इस्तीफा देने वाले हिमाचल बीजेपी अध्यक्ष से सीधे जुड़े हैं कोविड घोटाले के तार

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भाजपा की राज्य सरकारें कोरोना वायरस अथवा कोविड-19 पर किस ‘ईमानदारी’ के के साथ काम कर रही हैं, इसे साफ तौर पर देखना हो तो हिमाचल प्रदेश 27 मई को बड़ा उदाहरण बना। हिमाचल प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने कोविड-19 के दौरान खरीदे गए सामान में हेराफेरी और संलिप्तता के आरोपों के बाद इस्तीफा दे दिया। गौरतलब है कि राज्य के स्वास्थ्य विभाग निदेशक डॉ अजय गुप्ता को एक हफ्ता पहले कोरोना वायरस से निपटने के लिए खरीदे गए सामान में 5 लाख की रिश्वत लेने के आरोप में विजिलेंस ब्यूरो ने गिरफ्तार किया था और फिलहाल वह पुलिस रिमांड पर चल रहे हैं। भरोसेमंद सूत्रों के मुताबिक रिमांड के दौरान गुप्ता ने जो जानकारियां दी हैं, उनके सीधे तार वरिष्ठ भाजपा नेताओं के साथ जुड़ते हैं।           

इस्तीफा देने वाले प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राजीव बिंदल की बेटी स्वाति बिंदल गांधी अपने पति के साथ मिलकर एक कंपनी चलाती हैं। डायरेक्टर हेल्थ रिश्वत प्रकरण में उस कंपनी का नाम भी प्रमुखता से सामने आया है। जिस ऑडियो रिकॉर्डिंग के आधार पर डॉ. अजय गुप्ता की गिरफ्तारी हुई है, उसमें बिंदल की बेटी और दामाद की कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी की आवाज भी है।

उक्त अधिकारी निदेशक से लेन-देन की बात कर रहा है। यह ऑडियो सामने आते ही हड़कंप मच गया और डॉ राजीव बिंदल मीडिया में अलग-अलग बयानबाजी करते हुए पाए गए। मौजूदा सरकार में पहले बिंदल विधानसभा अध्यक्ष थे और लगभग 3 माह पहले इस्तीफा देकर राज्य भाजपा अध्यक्ष बने। वह पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के खेमे से हैं। कोविड-19 में हुए इस भ्रष्टाचार-प्रकरण को दिग्गज भाजपा नेता पूर्व केंद्रीय और मुख्यमंत्री शांता कुमार ने पुरजोर उठाया तथा न्यायिक जांच की मांग की।

उन्होंने यहां तक कहा कि यह मानवता के खिलाफ बहुत बड़ा अपराध है। जहां एक तरफ लोग मर रहे हों, वहां घूस ली जा रही हो तो इससे बदतर क्या हो सकता है। शांता दो दिन तक लगातार बोलते रहे तो कुछ रिटायर्ड आईएएस और आईपीएस अफसरों ने पेशकश की कि वे अपने स्तर पर पूरे घोटाले की जांच कर सकते हैं और रिपोर्ट सार्वजनिक करके सरकार को सौंप देंगे। सूत्रों के मुताबिक यह कवायद जारी है।     

बताया जा रहा है कि हिमाचल प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल का इस्तीफा, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के कहने पर हुआ है। हालांकि बिंदल ने सिर्फ इतना कह कर इस्तीफा दिया है कि वह नैतिकता के आधार पर अध्यक्ष का पद छोड़ रहे हैं। उधर, कांग्रेस उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रही है।              

प्रसंगवश, हिमाचल प्रदेश की जयराम ठाकुर सरकार इस समय कई किस्म के घोटालों से घिरी हुई है। कुछ महीने पहले आयुर्वेद विभाग में हुईं संगीन विसंगतियों के चलते स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार से इस्तीफा ले लिया गया था और उसके बाद स्वास्थ्य मंत्रालय मुख्यमंत्री के पास है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब स्वास्थ्य निदेशक को 5 लाख की रिश्वत के इल्जाम में गिरफ्तार किया जाता है और बाकायदा रिमांड पर लिया जाता है, प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष को त्यागपत्र देना पड़ता है तो जिस मुख्यमंत्री के पास स्वास्थ्य विभाग है, उनकी जवाबदेही क्या है? हिमाचल भाजपा के एक बड़े नेता कहते हैं कि मुख्यमंत्री को भी नैतिकता के आधार पर तत्काल रुखसत हो जाना चाहिए। बहरहाल, हिमाचल सरकार का पूरा हाजमा फिलहाल खराब है।

(वरिष्ठ पत्रकार अमरीक सिंह की रिपोर्ट।)

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