जूलियो रिबेरो ने दिल्ली दंगों पर कमिश्नर को लिखा खत, कहा- निष्पक्षता की शपथ भूल गए या फिर वर्दी गिरवी रख दी?

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सेवानिवृत्त वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और रोमानिया में पूर्व भारतीय राजदूत जूलियो रिबेरो ने दिल्ली दंगों से संबंधित मामलों की जांच पर सवाल उठाते हुए दिल्ली पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव को एक पत्र लिखा है। उन्होंने लिखा है कि दिल्ली पुलिस “शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों” के खिलाफ तो कार्रवाई कर रही है, जबकि भारतीय जनता पार्टी के उन वरिष्ठ नेताओं को नजरअंदाज कर रही है जिन्होंने सार्वजनिक तौर पर भड़काऊ, सांप्रदायिक भाषण दिए जिसके कारण हिंसा भड़की।

उन्होंने लिखा है कि “सच्चे देशभक्तों” को आपराधिक मामलों में फंसाया जा रहा है। उन्होंने श्रीवास्तव से इन मामलों में दिल्ली पुलिस की जाँच फिर से कराने का आग्रह किया है।

रिबेरो के पत्र का पूरा पाठ नीचे पढ़ें।

प्रिय श्री श्रीवास्तव,

यह पत्र मैं आपको भारी मन से लिख रहा हूं। एक सच्चे देशभक्त और भारतीय पुलिस सेवा के एक पूर्व गौरवशाली सदस्य के रूप में मैं आपसे अपील करता हूं कि उन 753 प्राथमिकियों में निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करें, जो शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पंजीकृत हैं, और जिन्हें स्वाभाविक तौर पर यह आशंका है कि अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ व्याप्त पूर्वाग्रह और घृणा के कारण उन्हें इंसाफ नहीं मिलेगा।

दिल्ली पुलिस ने शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ तो कार्रवाई किया, लेकिन जानबूझकर उन लोगों के खिलाफ संज्ञेय अपराधों के मामले दर्ज करने में विफल रही जिनके नफ़रत फैलाने वाले भाषणों के कारण उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगे भड़क उठे थे। ऐसी स्थिति मेरे जैसे संतुलित तथा अराजनीतिक व्यक्ति को परेशान करती है, कि क्यों न्यायालय के समक्ष कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा पर दोषारोपण नहीं किया गया, जबकि धर्म के आधार पर भेदभाव का शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रही मर्माहत मुस्लिम महिलाओं को महीनों के लिए जेल में डाल दिया गया!

हर्ष मंदर और प्रो. अपूर्वानंद जैसे सच्चे देशभक्तों को आपराधिक मामलों में फंसाने की दिल्ली पुलिस की इतनी भोंडी कोशिश भी चिंता का एक और विषय है। हम, इस देश की पुलिस, और भारतीय पुलिस सेवा से आने वाला इसका नेतृत्व, हमारा कर्तव्य और दायित्व है कि हम संविधान और उसके तहत अधिनियमित कानूनों का जाति, पंथ और राजनीतिक संबद्धता के बिना निष्पक्ष रूप से सम्मान करें।

कृपया दिल्ली में अपनी कमान के तहत हुई पुलिस की कार्रवाई का पुनर्मूल्यांकन करें और निर्धारित करें कि क्या उन्होंने सेवा में शामिल होने के समय ली गई शपथ के प्रति वफादारी का निर्वाह किया है।

सादर,

जूलियो रिबेरो

आईपीएस (सेवानिवृत्त) 53, एमएएच

(शैलेश की रिपोर्ट।)

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