प्रयागराज: निगम प्रशासन ने उजाड़ दिया गरीबों का आशियाना, बच्चे-महिलाएं खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर

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प्रयागराज। नागरिक संघर्ष मोर्चा के संयोजक एवं पूर्व वरिष्ठ पार्षद शिवसेवक सिंह‌ एवं वरिष्ठ पार्षद आनंद घिल्डियाल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने फूलपुर की सांसद केशरी देवी के आवास पर पूर्व विधायक दीपक पटेल को उजाड़े गये गरीबों को आवास आवंटित करने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा ।

ज्ञापन के माध्यम से शिवसेवक सिंह ने बताया कि 8 जनवरी को अपरान्ह से सायं तक नगर निगम और विकास प्राधिकरण ने संयुक्त अभियान चलाकर बिना समय दिये और बिना बसाये 408 फतेहपुर बिछुआ संगम पेट्रोल पंप के पीछे बसी ‌झोपड़ पट्टी के गरीबों को उजाड़ दिया है। इन झोपड़ पट्टियों में रहने वाले गरीब, बच्चे और महिलाएं जाड़े की इस गलन भरी रात में खुले आसमान के नीचे रहने के लिए मजबूर हैं।

उन्होंने कहा कि गरीबों ने आवास के लिए आफ लाइन एवं आन लाइन आवेदन प्रधानमंत्री आवास योजना व अन्य आवास योजनाओं के अंतर्गत कर रखा है। लेकिन अभी तक प्रशासन की ओर से उस दिशा में कोई पहल नहीं हुई। उन्होंने कहा कि प्राथमिकता के आधार पर खुले आसमान के नीचे पड़े इन गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत आवास आवंटित किया जाना चाहिए।

उन्होंने बताया कि केसरी देवी की तरफ से पूर्व विधायक दीपक पटेल ने उनकी मांगों को हल करने का भरोसा दिलाया। ज्ञापन देने वालों में प्रमुख रूप से समाजसेवी अनुराधा अनंत कुमार चौधरी आदि उपस्थित थे।

यह खुले रूप में न केवल संविधान का खुला उल्लंघन है बल्कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी की गयी गाइडलाइन का भी प्रशासन मजाक उड़ा रहा है। इस गाइडलाइन के मुताबिक किसी भी गरीब की झुग्गी उजाड़ने से पहले प्रशासन या फिर संबंधित एजेंसी को उसके आवास और रहन-सहन की व्यवस्था करनी होगी और यह व्यवस्था स्थाई होगी।

लिहाजा प्रयागराज का नगर निगम और उसमें शामिल दूसरी एजेंसिंयों ने माननीय सुप्रीम कोर्ट के इन आदेशों का खुला उल्लंघन किया है। यह अपने आप में कोर्ट की अवमानना के दायरे में आ जाता है। इन नौकरशाहों को यह समझना चाहिए कि देश अभी भी संविधान और कानून के तहत ही चल रहा है उसमें कोई तब्दीली नहीं आयी है। ऐसे में इन कानूनों का उल्लंघन कर आखिर कार वह सूबे की जनता को क्या संदेश देना चाहता है?

(प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित।)

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