेल में रखा जा सकता है।
लक्षद्वीप के लोग अपनी अर्थव्यवस्था अपनी जिन्दगी अपने सुख चैन पर इस भाजपाई गुंडे के हमले का विरोध कर रहे हैं।
किसी खुशहाल इलाके को अगर नरक में बदलना हो तो वहाँ एक भाजपाई को भेज दीजिये वह उसे नरक कैसे बनाता है यदि आपको जिन्दा उदाहरण देखना हो तो लक्ष्यद्वीप को देख लीजिये।
(हिमांशु कुमार गांधीवादी कार्यकर्ता हैं और आजकल गोवा में रहते हैं।)
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