देश में मचे नागरिकता कानून पर बवाल के बीच बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमेन का अहम बयान आया है। उन्होंने भारत से अवैध बांग्लादेशी नागरिकों की सूची मांग ली है। अब्दुल मोमेन ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हमने भारत से अनुरोध किया है कि अगर उसके पास भारत में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों की कोई सूची है तो उन्हें मुहैया कराए। उन्होंने कहा, ‘हम बांग्लादेशी नागरिकों को वापस आने की अनुमति देंगे, क्योंकि उनके पास अपने देश में प्रवेश करने का अधिकार है।’
भारत में एनआरसी के सवाल उन्होंने कहा कि बांग्लादेश-भारत के संबंध सामान्य और काफी अच्छे हैं और इन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। मोमेन ने कहा कि भारत के कुछ नागरिक अवैध ढंग से बांग्लादेश में घुस रहे हैं। यह लोग आर्थिक वजहों से बिचौलिए के जरिए अवैध रूप से बांग्लादेश में घुस रहे हैं। मोमेन ने साफ किया कि अगर हमारे नागरिकों के अलावा कोई बांग्लादेश में घुसता है तो हम उसे वापस भेज देंगे। उनसे उन रिपोर्टों के बारे में पूछा गया था कि कुछ लोग भारत के साथ लगती सीमा के जरिए अवैध रूप से बांग्लादेश में घुस रहे हैं।
मोमेन का सूची मांगने और बांग्लादेशियों को वापस बुलाने वाला बयान काफी अहम माना जा रहा है। बीस साल से ज्यादा वक्त से आरएसएस और बीजेपी अवैध बांग्लादेशियों को लेकर आंदोलन और सियासत करती रही है। संघ और बीजेपी का दावा रहा है कि कई करोड़ बांग्लदेशी अवैध रूप से रह रहे हैं, जिसमें असम और बंगाल को लेकर ज्यादा बड़े दावे किए गए थे। हालांकि असम में हुए एनआरसी में यह तादाद महज 19 लाख निकली है। इसके बाद से संघ और आरएसएस के दावे अविश्वसनीय हो गए हैं।
मौजूदा कानून में भी बांग्लादेशियों (मुस्लिम को छोड़कर) को नागरिकता देने की बात कही गई है। अब मोमेन के सूची मांगने से इस पूरे मामले में एक पक्ष और पैदा हो गया है और भाजपा के अवैध बंग्लादेशियों के मुद्दे पर किए जा रहे दावों और सियासत पर भी इसका असर होगा।