Saturday, April 27, 2024
प्रदीप सिंह
प्रदीप सिंहhttps://www.janchowk.com
दो दशक से पत्रकारिता में सक्रिय और जनचौक के राजनीतिक संपादक हैं।

गांधी की हत्या के बाद गोडसेवादियों का गांधी संस्थानों पर हमला

नई दिल्ली/ वाराणसी। आप के सामने गांधी की हत्या हो गई, आप कुछ नहीं कर पाए लेकिन अब आप के आंखों के सामने गांधी के विचारों की हत्या की जा रही है, क्या आप अब भी मूक दर्शक बने रहेंगे, अब भी आगे नहीं आएंगे?

गांधी की हत्या का आरोप जिस विचारधारा पर लगा था तब उनकी क्षमता पर लोगों को संदेह था। लेकिन उनकी विचारधारा कितनी जहरीली है, तब भी पता था। गांधीवादियों के लगता था कि हम उन्हें समझा कर सही रास्ते पर ला सकेंगे। लेकिन दिनों दिन उनकी जहरीली विचारधारा का फैलाव होता रहा। आज उस विचारधारा को मानने वाले केंद्र और राज्य की सरकार चला रहे हैं। गांधी की हत्या से उनकी राह का रोड़ा नहीं हटा था। आज भी गांधी विचार उनके देश और समाज विरोधी कृत्य में अड़ंगा बन हुआ खड़ा था। लिहाजा अब वे गांधी विचार पर हमला कर रहे हैं। वाराणसी में सर्व सेवा संघ परिसर पर कब्जा करने के बाद सर्वोदय प्रकाशन की किताबों को कूड़े की तरह बाहर फेंक दिया गया।

वाराणसी के सर्व सेवा संघ परिसर में अब गांधी के प्रिय भजन वैष्णव जन ते तेने…. और रघुपति राघव राजाराम…का रामधुन नहीं पुलिस के बूटों की आवाज गूंज रही है। परिसर में मातम है। परिसर में 50 वर्षों से रह रहे परिवारों को वहां से जबरन निकालकर उनके सामानों को सड़क पर फेंक दिया गया। यह सब तब हो रहा है जब वाराणसी में आज संघ के सर्वोच्च अधिकारी मोहन भागवत और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद हैं।

दो दिन पहले अखिल भारत सर्व सेवा संघ की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दोबारा सर्व सेवा संघ की भूमि के मालिकाना हक को लेकर जिला न्यायालय में वाद पर सुनवाई होना सुनिश्चित किया गया था, इसके बगैर सुनवाई के रेलवे प्रशासन भवन ध्वस्तीकरण की तैयारी में जुट गया। परिसर में पिछले 65 दिनों से भवनों के ध्‍वस्‍तीकरण के विरोध में प्रदर्शन चल रहा था। गांधी की हत्या के बाद गांधीवादियों ने गांधी विचार को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए एक संस्था की योजना बनाई। जो 1960 में सर्व सेवा संघ के नाम से हमारे सामने आई।

सर्व सेवा संघ अब मोदी सरकार के पंजे में है। शनिवार सुबह भारी पुलिस बल के साथ वाराणसी के एडीएम सिटी ने परिसर से गांधीवादियों को निकाल बाहर किया। सर्वोदय प्रेस की किताबों और परिसर में दशकों से रह रहे लोगों के सामान को बाहर फेंक दिया गया। विरोध करने वालों में सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष चंदन पाल और  उत्तर प्रदेश सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष रामधीरज समेत सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। अब सर्व सेवा संघ परिसर पर रेलवे की आड़ में वाराणसी प्रशासन ने कब्जा कर लिया है।

रामधीरज, पुलिस हिरासत

ये तस्वीरें मोदी सरकार के तानाशाही रवैये को बयां कर रही है, जहां गांधी विनोबा, जयप्रकाश और लोहिया के अनुयायी, उनके सर्वोदय के कार्यों को आगे बढ़ाने वाले जीवनदानी उत्तर प्रदेश सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष रामधीरज समेत अनेकों गांधीवादियों के साथ क्या हस्र किया जा रहा है।

सर्वोदय प्रकाशन की किताबों को सड़क पर फेंक दिया गया है, वहां रह रहे लोगों के घरों को उजाड़ा जा चुका है, ऐसा तो उनके साथ या उन संगठनों के साथ भी नहीं किया गया था जो बापू की हत्या में शामिल थे, जबकि बापू के विचारों की हत्या पर आमादा लोग आज गांधी जनों की संस्थाओं, इन राष्ट्र-नायकों की धरोहरों के साथ क्या कर रहे हैं, ये तस्वीरें सब कुछ बयां कर रही हैं?

सर्व सेवा संघ राजघाट, वाराणसी का पुस्तकालय है जिसमें कुछ पुस्तकें बाहर कचरे की ढेर जैसी पड़ी हैं और विशाल भंडार अभी अन्दर पड़ा है। कभी नालंदा विश्वविद्यालय का पुस्तकालय जलाया गया था और आज सर्व सेवा संघ के सर्वोदय प्रकाशन की पुस्तकें भी कुछ वैसी ही स्थिति में हैं।

सर्वोदय प्रकाशन की किताबें

पुलिस हिरासत में होने के बावजूद सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष चंदन पॉल ने लोगों से गांधी-जेपी की विरासत को बचाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि “शायद आप सर्व सेवा संघ, वाराणसी परिसर में गांधी-विनोबा-जयप्रकाश विरासत की ताजा स्थिति से गुजर चुके होंगे। मामला लंबित होने पर सैकड़ों पुलिस और रेलवे बलों ने बलपूर्वक परिसर पर अवैध कब्जा कर लिया। चंदन पाल, रामधीरज, अरविंद अंजुम समेत कुछ कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया। अब हमें खुशी होगी अगर गांधी-विनोबा-जेपी के अनुयायी और लोकतंत्र के प्रेमी और भारतीय संविधान का सम्मान करने वाले लोग कल 23 जुलाई, 2023 को अपने-अपने तरीके से लेकिन शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन करने का अनुरोध करें। आपके समर्थन और एकजुटता की अपेक्षा है।”

सर्व सेवा संघ परिसर पर कब्जे के बाद देश भर में समाजसेवियों, बुद्धिजीवियों और गांधीवादियों ने निंदा करनी शुरू की तो सोशल मीडिया पर सर्व सेवा संघ से जुड़ी खबरों और वीडियो को रोका जाने लगा। नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर के वीडियो को सोशल मीडिया पर रोक दिया गया है। क्योंकि उन्होंने इसमें सर्व सेवा संघ के पक्ष में बयान दिया था।

सोशल मीडिया पर मेधा पाटेकर का रोका गया वीडियो

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया कि “गांधी विचार के विरासत वाली संस्था सर्व सेवा संघ, वाराणसी परिसर को बुलडोजर से रौंदने के लिए पुलिस पहुंच चुकी है। आप जहां हैं वहीं से सोशल मीडिया पर विरोध दर्ज कराएं। आप जहां भी हो वहीं से स्वविवेक का इस्तेमाल करते हुए इस विरासत को बचाने का प्रयास कीजिए। मोदी जी दुनिया भर में जाकर गांधी के नामों पर राजनीति करना बंद कीजिए।”

“देश और दुनिया के लिए शर्म की बात है कि जिस गांधी ने देश को आजादी दिलाई उसी देश में उनके विरासत पर आज वाराणसी में बुलडोजर की कार्यवाही हो रही है। नरेंद्र मोदी जी आप सदैव देश में और विदेशों में महात्मा गांधी के सम्मान में केवल शब्दों से व गांधी की मूर्तियों के फोटों खिंचाकर सम्मान करते हैं। लेकिन आपने अपने गुजरात के मुख्यमंत्री काल में व अब प्रधानमंत्री काल में हमेशा उनके विचारों की हत्या की है। यदि आप में थोड़ा सा भी महात्मा गांधी और उनके विचारों से सहानुभूति है तो तत्काल वाराणसी में विनोभा भावे, डॉ राजेंद्र प्रसाद द्वारा स्थापित संस्था पर बुलडोज़र चलाना बंद कीजिए।”

सर्व सेवा संघ परिसर पर कब्जा करने की घटना के संबंध में सर्व सेवा संघ ने एक पत्र लिखकर अदालत को सूचित किया है। संघ ने कहा है कि मामला अदालत में विचाराधीन होने के बावजूद वाराणसी जिला प्रशासन ने परिसर पर कब्जा करके माननीय न्यायालय का अपमान किया है। यह सरासर गैर कानूनी कृत्य है। अदालत को इसका संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करना चाहिए।

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गोपाल गोयल
गोपाल गोयल
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9 months ago

जरूरी बात कही है

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