आरएसएस से जुड़े लेखकों की किताबें पढ़ाने के लिए एमपी सरकार ने कॉलेजों को दिया निर्देश

Estimated read time 1 min read

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश सरकार ने 88 किताबों की एक सूची सभी कालेजों को भेजी है और भारतीय परंपरा के ज्ञान से जुड़ा बता कर इन किताबों को अपने पाठ्यक्रमों शामिल करने का निर्देश दिया है।

किताबें सुरेश सोनी, दीनानाथ बत्रा, डी अतुल कोठारी, देवेंद्र राव देशमुख जैसे प्रमुख आरएसएस नेताओं द्वारा लिखी गयी हैं। ये सभी आरएसएस के विद्या भारती विंग से जुड़े हुए थे। सूबे के उच्च शिक्षा विभाग ने कालेजों से अलग से एक भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ बनाने के लिए कहा है और उनसे इन किताबों को स्नातक कक्षाओं के पाठ्यक्रमों में शामिल करने का निर्देश दिया है।

कांग्रेस ने सरकार की इस पहल का विरोध किया है। उसने कहा है कि केवल प्रासंगिक विषय ही पढ़ाए जाने चाहिए। उनका कहना था कि राजनीतिक विचारधारा से जुड़ी विवादित चीजों को कालेज में नहीं पढ़ाया जाना चाहिए।

इस पर बीजेपी ने कहा है कि इसमें कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है। इसके साथ ही उसने कहा है कि बच्चों को राष्ट्र निर्माण और देशभक्ति की विचारधारा ज़रूर पढ़ायी जानी चाहिए।

उच्च शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी डॉ धीरेंद्र शुक्ला ने सूबे के सभी सरकारी और प्राइवेट कालेजों के प्रधानाध्यापकों को संबोधित करते हुए एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने कहा है कि इन 88 किताबों को जल्द से जल्द खरीद लिया जाना चाहिए।

शुक्ला ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि पीएम एक्सीलेंस कालेज समेत तमाम कालेजों को हम लगातार पाठ्यक्रमों में नई किताबों को शामिल करने का निर्देश दे रहे हैं। इस तरह से अभी तक हम 400 किताबों के संबंध में ऐसा कर चुके हैं। यह कहना गलत होगा कि सभी किताबें केवल आरएसएस नेताओं की हैं।

नेशनल एजुकेशन पालिसी 2020 पाठ्यक्रमों में भारतीय ज्ञान परंपरा को शामिल करने की वकालत करती है।

शुक्ला ने कहा कि वहां बहुत सारे प्रकाशक हैं, जो हमें कैटेलाग मुहैया कराते हैं और उनमें से हम सबसे बेहतर किताबें चुनते हैं जो भारतीय विचारधारा और परंपरा को फैलाने में मदद करेंगी। इन किताबों को नई शिक्षा नीति के अनुपालन के तहत शामिल किया गया है। 

88 में से 14 किताबें अकेले दीनानाथ बत्रा द्वारा लिखी गयी हैं, जो विद्या भारती के पूर्व महामंत्री हैं और जिन्होंने आरएसएस की शैक्षिक पहल करने में प्रमुख भूमिका निभाई थी। 2017 में बत्रा ने एनसीईआरटी को क्रांतिकारी कवि अवतार सिंह पाश की कविता ‘सबसे खतरनाक’ को 11 वीं के पाठ्यक्रम से हटाने का निर्देश दिया था।

जून में सूबे के नये मुख्यमंत्री मोहन यादव ने स्कूलों के पाठ्यक्रमों में भगवान राम और कृष्ण की शिक्षाओं को शामिल करने का निर्देश दिया था।

कांग्रेस के प्रवक्ता मुकेश नायक ने कहा है कि छात्रों को किताबें ऐसी पढ़ायी जानी चाहिए, जिनसे उनके कौशल का विकास हो। सूबे में बेरोजगारी का मुद्दा बहुत बड़ा है। जिसे तत्काल हल किये जाने की जरूरत है। कालेजों को राजनीतिक विचारधारा के आधार पर लड़ाई का केंद्र नहीं बनाया जाना चाहिए। केवल प्रासंगिक विषयों को ही जो जीवन से जुड़ते हैं, पढ़ाया जाना चाहिए।   

+ There are no comments

Add yours

You May Also Like

More From Author