Friday, April 26, 2024
प्रदीप सिंह
प्रदीप सिंहhttps://www.janchowk.com
दो दशक से पत्रकारिता में सक्रिय और जनचौक के राजनीतिक संपादक हैं।

लखनऊ कैंप में मौजूद फिजियोथेरेपिस्ट का दावा- रात में बृजभूषण से मिलने का तीन महिला पहलवानों पर था दबाव

नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों द्वारा लगाए जा रहे यौन उत्पीड़न के आरोपों में अब नया खुलासा हुआ है। जंतर-मंतर पर धरना दे रही महिला पहलवानों के आरोपों को सही बताते हुए फिजियोथेरेपिस्ट परमजीत मलिक ने दावा किया कि 2014 में आयोजित लखनऊ कैंप में कुछ महिला पहलवानों ने उनसे कहा था कि उन्हें (महिला पहलवानों) बृजभूषण शरण सिंह से रात में ‘मिलने’ का दबाव डाला जा रहा है।

इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित खबर के मुताबिक फिजियोथेरेपिस्ट परमजीत मलिक 2014 में लखनऊ में आयोजित राष्ट्रीय शिविर में उपस्थित थे। उनका दावा है कि उस दौरान शिविर में कम से कम तीन जूनियर महिला पहलवानों ने बताया कि उन्हें कैसे “दबाव” का सामना करना पड़ा और “रात में बृजभूषण से मिलने के लिए कहा गया।”

जंतर-मंतर पर पहलवानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान मीडिया से बात करते हुए, फिजियोथेरेपिस्ट, परमजीत मलिक ने कहा कि लड़कियां अपने वरिष्ठों से इस कटु अनुभव के बारे में बताते हुए रो पड़ी थीं।

परमजीत ने कहा कि उन्होंने तत्कालीन महिला कोच कुलदीप मलिक से इस बारे में बात की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।

परमजीत मलिक के खुलासे के बाद अभी तक कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और महिला कोच कुलदीप मलिक की कोई टिप्पणी नहीं आई है। जनवरी में महिला पहलवानों ने जब पहली बार धरना शुरू किया था तो बृजभूषण ने लगातार आरोपों का खंडन करते हुए कहा था कि यह सब उनके खिलाफ एक साजिश का हिस्सा है।

परमजीत ने कहा कि फरवरी में वह बृज भूषण के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए खेल मंत्रालय द्वारा गठित निगरानी समिति के सामने दो बार पेश हुए थे- पहले व्यक्तिगत रूप से, और फिर एक वीडियो कॉल में। उन्होंने कहा कि उन्होंने 2014 की घटना समिति को भी सुनाई थी।

केंद्रीय खेल मंत्रालय ने सोमवार को जांच समिति के “प्रमुख निष्कर्षों” को साझा किया, रिपोर्ट में बृजभूषण के खिलाफ लगाए गए विशिष्ट आरोपों (यौन उत्पीड़न) पर चुप साध ली गई और केवल कुश्ती निकाय के भीतर संरचनात्मक खामियों का उल्लेख किया गया है।

2014 के शिविर को याद करते हुए, परमजीत ने दावा किया कि उन्होंने पहली बार “तीन से चार” कैडेट पहलवानों को लखनऊ में भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) केंद्र में शिविर से बाहर जाते देखा था। “ये लड़कियां रात 10 बजे के बाद जा रही थीं। मैंने देखा कि जो लोग उन्हें वाहनों में लेने आए थे, वे बृजभूषण से जुड़े लोग थे, जिनमें उनका ड्राइवर भी शामिल था। बाद में लड़कियों ने पुष्टि की कि उनके साथ क्या हो रहा है।

परमजीत का दावा है कि “लड़कियों ने हमें बताया कि उन्हें दबाव का सामना करना पड़ा, और उन्हें रात में बृजभूषण से मिलने के लिए कहा गया। उस समय कम से कम तीन लड़कियां थीं जिन्होंने सीनियर पहलवानों से इसके बारे में बात की थी। मैं इन कैडेट पहलवानों को रोते हुए अपनी आपबीती सुनाते हुए देख रहा था।”

फिजियोथेरेपिस्ट ने दावा किया कि “मैं 2014 में गीता फोगट (विश्व चैम्पियनशिप पदक विजेता) का निजी फिजियो था। कैडेट पहलवान टूट गए और लखनऊ में राष्ट्रीय शिविर के दौरान बृजभूषण द्वारा कथित यौन उत्पीड़न के बारे में मुझे और मेरी पत्नी सुमन कुंडू सहित वरिष्ठ पहलवानों को बताया।”

उन्होंने दावा किया कि शिकायत करने के बाद उन्हें शिविर से जाने के लिए कहा गया। “लोग आज पूछते हैं कि लड़कियां सिर्फ अब क्यों बोल रही हैं। वे इस कदर डरी और परेशान थीं कि कहीं उनका नाम राष्ट्रीय शिविर सूची से हटा न दिया जाए, और उन्हें डर था कि विरोध करने पर चयन परीक्षण निष्पक्ष नहीं होंगे।”

परमजीत ने कहा “मैंने 2014 में लखनऊ में राष्ट्रीय शिविर में क्या हुआ था, इसके बारे में निरीक्षण समिति को बताया। जब मैं घटना के बारे में बता रहा था, समिति के सदस्यों में से एक योगेश्वर दत्त ने मुझे बार-बार बाधित किया और सबूत मांगा। हालांकि, मुक्केबाज मैरी कॉम (निगरानी समिति की प्रभारी) के आने के बाद, मुझे विवरण बताने की अनुमति दी गई थी।”

परमजीत के आरोपों की पुष्टि करते हुए, विरोध करने वाले पहलवानों में से एक, जो 2014 के शिविर में भी था, ने कहा कि इन आरोपों की भी जांच होनी चाहिए।

पिछले हफ्ते, एक नाबालिग सहित सात महिला पहलवानों ने बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न और आपराधिक धमकी का आरोप लगाते हुए अलग-अलग पुलिस शिकायतें दर्ज कीं। 21 अप्रैल को दर्ज की गई अपनी पुलिस शिकायतों में, पहलवानों ने यौन उत्पीड़न के कई उदाहरणों का हवाला दिया है, जो 2012 और हाल ही में 2022 तक के हैं।

उन्होंने आरोप लगाया है कि कम से कम चार मौकों पर पहलवानों का उत्पीड़न बृजभूषण शरण सिंह के सांसद आवास अशोक रोड, नई दिल्ली में हुआ था, जहां डब्ल्यूएफआई कार्यालय का भी काम होता था। उन्होंने आरोप लगाया है कि उत्पीड़न की घटनाएं भारत के बाहर एक अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट के साथ-साथ घरेलू प्रतियोगिताओं के दौरान भी हुईं।

बृजभूषण के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने सहित कार्रवाई की मांग करते हुए ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक, विश्व चैम्पियनशिप पदक विजेता विनेश फोगट सहित शीर्ष पहलवान रविवार से जंतर-मंतर पर धरना दे रहे हैं।

दिल्ली पुलिस के प्राथमिकी दर्ज नहीं करने पर प्रदर्शनकारी पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, जिसने मंगलवार को दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया। दिल्ली पुलिस ने बुधवार को शीर्ष अदालत को बताया कि प्राथमिकी दर्ज करने से पहले मामले में प्रारंभिक जांच की आवश्यकता है।

जबकि पहलवानों ने पहली बार जनवरी में जंतर-मंतर पर धरना दिया था, सरकार द्वारा आरोपों की जांच के लिए एक निरीक्षण समिति गठित करने के बाद विरोध को बंद कर दिया गया था।

(इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित खबर पर आधारित।)

जनचौक से जुड़े

5 1 vote
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

Related Articles