चरखी दादरी से निर्दलीय विधायक सोमवीर सांगवान ने हरियाणा पशुधन बोर्ड से इस्तीफा दे दिया और 1 दिसंबर को किसानों के समर्थन में दिल्ली कूच का ऐलान कर दिया है। उन्होंने शुरू में कृषि कानूनों का समर्थन किया था मगर अब किसानों के दबाव में चेहरे की हवाइयां उड़ गईं।
नागौर से आरएलपी सांसद को भी किसानों के आक्रोश के कारण कृषि कानून किसान विरोधी है, यह समझ मे आ गया है। उन्होंने केंद्र की एनडीए से गठबंधन तोड़ने का समय आ गया है,कह कर दिल्ली कूच करने का ऐलान कर दिया है।
सबसे गहरा झटका हरियाणा सरकार को लगता नजर आ रहा है। जजपा के संयोजक व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला चार दिन से खामोश हैं और कल सिर्फ सोशल मीडिया पर गुरु नानक जयंती की अपने फेसबुक पेज पर बधाई दी है।
जजपा विधायकों को भी कृषि कानून समझ में आ गए हैं और अब दुष्यंत चौटाला को भी समझ में आने लग गए हैं।सूत्रों के हवाले से खबर मिल रही है कि जजपा विधायक जोगीराम सिहाग व देवेंद्र बबली दुष्यंत चौटाला द्वारा चुप्पी साधने को लेकर बेहद नाराज हैं।
अगर 2-3 दिन किसान आंदोलन चलता रहा तो हरियाणा सरकार किसान आंदोलन की बलि चढ़ने वाली पहली राज्य सरकार बन सकती है।
किसानों की एकजुटता व किसानों के बेटों की सोशल मीडिया में चल रही कलमें लगातार तमाम किसान नेताओं को आइना दिखाने का काम कर रही है।
खिलाड़ी सम्मान लौटाएंगे
इस बीच खबर आ रही है कि कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब के पूर्व खिलाड़ियों ने बड़ी घोषणा की है। इसके तहत तमाम खिलाड़ियों ने कहा है कि अगर सरकार ने मांगों का अनुपालन नहीं किया, तो वे अपना पुरस्कार लौटा देंगे। इन खिलाड़ियों में पद्मश्री पहलवान करतार सिंह, अर्जुन अवार्ड विजेता और पूर्व बास्केटबॉल खिलाड़ी सज्जन सिंह चीमा, गोल्डन गर्ल और अर्जुन अवार्ड विजेता राजवीर कौर, ओलंपियन गुरमेल सिंह, पूर्व क्रिकेट कोच राजिंदर सिंह शामिल हैं। इन सभी खिलाड़ियों ने इसके लिए 5 दिसंबर की तारीख का ऐलान किया है। इसके साथ ही उनका कहना है कि अगर उसके बाद भी सरकार किसानों की मांगें नहीं मानी तो ये सभी दिल्ली यात्रा करने के लिए मजबूर हो जाएंगे।
इस बीच, शाहीन बाग की चर्चित बिलकिस दादी को पुलिस ने सिंघु बार्डर से गिरफ्तार कर लिया है। बिलकिस किसानों का समर्थन करने के लिए धरनास्थल पर गयी थीं।
(स्वतंत्र पत्रकार मदन कोथुनियां की रिपोर्ट।)