Friday, March 29, 2024

गिरफ्तारी, जाम और बंद दिन भर की एक ही खबर!

आज भारत बंद के दौरान गुजरात में पुलिस ने प्रदर्शनकारी किसानों को गिरफ्तार किया है। विरुद्धनगर तमिलनाडु में भारत बंद के समर्थन में प्रोटेस्ट कर रहे किसानों को पुलिस ने रोका। वहीं तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे प्रदर्शनकारियों ने कई पुलिस बैरिकेड्स को तोड़ दिए। पुलिस के रोकने पर जब नहीं माने तो उन्हें हिरासत में ले लिया गया। ग़ाज़ीपुर में भी किसान नेताओं को गिरफ्तार कर बस से पुलिस लाइन भेजा गया है। मऊ जिले में किसान संयुक्त मोर्चा के डेढ़ दर्जन कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया। मिर्जाहादीपुरा में जुलूस निकालने के दौरान कार्रवाई हुई है। बाराबंकी जिले में विभिन्न किसान संगठनों ने भारत बंद पर प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा है। इस दौरान दर्जनों भाकियू पदाधिकारियों को गिरफ्तार भी किया गया। वाराणसी में कई किसान नेताओं को घरों में नजरबंद कर दिया गया। मनरेगा यूनियन के सुरेश सिंह राठौर के घर पर पुलिस ने लगातार पहरा लगाए रखा। पूर्वांचल किसान यूनियन के अध्यक्ष योगीराज सिंह पटेल को सोमवार सुबह से ही हाउस अरेस्ट किया गया।

बदायूं में भारत बंद को लेकर सतर्कता रही। कलक्ट्रेट में जबर्दस्त पुलिस तैनाती थी। उघैती में पुलिस ने कई लोगों को नजरबंद कर रखा था। बरेली के दामोदर स्वरूप पार्क में 70-80 लोग भारत बंद के समर्थन में पहुंचे लेकिन पुलिस ने उन्हें वहीं रोक दिया। ढांसा बार्डर से किसानों का एक जत्था दिल्ली में घुस गया। उसमें से लगभग 50 लोगों को पुलिस ने हिरासत मे ले लिया है। जिसके बाद 100 किसानों का एक और जत्था द्वारका मोड़ पहुंचा गया था।

भारत बंद के दौरान सिंघु बॉर्डर पर बैठे किसान भगेल राम की हार्ट अटैक से मौत हो गई है। 54 साल के भगेल राम जालंधर के रहने वाले थे। हालांकि मौत के असली कारण का पता पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही पता चल पाएगा।

किसान आंदोलन के शहीदों की याद में आज राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के पीलीबंगा में भारत बंद के दौरान किसानों द्वारा रक्तदान कैम्प लगाया गया जिसमें 220 यूनिट रक्त एकत्र किया गया।

वहीं डबवाली हरियाणा में सभी दुकानदारों ने किसानों का साथ देते हुए अपनी दुकानें बंद रखीं। दुकानदारों ने कहा कि हम सभी को समझना पड़ेगा ये कृषि क़ानून सिर्फ़ किसानों को ही नहीं, हर भारतीय को कॉर्पोरेट का ग़ुलाम बना देंगे।

संयुक्त किसाम मजदूर जन मोर्चा ने जयपुर में भारत बंद के समर्थन में रैली निकाली।

राजस्थान के पल्लू टॉल प्लाजा में किसानों ने बंद करवाया। शंभू टोल प्लाजा भी किसानों ने बंद रखा। सोनीपत-रोहतक नेशनल हाईवे पूरी तरह से बन्द रखा गया।

बिहार के भोजपुर में स्थित एनएच 31 को बंद रखा गया। पश्चिम बंगाल के हुगली में रेलवे ट्रैक जाम किया गया। वहीं हरियाणा के बहादुर गढ़ रेलवे स्टेशन पर किसान हरी कार्पेट बिछाकर सारा दिन बैठे रहे। प्रदर्शनकारी अमृतसर के देवीदासपुरा गांव में रेलवे ट्रैक पर धरने पर बैठे। उड़ीसा के कोझर (Keonjhar) रेलवे ट्रैक को अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा के सदस्यों ने ब्लॉक कर दिया।

किसानों ने दिल्ली-जम्मू रेल मार्ग से पठानकोट रेलवे कैंट स्टेशन के पास रेलवे क्रॉसिंग के बीचों-बीच ट्रैक्टर खड़ा करके रेलवे का रास्ता रोक दिया। जम्मू-जालंधर बाईपास और पंजाब-हिमाचल सीमा स्थित डमटाल में बड़े-बड़े ट्राले खड़े कर नेशनल हाईवे को भी जाम कर दिया गया। माधोपुर में इंटर-स्टेट नाके से आधा किलोमीटर पहले ही किसानों ने पंजाब-जम्मू-कश्मीर नेशनल हाईवे 44 जाम किया। भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां की ओर से संगरूर की 16 सड़कों और रेलवे ट्रैक पर धरने दिए गए। उन्होंने पटियाला बठिंडा मुख्य मार्ग जाम करके रखा।

भारत बंद के चलते रेलवे को लगभग 18 से अधिक ट्रेनों को रद्द करना पड़ा। फिरोजपुर से लुधियाना, जालंधर, बठिंडा और अमृतसर से पठानकोट और जालंधर, अमृतसर से फाजिल्का को जाने वाली सभी ट्रेनें रद्द कर दी गईं ।

मेरठ दिल्ली हाईवे को किसानों ने बंद रखा। पीलीभीत पुराणपुर हाईवे किसानों ने सारा दिन बंद रखा।

गुजरात में सूरत मुंबई हाईवे को बंद करके प्रदर्शनकारियों ने किसान आंदोलन को समर्थन दिया।

कोलकाता में केंद्र सरकार के तीन कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ किसानों की भारत बंद की हड़ताल का समर्थन करने के लिए वाम मोर्चा और भाकपा (माले) मुक्ति समर्थकों ने कोलकाता में एक रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया।

उत्तर रेलवे ने जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली, अंबाला और फिरोजपुर मंडलों में रेल परिचालन प्रभावित है क्योंकि किसान रेल की पटरियों पर बैठे हैं। दिल्ली संभाग में 20 से ज्यादा जगहों पर जाम है। अंबाला और फिरोजपुर मंडल में करीब 25 ट्रेनें प्रभावित हुईं।

संयुक्त किसान मोर्चा के आज ‘भारत बंद’ के एलान के चलते नोएडा में डीएनडी पर गाड़ियों का लंबा जाम लगा। गुरुग्राम हाइवे पर भी कई किलोमीटर तक गाड़ियों की लंबी कतार लगी रही। इसके अलावा ग़ाज़ीपुर बार्डर पर किसानों ने NH-9 और NH-24 पूरी तरह से जाम कर दिया। दिल्ली-अमृतसर नेशनल हाइवे पर यातायात सेवा ठप है। किसानों के बुलाए भारत बंद की वजह से सुबह-सुबह गुरुग्राम-दिल्ली बार्डर पर वाहनों की लंबी कतार लग गई।

हरियाणा में किसानों ने सड़कों और रेल मार्गों को जाम कर दिया। चरखी दादरी के फतेहगढ़ में किसानों ने रेलवे ट्रैक रोक दिया। जिले में 15 जगहों पर सड़क मार्ग जाम किए गए।

राष्ट्रीय राजमार्ग 334बी के झरोठ टोल पर किसानों ने जाम लगाया । सोनीपत के गन्नौर स्थित भारतीय अंतरराष्ट्रीय बागवानी मार्केट के सामने किसानों ने नेशनल हाईवे 44 को बंद कर दिया। चंडीगढ़ और दिल्ली जाने वाले रास्ते पर पत्थर लगाकर जाम किया गया। वहीं अंतरराष्ट्रीय बागवानी मार्केट में ही किसानों के लिए लंगर की व्यवस्था भी की गयी। किसानों ने जींद पटियाला दिल्ली नेशनल हाईवे को रोक दिया । रामायण रेलवे ट्रैक जाम कर रेल गाड़ी रोकी गई। खटकड़ टोल प्लाजा भी किसानों ने जाम करके रखा ।

सोनीपत में केएमपी और केजीपी जीरो प्वाइंट पर सारा दिन किसान बैठे रहे। झज्जर में नेशनल हाईवे 71 पर बिरधाना मोड़ पर जाम लगाया । बहादुरगढ़ रेलवे स्टेशन पर किसानों ने ट्रैक पर धरना दिया जहां किसानों ने साउंड सिस्टम और भोजन आदि की व्यवस्था भी कर ली है। चरखी दादरी में दस बजे तक शहर का बाजार बंद रहा जबकि रेलवे ट्रैक और सड़कों पर किसानों ने डेरा डाले रखा। सोनीपत रेलवे स्टेशन पर किसानों ने रेल रोक दी । यमुनानगर में किसान नेता पटरी के ऊपर लेट गये। वहां दो ट्रेन रोक दी गईं।

पंचकूला में भारत बंद के कारण नेशनल हाईवे से लेकर स्टेट हाईवे तक जाम रहे। नग्गल व चंडीमंदिर टोल को करीब 200 से ज्यादा किसानों ने सुबह 11 बजे से ही बंद कर दिया।
मजबूरन पिंजौर से पंचकूला आने के लिए चंडीगढ़ बड़ी सड़क की ओर ट्रैफिक डायवर्ट किया गया ताकि चंडीगढ़ से लोग पंचकूला व मोहाली जा सकें। मौली साइड से त्रिलोकपुर, मट्टांवाला साइड ट्रैफिक डायवर्ट किया गया है। पिंजौर से पंचकूला आने के लिए थापली, मांदना से होते हुए नाडा गांव होकर लोग पंचकूला आए।

कालका-जीरकपुर हाईवे पर चंडीमंदिर टोल, ओल्ड पंचकूला, सेक्टर 20 फ्लाईओवर इन जगहों पर किसानों ने रास्ता बंद किया। पंचकूला बरवाला हाईवे पर नग्गल टोल, कोट फ्लाईओवर का रास्ता भी बंद रहा। पिंजौर नालागढ़ हाईवे को किसानों ने बंद किया था। इसके अलावा ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर किसानों ने NH-9 और NH-24 जाम लगाया। यहां किसान बीच सड़क पर बैठ गये, जिससे वाहनों का आवागमन ठप हो गया।

महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, बिहार, बंगाल के तमाम शहरों में भारत बंद का व्यापक असर

महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, बिहार व पश्चिम बंगाल के तमाम जिलों शहरों और कस्बों में भारत बंद के दौरान प्रदर्शन किया गया। महाराष्ट्र के गोरेगांव, पालघर , सूरनगना, नंदूर बार, जलना, जलगांव, लातूर जिलों में किसानों ने भारत बंद के दौरान जुलूस निकाला और तमाम संस्थानों और मंडियों को बंद करवाया। महाराष्ट्र में सत्ताधारी शिवसेना और नेशनल कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) व कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने भारत बंद में भागीदारी की।

वहीं बिहार के सुपौल, दरभंगा, पटना, सीतामढ़ी बिहार आदि कई जिलों और शहरों में भारत बंद के दौरान विरोध प्रदर्शन किया गया और सड़कों व हाईवे को बंद रखा गया। मंडियां बंद रहीं। प्रमुख विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस, सीपीआई माले के कार्यकर्ताओं और तमाम किसान संगठनों के कार्यकर्ताओं ने भारत बंद में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।

शिवसागर टोल बूथ के पद जीटी रोड जाम, करगहर, जिला रोहतास, भगवानपुर जिला कैमूर, मोहनिया जीटी रोड, जिला कैमूर, नोखा, सासाराम में अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा के सदस्यों ने भारत बंद कार्यक्रम को सफल बनाने के ज़रूरी कदम लिये।

वहीं तमिलनाडु के थिरुचि, सलेम, पोलाची, कन्याकुमारी, थिरुपुर आदि जिलों व शहरों में भारत बंद को सफल बनाया गया। तेनी, तमिलनाडु में एआईकेएमएस और IFTU द्वारा भारत बंद का अमल किया गया।

उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर, रामनगर, नैनीताल आदि शहरों में किसानों ने विरोध जुलूस निकाला और तमाम संस्थानों, मंडियों, बाजारों दुकानों को बंद करवाया ।

बोकारो झारखंड, उड़ीसा, कर्नाटक की राजधानी बेंग्लुरु, राजस्थान की राजधानी जयपुर, चेन्नई, पटोला साहिब हिमाचल प्रदेश और हैदराबाद तेलंगाना में भी भारत बंद के दौरान विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम आयोजित किए गए।

भाजपा शासित मध्यप्रदेश के कई शहरों में भारत बंद का असर रहा। राजधानी भोपाल सहित कई शहरों में कार्यक्रम हुये।

राजस्थान में राजधानी जयपुर के अलावा कोहला टोल प्लाजा हनुमानगढ़ में भी व्यापक कार्यक्रम हुये।

भारत बंद के समर्थन में यूरेनियम कामगार यूनियन, IFTU ने जादूगुड़ा में धरना दिया और फिर ओखला में विरोध मार्च निकाला। वहीं सभी ट्रेड यूनियनों ने भारत बंद के समर्थन में जंतर-मंतर पर विरोध मार्च निकाला। जबकि प्रगतिशील महिला संगठन ने मंगोलपुरी में जुलूस निकालते हुए नेशनल हाईवे पर प्रदर्शन किया और संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किए गए भारत बंद का समर्थन करते हुए कंपनी राज नहीं चलेगा,बढ़ती मंहगाई पर रोक लगाओ, 3 कृषि कानून रद्द करो आदि नारे लगाये। जबकि गोविंद पुरी चौक पर IFTU व जनहस्तक्षेप के लोगों ने भारत बंद के समर्थन में जुलूस निकाला व नारेबाजी की।

उत्तर प्रदेश के कंकरखेड़ा मेरठ में किसानों ने विरोध मार्च निकाला। प्रयागराज जिले के ज़री बाज़ार मंडी को अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा के नेतृत्व में संयुक्त किसान मार्चा द्वारा बंद करवाया गया। इसके अलावा इटावा फल, सब्जी, गल्ला मंडी बंद रही। संयुक्त किसान मोर्चा वाराणसी के आह्वान पर बलिया की लालपुर मंडी भी बंद रही। संयुक्त किसान मोर्चा वाराणसी के बंद के आह्वान पर पंचकोसी मंडी में सन्नाटा पसरा रहा। क्रांतिकारी किसान यूनियन एवं किसान सभा ने संयुक्त रूप से अलीगढ़ अनाज मंडी बंद की। वहीं राजधानी लखनऊ के बेगम हजरत महल पार्क के पास किसानों के समर्थन में प्रतिरोध सभा आयोजित की गई।

यूपी के सहारनपुर, शामली और मुज़फ्फ़रनगर समेत कई जिलों में भारत बंद का असर दिखा। लखनऊ-चंडीगढ़ एक्सप्रेस को सहारनपुर में ही रोक दिया गया।

वहीं शाहजहांपुर में पीडब्ल्यूडी डाक बंगले के पास किसान यूनियन ने सड़क जाम किया, जुलूस निकाला। बाराबंकी जिले में विभिन्न किसान संगठनों ने भारत बंद पर प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा। इस दौरान दर्जनों भाकियू पदाधिकारियों को गिरफ्तार भी किया गया। संभल जिले के चन्दौसी के तहसील तिराहे के निकट सड़क पर बैठ कर किसानों ने धरना दिया और जाम लगाया, जिसमें भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ता व किसान शामिल हुये।

रायबरेली जिले में किसान नेताओं व सैकड़ों किसानों ने विकास भवन में धरना दिया। धरना प्रदर्शन के मद्देनजर पुलिस व प्रशासन मौके पर मौजूद रहा। शाहजहांपुर, बरेली मंडल संयुक्त मंत्री सरजीत सिंह, खुटार ब्लॉक अध्यक्ष संदीप सिंह के नेतृत्व में टिकैट गुट के किसानों ने खुटार में मुख्य बंडा रोड चौराहे पर चक्का जाम किया। बड़ौत में वाहनों के नहीं चलने से यात्री परेशान रहे।

मथुरा में भारतीय किसान यूनियन (टिकैत गुट) के नेता बुद्धा सिंह के नेतृत्व में किसानों ने मथुरा राया रोड जाम किया, बड़ी संख्या में किसान यमुना एक्सप्रेसवे के राया कट के पास एकत्र हुए और वहां मथुरा- राया रोड जाम कर दिया।

उघैती में कुछ भाकियू नेताओं ने जिले के किसान मालवीय आवास पर दोपहर एक बजे प्रदर्शन करने के बाद ज्ञापन दिया। लखीमपुर में बेलरायां, कफारा में किसानों ने बाज़ार बन्द रखा। भीरा में जुट रहे किसान, निघासन के बेलरायां में किसानों ने बाज़ार बन्द करवाये। कफारा कस्बे में भी बाजार बंद कराया, भीरा में भी भारी संख्या में किसान जुटे, मोहम्मदी, मैगलगंज में भी प्रदर्शन किया गया।

सीतापुर में कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों के भारत बंद के ऐलान पर सोमवार सुबह से ही हरगांव, महोली, अटरिया, मिश्रिख, महमूदाबाद सहित लिंक मार्गों पर पुलिस ने सतर्कता बढ़ा दी, हाईवे पर आने-जाने वाले वाहनों की चेकिंग के साथ पैदल आने वाले लोगों से पूछताछ हुई।

तराई के उत्तराखंड बॉर्डर पर स्थित मझोला में नाई से लेकर चाय खोमचे वालों तक की दुकानें स्वेच्छा से बंद रहीं। तो वहीं हरिद्वार हाइवे पर अमरिया तहसील का पूरा बाजार बंद रहा।

मुरादाबाद जिले में भाकियू ने सभी तहसीलों में अलग-अलग स्थानों पर जाम लगाया। मेरठ-दिल्ली-देहरादून हाईवे हुआ जाम, सिवाया टोल के सभी 12 लेन पर किसानों ने कब्जा कर लिया, हाईवे जाम हो गया। यहां सभी वाहनों को रोक दिया गया। सकौती में भी किसान हाईवे पर बैठे। हापुड़ जिले में कार्यकर्ताओं ने गांव जरोठी के एक विद्यालय को बंद कर दिया और अपना झंडा लगा दिया। इसके अलावा कार्यकर्ताओं ने नवीन मंडी के आसपास खुल रही दुकानों को भी बंद कराया।

शामली में गुरुद्वारा तिराहे, कांधला और झिंझाना में किसानों ने हाइवे पर जाम लगाया। शामली के विजय चौक पर टेंट लगाकर भाकियू ने मेरठ करनाल हाइवे बंद करवाया। वहीं बागपत के चांदीनगर के पांची चौराहे पर किसानों ने मानव श्रृंखला बनाकर जाम लगाया। हापुड़ में भारतीय किसान यूनियन कार्यकर्ताओं ने स्कूल में ताला लगाया। शाहजहांपुर, बंडा में किसान यूनियन के लोग चौराहे पर बैठे। सभी दुकानों, बाजारों को बंद कराया ।

उत्तर रेलवे ने जानकारी देते हुए कहा है कि दिल्ली, अंबाला और फिरोजपुर मंडलों में रेल परिचालन प्रभावित है क्योंकि किसान रेल की पटरियों पर बैठे हैं। दिल्ली संभाग में 20 से ज्यादा जगहों पर जाम है। अंबाला और फिरोजपुर मंडल में करीब 25 ट्रेनें प्रभावित हुई हैं।

गाजीपुर बॉर्डर के अलावा किसानों ने शंभू बॉर्डर भी जाम कर दिया है। हरियाणा के झज्जर में बेरी के भागलपुरी चौक पर किसानों ने जाम लगा दिया है जिससे लोगों को आने-जाने में परेशानी हो रही है।

किसानों के भारत बंद का असर दिल्ली के ट्रैफिक पर भी पड़ा है। दिल्ली-गुरुग्राम हाइवे पर कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया था। ट्रैफिक की स्पीड इतनी धीमी थी कि गाड़ियां चल नहीं बल्कि रेंग रही थीं। इसी तरह डीएनडी पर भी गाड़ियों की लंबी कतार लगी रही।

इस मौके पर भाकपा (माले), एक्टू, अखिल भारतीय किसान महासभा तथा ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) के बैनर तले व भाकपा (माले) के राज्य सचिव सुधाकर यादव के नेतृत्व में राजधानी लखनऊ के बक्शी का तालाब (बीकेटी) में मार्च निकाला गया। बीकेटी बाज़ार में मार्च निकालने के बाद अस्ती रेलवे क्रॉसिंग पर सभा की गई।

सभा को सम्बोधित करते हुए भाकपा (माले) के राज्य सचिव कॉमरेड सुधाकर यादव ने कहा कि, “सत्ता में बैठी नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली भाजपा सरकार ने किसानों से वार्ता का अपना ढोंग भी अब बन्द कर दिया है। भाजपा सरकार कृषि क्षेत्र को कारपोरेट को सौंपने पर उतारू है। लेकिन किसान भी इतनी जल्दी हार मानने वाले नहीं हैं, जब तक तीनों किसान-विरोधी कृषि कानून वापस नहीं ले लिए जाते तब तक किसान मोर्चा नहीं छोड़ने वाले। आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में प्रदेश का किसान इस किसान-विरोधी कारपोरेट परस्त सरकार को धूल चटा देगा।”

उधर आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट व मजदूर किसान मंच के कार्यकताओं द्वारा प्रदर्शन किए गए। इन प्रदर्शनों की जानकारी देते हुए आइपीएफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एसआर दारापुरी और मजदूर किसान मंच के महामंत्री डॉ. बृज बिहारी ने बताया कि बिहार के सीवान में आइपीएफ प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व विधायक रमेश सिंह कुशवाहा के नेतृत्व में जुलूस निकाला गया। सीतापुर में सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शन किया गया, चंदौली के सकलडीहा में प्रदर्शन किया गया और चकिया में संयुक्त किसान मोर्चा के प्रदर्शन में हिस्सेदारी की गई, सोनभद्र के दर्जनों गांव में बंद के समर्थन में विरोध प्रदर्शन किए गए, मऊ में विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस द्वारा गिरफ्तारी की गई, लखीमपुर खीरी में आइपीएफ प्रदेश अध्यक्ष डा0 बीआर गौतम के नेतृत्व में प्रदर्शन हुआ, लखनऊ में संयुक्त किसान मोर्चा के परिवर्तन चौक पर आयोजित प्रदर्शन में आइपीएफ कार्यकर्ताओं ने हिस्सेदारी की। प्रयागराज में युवा मंच ने रोजगार के सवाल पर 27 दिनों से जारी अपने धरने के द्वारा किसानों के बंद का समर्थन किया। वाराणसी में आइपीएफ प्रदेश उपाध्यक्ष योगीराज पटेल को पुलिस ने घर में ही नजरबंद कर दिया।

मजदूर किसान मंच प्रभारी अजय राय ने कृषि कानूनों के संबंध में कहा कि सरकार द्वारा थोपे गये ये कानून देश की खेती और हमारे किसानों को बरबाद कर देंगे। सारे कृषि क्षेत्र को कृषि- विपणक कारपोरेट्स को हस्तांतरित करने से न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली पूरी तरह खत्म हो जायेगी, सार्वजनिक वितरण प्रणाली संपूर्णतः विनष्ट हो जायेगी, बेशर्म काला बाजारियों और विशालकाय कारपोरेट्स को खाद्यान्नों और खाद्य पदार्थों की जमाखोरी की खुली छूट मिल जायेगी, जिससे वे खाद्य पदार्थों की कित्रिम किल्लत पैदा कर सकेंगे और कीमतों को मनमाने तरीके से बढ़ा सकेंगे।

किसान विरोधी तीन काले कानूनों और मजदूर विरोधी चार श्रम संहिताओं के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा और केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा आहूत भारत बंद को ऐतिहासिक बताते हुए और छत्तीसगढ़ में इसे सफल बनाने के लिए छत्तीसगढ़ किसान आंदोलन से जुड़े सभी घटक संगठनों और छत्तीसगढ़ किसान सभा तथा आदिवासी एकता महासभा ने आम जनता का आभार व्यक्त किया है और कहा है कि मोदी सरकार की कॉर्पोरेटपरस्ती के खिलाफ उनका संघर्ष तब तक जारी रहेगा, जब तक कि ये कानून वापस नहीं लिए जाते और देश को बेचने वाली नीतियों को त्यागा नहीं जाता। उन्होंने कहा है कि इस देशव्यापी बंद में 40 करोड़ लोगों की प्रत्यक्ष हिस्सेदारी ने यह साबित कर दिया है कि भारतीय लोकतंत्र को मटियामेट करने की संघी गिरोह की साजिश कभी कामयाब नहीं होगी।

छत्तीसगढ़ किसान आंदोलन के संयोजक सुदेश टीकम और छत्तीसगढ़ किसान सभा के अध्यक्ष संजय पराते ने बताया कि प्रदेश में बंद का व्यापक प्रभाव रहा तथा बस्तर से लेकर सरगुजा तक मजदूर, किसान और आम जनता के दूसरे तबके सड़कों पर उतरे। कहीं धरने दिए गए, कहीं प्रदर्शन हुए और सरकार के पुतले जलाए गए, तो कहीं चक्का जाम हुआ और राष्ट्रपति/प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपे गए। मीडिया के लिए आज हुए आंदोलन की तस्वीरें और वीडियो जारी करते हुए किसान सभा नेता संजय पराते ने बताया कि अभी तक प्राप्त जानकारी के अनुसार राजनांदगांव, दुर्ग, रायपुर, गरियाबंद, धमतरी, कांकेर, बस्तर, बीजापुर, बिलासपुर, कोरबा, जांजगीर, रायगढ़, सरगुजा, सूरजपुर, कोरिया और मरवाही सहित 20 से ज्यादा जिलों में प्रत्यक्ष कार्यवाही हुई और बांकीमोंगरा-बिलासपुर मार्ग, अंबिकापुर-रायगढ़ मार्ग, सूरजपुर-बनारस मार्ग और बलरामपुर-रांची मार्ग में सैकड़ों आदिवासियों ने सड़कों पर धरना देकर चक्का जाम कर दिया। इस चक्का जाम में सीटू सहित अन्य मजदूर संगठनों के कार्यकर्ताओं ने भी बड़े पैमाने पर हिस्सा लिया और मोदी सरकार की मजदूर-किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ अपनी आवाज़ बुलंद की।

(सुशील मानव जनचौक के विशेष संवाददाता हैं।)

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