नई दिल्ली। सूरत के मज़दूर लॉकडाउन तोड़कर देर रात सड़कों पर उतर आए और उन्होंने जमकर तोड़फोड़ और हंगामा किया। ये सभी अपने-अपने मालिकों से अपनी सैलरी की माँग कर रहे थे। इसके साथ ही अपने घर वापसी की सुरक्षित व्यवस्था चाहते थे। लॉक डाउन के 17 दिन बीत जाने के बाद स्थितियाँ गंभीर होने लगी हैं। न तो इनके पास खाने के लिए कुछ अनाज है और न ही मकान मालिक का किराया देने के लिए पैसा। ऊपर से बताया जा रहा है कि जहां ये काम करते थे उनके मालिकों ने उनकी सैलरी भी नहीं दी। जिसके चलते हालत और गंभीर हो गए हैं। रात में प्रदर्शन करने वालों में ज़्यादातर हीरे के व्यापारियों के यहाँ काम करने वाले कारीगर थे।
इससे संबंधित तमाम वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं। जिनमें मज़दूरों को हंगामा करते देखा जा सकता है। उन लोगों ने सड़कों पर खड़े सब्ज़ियों के कुछ ठेलों को आग लगा दी और जमकर हंगामा किया। बताया जा रहा है कि बाद में पुलिस आ गयी और उसने हल्का बल प्रयोग कर लोगों को तितर-बितर किया। इस बीच, तक़रीबन एक दर्जन मज़दूरों को हिरासत में भी लिया गया है।
पेट की आग अब सड़कों पर दिखने लगी है। सूरत उसकी पहली नज़ीर है। अगर सरकारों ने भोजन और दूसरे ज़रूरी सामानों की सप्लाई ठीक नहीं की तो जगह-जगह सूरत जैसे नज़ारे दिखने को मिलेंगे।
गुजरात कांग्रेस के नेता शक्तिसिंह गोहिल ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि सरकार और हम सब मिलकर पूरी कोशिश करेंगे कि कैसे मज़दूरों की ज़रूरतों और माँगों को पूरा किया जाए।