कृषि क़ानून पर अकालियों के बाद रालोपा ने भी कहा एनडीए को अलविदा

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कृषि क़ानून के मसले पर शिरोमणि अकाली दल के बाद अब राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) ने एनडीए का साथ छोड़ दिया है। पार्टी के संयोजक और नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने अब से कुछ देर पहले इसकी आधिकारिक घोषणा की है। घोषणा के बाद मीडिया से बात करते हुए हनुमान बेनीवाल ने कहा, “केंद्र सरकार कृषि बिलों को वापस न लेने पर अड़ी हुई है। ये तीनों बिल किसानों के खिलाफ हैं, इसीलिए मैंने एनडीए छोड़ दी है, परंतु कांग्रेस के साथ किसी प्रकार का गठबंधन नहीं करूंगा।”

इससे पहले 19 दिसंबर को राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने किसानों के आंदोलन के समर्थन में तीन संसदीय समितियों से इस्तीफा दे दिया था। बेनीवाल ने अपना इस्तीफा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को भेजा था।

आज सुबह ही बेनीवाल ने किसान आंदोलन के समर्थन में दो लाख किसानों को लेकर राजस्थान से दिल्ली कूच करने का एलान किया था। वहीं आज दिल्ली-जयपुर हाईवे 48 स्थित धरने पर बैठे किसानों ने राजस्थान के सांसद हनुमान बेनीवाल को अपना मंच साझा करने से रोक दिया था।

किसानों के मुद्दे पर ही एनडीए के सहयोगी दल अकाली दल ने भी उसका साथ छोड़ दिया था। तब मोदी सरकार में कृषि मंत्री रही शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।

हरियाणा में भाजपा की खट्टर सरकार में सहयोगी जजपा भी न्यूनतम समर्थन मूल्य के मुद्दे पर सरकार पर दबाव बनाए हुए है। इस सिलसिले में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद सिंह तोमर और गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक भी कर चुके हैं।

(जनचौक के विशेष संवाददाता सुशील मानव की रिपोर्ट।)

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