Tuesday, March 28, 2023

हेकानी जाखलू बनीं पहली महिला विधायक, नागालैंड में 60 साल का रिकॉर्ड टूटा

कुमुद प्रसाद
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इससे पहले राज्य में 13 राज्य विधानसभाओं का चुनाव हो चुका है, लेकिन अब तक एक भी महिला विधायक के रूप में नहीं चुनी गई थी। गुरुवार (2 मार्च) को वोटों की गिनती हुई, जिसमें जाखलू विजेता घोषित की गईं। हेकानी जाखलू, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास पासवान) के अज़ेतो झिमोमी को हराकर जीतीं। जाखलू को 31,874 मतों में से 45.16 प्रतिशत वोट मिले, जबकि अज़ेतो झिमोमी को 40.34 प्रतिशत वोट मिले।

नागालैंड में ऐसा पहली बार हुआ है कि कोई महिला विधान सभा का चुनाव जीतकर विधायक बनी है। 2 मार्च को नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (NDPP) की हेकानी जाखलू नागालैंड विधानसभा के लिए चुनी गईं और पहली महिला विधायक बनीं।

इससे पहले राज्य में 13 विधानसभाओं का चुनाव हो चुका है, लेकिन अब तक एक भी महिला विधायक के रूप में नहीं चुनी गई थी। गुरुवार (2 मार्च) को वोटों की गिनती हुई, जिसमें जाखलू विजेता घोषित की गईं। हेकानी जाखलू, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास पासवान) के अज़ेतो झिमोमी को हराकर जीतीं। जाखलू को 31,874 मतों के साथ 45.16 प्रतिशत वोट मिले, जबकि अज़ेतो झिमोमी को 40.34 प्रतिशत वोट मिले।

हेकानी जाखलू ने दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्री राम कॉलेज के फैकल्टी ऑफ लॉ में पढ़ाई की है और सैन फ्रांसिस्को विश्वविद्यालय से एलएलएम किया। बाद में उन्होंने दिल्ली में एक लॉ फर्म में काम किया। 2005 में, वह यूथनेट नाम का एक गैर सरकारी संगठन शुरू करने के लिए नागालैंड लौट आईं। उन्होंने हार्वर्ड विश्वविद्यालय में एक कार्यकारी शिक्षा कार्यक्रम भी किया।

2019 में, उन्हें बाल और महिला विकास मंत्रालय ने नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया।

जीत के बाद जाखलू ने कहा कि “17 साल से, मैं एनजीओ के जरिये युवाओं के लिए काम कर रही हूं। युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए मैं नीति-निर्माण में शामिल होना चाहती थी। इसलिए राज्य में सर्वोच्च निर्णय लेने वाले निकाय में प्रवेश करना चाहती थी। मेरा ध्यान युवाओं पर होगा। एक महिला विधायक के तौर पर मैं महिलाओं के लिए भी लडूंगी।

जाखलू फिर कहती हैं कि “मेरा दूसरा लक्ष्य दीमापुर III को एक आदर्श निर्वाचन क्षेत्र बनाना है। मैं चाहती हूं कि सभी वर्ग के लोग उसकी बुनियादी सुविधाओं का लाभ उठा सकें। और अंत में, मैं अल्पसंख्यक समुदायों के लिए भी लडूंगी। वे राज्य की आधी आबादी हैं और वास्तव में वे ही निर्णायक निर्वाचक हैं।

(कुमुद प्रसाद जनचौक में कॉपी एडिटर हैं।)

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