लखनऊ में प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज।

प्रदर्शनकारियों पर पुलिस बर्बरता, दूसरे राउंड का लाठीचार्ज ; इंडिया गेट और लखनऊ में गिरफ्तारियां

हाथरस गैंगरेप के खिलाफ कल से शुरू हुआ आंदोलन आज शाम होते और गरम हो गया। उसी के साथ पुलिस और प्रशासन के तेवर भी कड़े हो गए। कुछ जगहों पर लाठीचार्ज हुआ तो कुछ जगहों पर गिरफ्तारियां। दिल्ली के इंडिया गेट बड़ी तादाद में जुटी महिलाओं और छात्र संगठनों के नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इसके अलावा लखनऊ से बड़ी संख्या में गिरफ्तार किए गए कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में 13 लोगों को जेल भेज दिया गया।

साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है। साथ ही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने योगी की जमकर खिंचाई की है।

इंडिया गेट पर प्रदर्शन कर रहे छात्र संगठन आइसा और भीम आर्मी के सदस्यों को गिरफ्तार करके मंदिर मार्ग थाने ले जाया गया। वहीं यूपी भवन के सामने प्रदर्शन कर रहे लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार होने वालों में एडवा की अध्यक्ष एनी राजा भी शामिल हैं। उनके अलावा दूसरे संगठनों के कार्यकर्ताओं समेत कुल 

यूपी भवन, इंडिया गेट, मानसिंह रोड से प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी 

हाथरस गैंगरेप और बर्बरतापूर्ण हत्या के खिलाफ़ उत्तर प्रदेश भवन विरोध प्रदर्शन करने जा रहे तमाम छात्र और महिला संगठनों के नेता और सदस्यों को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

दिल्ली पुलिस ने करीब 80 लोगों को हिरासत में लिया है। जो कि यूपी भवन के सामने विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इनमें 44 स्त्रियां और 36 पुरुष शामिल हैं। मुख्यरूप से एडवा (AIDWA),  DSDU, AISA, ,SFI,ANHAD,DYFI, AIMSS, IYC, के कार्यकर्ता थे। दिल्ली पुलिस ने उन्हें यूपी भवन नहीं जाने दिया और रास्ते से ही गिरफ्तार कर लिया।

वहीं 32 पुरुष प्रदर्शनकारियों को मानसिंह रोड से हिरासत में लिया गया है। सब पर इलीगल प्रोटेस्ट का आरोप है। जबकि महिला प्रदर्शनकारियों को सख्ती से भगा दिया गया। इसमें ज़्यादातर ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (AISA) और भीम आर्मी के कार्यकर्ता थे। दिल्ली पुलिस का कहना है कि प्रदर्शनकारियों के खिलाफ वाजिब धाराओं के तहत लीगल कार्रवाई की जा रही है। 

वहीं इंडिया गेट पर कैंडिल लाइट प्रोटेस्ट के आह्वान पर हाथरस में सामूहिक बलात्कार के दलित पीड़ित के लिए न्याय की मांग करने वाले प्रदर्शनकारियों के साथ दिल्ली पुलिस ने बेरहमी से मारपीट कर उन्हें हिरासत में लिया। प्रदर्शनकारियों पर हमला किया गया, महिला सदस्यों को बुरी तरह परेशान कर हिरासत में लिया।

आइसा के सदस्यों सहित दिल्ली सचिव प्रसेनजीत कुमार को पहले यह जानकारी नहीं दी गई कि पुलिस उन्हें कहां ले जा रही है। दिल्ली पुलिस ने 6:00 बजे के बाद महिलाओं को हिरासत में लिया  प्रदर्शनकारी फिलहाल मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन में है।

लखनऊ में कांग्रेसियों पर दोबारा लाठीचार्ज

दोपहर में एक राउंड लाठीचार्ज के बाद शाम ढले यूपी पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर दूसरे राउंड का लाठीचार्ज किया है। साथ ही 13 कांग्रेस कार्यकर्ताओं को गिरफ़्तार कर लिया है। गिरफ्तार होने वालों में यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष कनिष्क पांडेय, अवनेश शुक्ला, लालू कन्नौजिया, राहुल अवस्थी, अजीत प्रताप सिंह, इमरान, खुर्शीद, आशीष मिश्रा, हसन मेंहदी, संदीप पाल, सुधांशु वाजपेयी, ज्ञानेश शुक्ला, आदित्य सिंह, मोहम्मद रज़ा शामिल हैं। बता दें कि ये लोग विधानसभा पर प्रदर्शन कर रहे थे वहां से गिरफ्तार करके सबकों जेल भेजा।

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हाथरस जाते हुए भीम आर्मी मुखिया चंद्रशेखर आजाद गिरफ्तार

भीम आर्मी चीफ चंद्र शेखर आजाद और भीम आर्मी दिल्ली के हेड हिमांशु वाल्मीकि को उत्तर प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वो पीड़ित परिवार से मिलने उनके गांव जा रहे थे। भीम आर्मी कल पीड़िता की मौत के बाद से ही लगातार आंदोलनरत है। भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने कल सफदरजंग अस्पताल के बाहर सड़क पर बैठकर धरना दिया था। 

हरियाणा में फूंका गया यूपी मुख्यमंत्री आदित्य नाथ का पुतला

उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित लड़की के साथ हुए बर्बर बलात्कार और हत्या के मामले में हरियाणा के विभिन्न जिलों में जनवादी महिला समिति, दलित अधिकार मंच, सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू) और अन्य जनसंगठनों ने मिलकर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के पुतले फूंके।

मैं पूछना चाहती हूँ – क्या लड़की होना गुनाह है ? क्या गरीब की लड़की होना अपराध है ?

कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी ने हाथरस मामले पर दुख और चिंता जताते हुए कहा है- “आज देश के करोड़ों लोग दुख और गुस्से में हैं। हाथरस की मासूम लड़की के साथ जो हैवानियत की गई वो हमारे समाज पर एक कलंक है। मैं पूछना चाहती हूँ – क्या लड़की होना गुनाह है ? क्या गरीब की लड़की होना अपराध है ? उत्तर प्रदेश सरकार क्या कर रही थी? हफ़्तों तक पीड़ित परिवार की न्याय की पुकार को सुना नहीं गया। पूरे मामले को दबाने की कोशिश की गई। समय पर बच्ची को सही इलाज नहीं दिया गया। आज एक बेटी हमारे बीच से चली गई।

मैं कहना चाहती हूँ – हाथरस की निर्भया की मृत्यु नहीं हुई है, उसे मारा गया है – एक निष्ठुर सरकार द्वारा, उसके प्रशासन द्वारा, उत्तर प्रदेश की सरकार की उपेक्षा द्वारा। जब वह ज़िंदा थी उसकी सुनवाई नहीं हुई। उसकी रक्षा नहीं हुई। मृत्यु के बाद उसे अपने घर की मिट्ठी और हल्दी भी नसीब नहीं होने दी। उसे उसके परिवार को सौंपा नहीं गया।

एक रोती बिलखती माँ को अपनी बेटी को आखिरी बार विदा भी नहीं करने दिया गया? ये घोर पाप है। जोर ज़बरदस्ती करके लड़की की लाश जला दी गई! मरने के बाद भी इंसान की एक गरिमा होती है। हमारे हिन्दू धर्म उसके बारे में भी कहता है। मगर उस बच्ची को अनाथों की तरह पुलिस की ताक़त के जोर से जला दिया गया। ये कैसा न्याय? ये कैसी सरकार है? आपको लगता है आप कुछ भी कर लेंगे और देश देखता रहेगा। बिलकुल नहीं, देश बोलेगा आपके अन्याय के खिलाफ। 

मैं कांग्रेस पार्टी की तरफ से हाथरस के पीड़ित परिवार की न्याय की माँग के साथ खड़ी हूँ। भारत सबका देश है। यहाँ सबको इज्जत की ज़िंदगी जीने का अधिकार है। संविधान ने हमें ये अधिकार दिया है। हम भाजपा को संविधान और देश को नहीं तोड़ने देंगे।

मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री की चुप्पी पर प्रियंका गांधी ने उठाए सवाल

वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा मुख्यमंत्री के मौन पर सवाल उठाते हुए कहा, “ ये हादसा 14 तारीख को हुआ, आज 30 तारीख है, आज पहली बार मुख्यमंत्री जी ने इस हादसे पर बयान दिया है। इतनी हैवानियत हुई इस लड़की के साथ, इतना बड़ा हादसा हुआ और 15 दिन बाद इनका बयान आया है और बयान में क्या कहते हैं कि प्रधानमंत्री जी का फोन आया और मैंने एसआईटी को बनाया है। 

क्या आपको प्रधानमंत्री जी के फोन का इंतजार था? क्या 15 दिनों के लिए आप कुछ नहीं कर पाए? इस लड़की का इलाज नहीं किया आपने, पीड़िता को किसी अच्छे अस्पताल में नहीं ले गए आप, परसों रात को इन्हें दिल्ली लाया गया है। उसके परिवार के साथ कैसा व्यवहार किया कि अपनी बेटी की लाश आखिरी बार अपने घर नहीं ले जा पाए, उसकी चिता उनके पिता जला नहीं पाए, उनको एक कमरे में बंद किया। इस तरह का व्यवहार अमानवीयता का सबसे बड़ा उदाहरण है। 

आपकी सरकार कितनी अमानवीय है। क्या-क्या हो रहा है उत्तर प्रदेश में और आप जिम्मेदारी नहीं ले रहे हैं। आप आज भी ये बयान दे रहे हैं कि प्रधानमंत्री जी के फोन करने के बाद आपने एसआईटी जारी की है। ये पहले क्यों नहीं किया गया? 14 तारीख को क्यों नहीं किया गया? क्या आपके प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा की कोई चिंता नहीं है? आप जिम्मेदारी नहीं लेगें, किस तरह के मुख्यमंत्री हैं। मैं आपसे पूछना चाहती हूँ- किस तरह के मुख्यमंत्री हैं आप?

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