Sunday, April 28, 2024

हेमंत सरकार ने कहा- आ बैल मुझे मार और भाजपाई पहुंच गए ढोल मजीरा लेकर

झारखंड विधानसभा की नई बिल्डिंग में नमाज के लिए एक कक्ष आवंटित किए जाने को लेकर सरकार और मुख्‍य विपक्षी दल भाजपा में ठन गई है। 

कहना होगा कि भाजपा को “मक्खी खोजे घाव” के तर्ज पर सत्ता पक्ष को घेरने और उस पर तुष्टिकरण के आरोप का दाव मिल गया है। वहीं झामुमो और हेमंत सोरेन के विरोधी भी सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हो गए हैं, जिसमें आदिवासी समाज भी पीछे नहीं है। एक तरफ जहां संघी धारा विधानसभा परिसर में हिन्दू जनप्रतिनिधियों को पूजा करने के लिए मंदिर की मांग कर रहा है, वहीं आदिवासी समाज के कई लोग सरना स्थल (सभी आदिवासियों का पूजा स्थल) और जाहेर थान (संताल आदिवासियों का पूजास्थल) की मांग कर रहे हैं। 

मुख्य विपक्ष भाजपा के पास राज्य में और कोई भी समस्या नहीं मिली है, गोया हेमंत सरकार ने सत्ता संभालते ही राज्य की सारी समस्याओं का निराकरण कर दिया है। राज्य में केवल एक ही समस्या रह गई है मुसलमान जनप्रतिनिधियों के लिए नमाज पढ़ने के लिए एक कक्ष देना। 

यहां तक कि कई बीजेपी नेताओं ने कहा है कि विधानसभा परिसर में हनुमान मंदिर की स्थापना की जाए। अगर स्पीकर ने मंजूरी दी तो हम अपने खर्च पर मंदिर का निर्माण कर सकते हैं।

बताते चलें कि झारखंड विधानसभा सभा सचिवालय के 2 सितंबर को जारी आदेश में कहा गया है कि नई झारखंड के विधानसभा भवन के कमरा नंबर TW 348 को नमाज पढ़ने के लिए आवंटित किया गया है।

बीजेपी नेता बाबू लाल मरांडी ने कहा है कि लोकतंत्र का मंदिर लोकतंत्र के मंदिर के रूप में ही रहना चाहिए। झारखंड विधानसभा में नमाज के लिए अलग कमरा आवंटित करना गलत है। हम इस फैसले के खिलाफ हैं।

वहीं, पूर्व स्पीकर और बीजेपी नेता सीपी सिंह ने कहा कि मैं नमाज के लिए कमरे के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन उन्हें झारखंड विधानसभा परिसर में मंदिर भी बनाना चाहिए। मैं यहां तक ​​मांग करता हूं कि वहां हनुमान मंदिर की स्थापना की जाए। अगर स्पीकर ने मंजूरी दी तो हम अपने खर्च पर मंदिर का निर्माण कर सकते हैं।

भाजपा के हाथ में मानो अलादीन का चिराग मिल गया है, इसी चिराग को लेकर गत 8 सितंबर को झारखंड विधानसभा में नमाज के लिए आवंटित कमरे के विरोध में बीजेपी कार्यकर्ताओं द्वारा विधानसभा का घेराव करने  के क्रम में पुलिस की तरफ से लाठीचार्ज किया गया है। पुलिस की कार्रवाई में प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश सहित कई कार्यकर्ताओं के घायल होने का राग अलापा गया।

बताया गया कि कई महिला कार्यकर्ताओं को भी चोट लगी है। पुलिस की तरफ से वाटर कैनन से भी प्रहार किया गया। वहीं बैरिकेडिंग तोड़ कर आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश, रांची के सांसद संजय सेठ और अन्य नेताओं कार्यकर्ताओं पर पुलिस की तरफ से लाठीचार्ज किया गया। पुलिस कार्रवाई के विरोध में प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश और विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी धरने पर बैठ गए।

मरांडी ने ट्वीट कर कहा है कि सिंहासन खाली करो कि जनता आती है। यह तानाशाह सरकार कितना भी जोर लगा ले, बीजेपी के कार्यकर्ताओं को डिगा नहीं सकती। तुष्टीकरण की नीतियों को जबरन थोप कर राज्य सरकार ने पूरे झारखंड का अपमान किया है। भाजपा कार्यकर्ताओं पर किया गया एक एक प्रहार का जवाब दिया जाएगा।

बीजेपी विधायकों ने कार्यकर्ताओं पर हुए लाठीचार्ज को लेकर विधानसभा में भी जमकर हंगामा किया। पार्टी के विधायक अनंत ओझा ने बीजेपी कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज का मुद्दा उठाया। नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि हमलोग शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे लेकिन जगन्नाथपुर मंदिर के पास पुलिस की तरफ से लाठीचार्ज कर दिया गया।

 भारतीय जनता पार्टी की तरफ से कक्ष” के आवंटन से जुड़े आदेश को वापस लेने की मांग हो रही है। भाजपा की ओर से विधानसभा परिसर में हनुमान मंदिर और अन्य धर्मों के पूजा स्थलों के निर्माण की मांग भी की गयी है। बीजेपी ने हेमंत सरकार पर तुष्टीकरण का आरोप लगाया है।

वहीं झारखंड विधानसभा में 7 सितंबर को जमकर हंगामा हुआ। हंगामा विधानसभा परिसर में नमाज के लिए अलग से कमरा अलॉट किए जाने को लेकर ही हुआ। इस पर बीजेपी विधायकों ने जमकर हंगामा किया। पार्टी के विधायकों ने नमाज के लिए कमरे का अलॉटमेंट रद्द करने की मांग की। इतना ही नहीं, विधानसभा में ही बीजेपी विधायकों ने भजन-कीर्तन भी शुरू कर दिया। झारखण्ड विधानसभा में बीजेपी विधायकों ने हनुमान चालीसा का पाठ किया। बीजेपी विधायक ढोल-मंजीरा लेकर विधानसभा पहुंचे थे। बीजेपी विधायकों ने साफ किया कि उनका ये विरोध तब तक जारी रहेगा, जब तक नमाज के लिए रूम अलॉटमेंट के आदेश को रद्द नहीं किया जाता या फिर अलग-अलग धर्मों के लिए भी कमरे नहीं दिए जाते।

6 सितंबर को भी नमाज कक्ष आवंटन मुद्दे पर भाजपा विधायकों ने विधानसभा में जमकर हंगामा किया। भाजपा विधायकों ने सदन की कार्यवाही शुरू होने के पूर्व हनुमान चालीसा का पाठ करते हुए सदन के प्रवेश द्वार पर तख्तियां लेकर बैठ गए, जिसमें लिखा था हरे राम। कार्यवाही शुरू होते ही जय श्रीराम के नारे लगाते हुए आसन के समीप चले गए और आवंटन रद्द करने की मांग करने लगे।

वहीं दूसरी तरफ झारखंड में इस मामले पर हेमंत सरकार की किरकिरी हो रही है। लोगों का कहना है कि नमाज कहीं भी साफ-सुथरी जगह पर खुले आसमान में भी पढ़ी जाती है। फिर विधानसभा भवन में कक्ष का आवंटन  विवाद को जानबूझकर जन्म देना हुआ।

(झारखंड से वरिष्ठ पत्रकार विशद कुमार की रिपोर्ट।)

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