मनमोहन ने किया निर्मला पर पलटवार, कहा- अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने लिए उसकी कमियों को जानना पहली शर्त

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नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार पर तगड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार जनता के पक्ष वाली नीतियों को अपनाने में पूरी तरह से नाकाम रही है। इस सिलसिले में उन्होंने वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन के बयान का हवाला दिया है।

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक सिंह ने मुंबई में रिपोर्टरों से बात करते हुए कहा कि “जैसा कि निर्मला सीतारमन के बयानों में दिख रहा है बीजेपी सरकार जनता के पक्ष वाली नीतियों को नहीं अपनाना चाहती है। कोई अगर अर्थव्यवस्था की दशा सुधारना चाहता है तो उसे समस्या की समुचित डायग्नोसिस करने की जरूरत है।”

इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा लगता है कि समस्या का हल निकालने में नाकाम रहने पर सरकार उसका ठीकरा विपक्ष के मत्थे फोड़ देना चाहती है।

लगातार चार तिमाहियों से महाराष्ट्र के मैनुफैक्चरिंग सेक्टर में गिरावट को चिन्हित करते हुए उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र जैसे जीवंत प्रदेश में इस समय अवसरों का अकाल है। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि “राज्य में हर तीसरा युवक बेरोजगार है। पहले से ही मंदी का सामना कर रहे ग्रामीण क्षेत्र पलायन बढ़ने पर इस बेरोजगारी में और इजाफा ही करेगा। निवेश को आकर्षित करने में महाराष्ट्र नंबर एक पर हुआ करता था। लेकिन आज किसानों की आत्महत्या के मामले में नंबर एक पर है।”

परिस्थितियों को नियंत्रित करने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के ढांचे में बेरोजगारी का कोई भी व्यवहारिक हल नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उद्योगों को और बढ़ाने पर प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए।

मुंबई में व्यवसायियों और प्रोफेशनलों से बात करने के बाद उन्होंने कहा कि “मंदी और सरकार की उदासीनता भारतीयों के भविष्य और उनके सपनों को प्रभावित कर रही है। पूरे महाराष्ट्र में व्यवसायिक माहौल गिरावट पर है। ढेर सारी यूनिटें बंद हो गयी हैं।”

कांफ्रेंस में पीएमसी बैंक के 15 खाताधारकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने भी उनसे मुलाकात की। बैंक फ्राड पर टिप्पणी करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि “आशा करता हूं कि आने वाले संसद के शीतसत्र में यह मुद्दा उठेगा। आरबीआई एक महान राष्ट्रीय संस्था है। उम्मीद की जानी चाहिए कि इसका विश्वसनीय हल निकालने के लिए यह अपने दिमाग का इस्तेमाल करेगा…..पीएम, महाराष्ट्र सरकार और वित्तमंत्री को भी हल निकालने के लिए अपने दिमाग को लगाना चाहिए।”

गौरतलब है कि कल कोलंबिया विश्वविद्यालय में भारतीय अर्थव्यवस्था के मौजूदा हालात पर बोलते हुए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन ने बैंकों की दुर्दशा के लिए मनमोहन और रघुरामन को जिम्मेदार ठहराया था। पूर्व पीएम के इस बयान को उसी से जोड़कर देखा जा रहा है।

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