Wednesday, September 27, 2023

तन्मय के तीर

(फासिज्म अपने विरोधियों से निपटने के लिए तरह-तरह के तरीके अपनाता रहता है। और जरूरत पड़ने पर इस काम को वह षड्यंत्र के स्तर पर ले जाकर पूरा करता है। हमें नहीं भूलना चाहिए कि हिटलर ने जर्मनी के वामपंथियों के खिलाफ लोगों को खड़ा करने के लिए वहां की संसद में षड्यंत्र के तहत आग लगवाकर उसका दोष वामपंथियों पर मढ़ दिया था। मौजूदा दौर में भी देश की सत्ता में बैठी पार्टी और उसके नेता न केवल झूठ बोल रहे हैं बल्कि बड़े-बड़े षड्यंत्रों को भी अंजाम देने से बाज नहीं आ रहे हैं। टूलकिट भी उसी तरह का एक मामला है। मामला अंतरराष्ट्रीय पर्यावरणविद ग्रेटा थनबर्ग के एक ट्वीट से शुरू हुआ। उन्होंने टूलकिट यानी किसी आंदोलन को सोशल मीडिया पर प्रसारित करने और फैलाने के आसान नुस्खों की किट को जब ट्वीट किया तो बंगलुरू निवासी और युवा पर्यावरण एक्टिविस्ट दिशा रवि ने उसे रिट्वीट कर दिया। फिर क्या था षड्यंत्रों में जीने वाली मौजूदा सत्ता के लिए मानो मुंह मांगी मुराद मिल गयी। उसे बहाना मिल गया और उसने इसमें अंतरराष्ट्रीय साजिश तलाश ली। एक 21 वर्ष की बच्ची जो किसी एक खास क्षेत्र में रुचि होने के चलते उसमें सक्रिय है उसे देखते ही देखते न केवल देशद्रोही करार दे दिया गया बल्कि उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। इससे और कोई बात हो न हो लेकिन यह बात बिल्कुल तय है कि मौजूदा सत्ता बेहद डर गयी है। और वह विरोधी की एक छोटी भी आवाज सहन करने के लिए तैयार नहीं है।इसी मसले पर पेश है कार्टूनिस्ट तन्मय त्यागी का एक कार्टून-संपादक)

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