राष्ट्र मंच की बैठक में हुई बदलाव और विपक्षी एकता की पहल

Estimated read time 1 min read

लोकसभा चुनाव 2024 से पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार एक बड़ी पहल के तहत कले से विपक्षी एकता के लिए कदम उठाना शुरू कर दिए हैं। पहले दौर में पवार ने मंगलवार शाम नई दिल्ली स्थित अपने आवास पर कुछ राजनीतिक दलों के नेताओं और विभिन्न क्षेत्रों के अन्य प्रमुख विशेषज्ञों से मुलाकात की। हालांकि, इस मीटिंग में कोई भी कद्दावर नेता नजर नहीं आया। कांग्रेस की ओर से भी कोई बड़ा नेता इस मीटिंग में नहीं पहुंचा। 

मीटिंग खत्म होने के बाद एनसीपी सांसद माजिद मेमन ने कहा कि ये बैठक शरद पवार ने नहीं, बल्कि यशवंत सिन्हा ने बुलाई थी। इस मीटिंग में शरद पवार की बेटी और सांसद सुप्रिया सुले, कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता संजय झा, एनसीपी के राज्यसभा सांसद माजिद मेमन, सीपीआई नेता बिनय विश्वम, सीपीएम नेता निलोत्पल बसु, टीएमसी नेता यशवंत सिन्हा, एनसीपी से राज्यसभा सांसद वंदन चव्हाण मौजूद रहे। इनके अलावा पूर्व राजदूत केसी सिंह, समाजवादी पार्टी की ओर से घनश्याम तिवारी, पूर्व सांसद जयंत चौधरी और आप की तरफ से सुशील गुप्ता समेत बाकी नेता भी शामिल हुए। नेशनल कांफ्रेंस के उमर अब्दुल्ला भी ने भी कुछ समय उपस्थिति दी। कांग्रेस के बारे में उन्होंने कहा कि उनसे कोई राजनीतिक भेदभाव नहीं है।  मैंने खुद विवेक तनखा, मनीष तिवारी, शत्रुघ्न सिन्हा, अभिषेक मनु सिंघवी, कपिल सिब्बल जैसे नेताओं को आमंत्रित किया था लेकिन इनमें से कोई भी नेता इस समय दिल्ली में नहीं है। इसलिए कांग्रेस के लोग

 मीटिंग में नहीं आ सके। रिटायर्ड जज जस्टिस एपी शाह और संगीतकार जावेद अख्तर, वरिष्ठ अधिवक्ता केटीएस तुलसी, कोलिन गोंजोल्वेज, पूर्व चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी, अर्थशास्त्री अरुण कुमार और राजनैतिक विश्लेषक सुधीन्द्र कुलकर्णी, पत्रकार प्रीतीश नंदी इसमें शामिल हुए।

बैठक के बारे में सीपीआई के सांसद बिनॉय विस्वम ने कहा कि यह विफल हो चुकी सबसे नफरत वाली सरकार के खिलाफ सभी धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक वाम ताकतों का एक मंच है। देश को बदलाव की जरूरत है लोग बदलाव के लिए तैयार हैं। इस मीटिंग में बीजेपी छोड़कर टीएमसी में आए यशवंत सिन्हा ने बताया कि ढाई घंटे चली मीटिंग में कई सारे मुद्दों पर चर्चा हुई। वहीं, सीपीएम नेता नीलोत्पल बसु ने एनडीटीवी से कहा कि शरद पवार के घर पर हुई विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक को किसी राजनीतिक मंच बनाने की कोशिश के तौर पर देखना सही नहीं होगा। बैठक में आम लोगों की परेशानियों, बेरोजगारी,  महंगाई के साथ-साथ लोकतांत्रिक संस्थाओं पर हो रहे हमलों पर चर्चा की गई है। यह एक समान सोच वाले राजनीतिक दलों की बैठक थी। 

समाजवादी पार्टी के नेता घनश्याम तिवारी ने कहा कि हमने यह भी चर्चा की कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें कैसे प्रभावित कर रही हैं, खासकर किसान और मध्यम वर्ग। राष्ट्र मंच एक ऐसी जगह बनाएगा जहां हर कोई एक साथ आ सकता है और सरकार को आवाज दे सकता है। अगली बैठक में ज्यादा लोगों को शामिल करने पर फोकस होगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्र मंच एक ‘मंच’ है, जिसमें देश के विकास और भविष्य के लिए दृष्टि रखने वाला हर कोई शामिल हो सकता है, चाहे वह राजनीतिक दल, सामाजिक संगठन या व्यक्ति हो। राष्ट्र मंच में भारत और विदेशों में वे लोग भी शामिल होंगे जो देश के बारे में सोचते हैं। जबकि पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि मैंने अपनी समिति के सदस्यों के साथ हमारी भविष्य की नीतियों, अगली लोकसभा (चुनावों) में हमारी भूमिका और वर्तमान राष्ट्रीय मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की।

मीटिंग के बाद माजिद मेमन ने कहा कि कुछ मीडिया में ऐसा कहा जा रहा है कि ये मीटिंग बीजेपी के खिलाफ मोर्चा तैयार करने के लिए बुलाई गई है, लेकिन ऐसा नहीं है। उन्होंने ये भी बताया कि ऐसा चल रहा है कि ये मीटिंग शरद पवार ने बुलाई थी। ऐसा नहीं है ये मीटिंग राष्ट्र मंच के प्रमुख यशवंत सिन्हा ने बुलाई थी। पवार के करीबी सूत्रों ने कहा कि ‘राष्ट्र मंच’ के संयोजक यशवंत सिन्हा ने एनसीपी सुप्रीमो से ऐसी बैठक आयोजित करने के लिए अनुरोध किया था। इस पर सहमति जताते हुए शामिल होने वाले तमाम दलों और उनके नेताओं को राष्ट्र मंच के तहत आमंत्रित किया गया है। कहा गया है कि शरद पवार या एनसीपी ने किसी नेता या पार्टी को बैठक में शामिल होने के लिए नहीं बुलाया है पवार ने पिछले कुछ हफ्तों में चुनावी रणनीतिककार प्रशांत किशोर से दो बार मुलाकात की थी और उसी के बाद अटकलों का दौर तेज हो गया था।

बहरहाल मीटिंग किसने बुलाई यह महत्वपूर्ण नहीं है। यह भी ज़रूरी नहीं है कि कितने लोग इकट्ठा हुए कौन नहीं आया और क्यों ? हां,जो एकत्रित हुए उनकी क्या योजना बनी? वे किन मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में जुटेंगे? बदलाव की मानसिकता से यदि सभी लोग जुटते हैं तो बार-बार बैठक कर देश भर के प्रमुख मुद्दों को सक्रियता से उठाने की पहल करनी होगी।

(स्वतंत्र टिप्पणीकार सुसंस्कृति परिहार की रिपोर्ट।)

+ There are no comments

Add yours

You May Also Like

More From Author