Sunday, April 28, 2024

अलवर में एक और मॉब लिंचिंग, पीट-पीटकर कर दी गई युवक की हत्या

नई दिल्ली। मोदी राज में मॉब लिंचिंग एक नई परिघटना है। जाति-धर्म देखकर भीड़ द्वारा पीट-पीटकर मार डालने की घटनाओं में कमी आने की जगह, ऐसी घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। राजस्थान के अलवर में 8 सितंबर को कुछ लोगों ने एक युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी।

सूचना के मुताबिक राजस्थान के अलवर में गुर्जर समाज के लोगों ने 22 वर्षीय युवक वकील अहमद को अधमरे होने तक पीटा। जिसके बाद उसे निजी अस्पताल लेकर जाया गया, जहां से अहमद को जयपुर रेफर कर दिया गया और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इस मामले में पुलिस ने अभी तक 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पिछले कुछ समय में राजस्थान में मॉब लिंचिंग की कई घटनाएं सामने आई है। बीते 18 अगस्त को अलवर में भीड़ ने लकड़ी काटने गए 3 मुस्लिम युवक की पिटाई शुरू कर दी। जिसमें 27 वर्षीय वसीम की मौत हो गई थी। 

मामला क्या है?

इस घटना की शुरुआत 27 अगस्त को ही हो गई थी। जब अलवर में गुर्जर और एससी-मेव समाज के युवकों के बीच झगड़ा हुआ था। जिसके बाद 30 अगस्त को बैठक हुई, जहां पर एससी-मेव समाज के लोगों ने माफी मांगी थी। हालांकि गुर्जर समाज के युवा इससे संतुष्ट नहीं हुए, और 8 सितंबर की रात को गुर्जर समाज के युवकों ने वकील अहमद की पिटाई कर दी। भीड़ ने अहमद को अधमरा होने तक पीटा, फिर मुस्लिम युवक को आनन-फानन में एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। अहमद की हालत गंभीर होने के वजह उसे सुबह जयपुर के एसएमएस अस्पताल में रेफर कर दिया गया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

सूत्रों के अनुसार, वकील अहमद पेशे से एक मजदूर था जो आरा मशीन पर लकड़ी चिराई का काम करता था। वहीं मुस्लिम समाज और मृतक के परिजनों ने शव लेने से मना कर दिया है। उनका कहना है कि वो तब तक शव नहीं लेंगे, जब तक सभी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर लिया जाता है।

पहले भी हुई है मॉब लिंचिंग की घटना

कुछ दिनों पहले यानी 18 अगस्त को वसीम और उसके दो साथियों को जंगल से लकड़ी काटने पर भीड़ ने पीटा था। बताया जाता है कि मकान मालिक से पूछने के बाद वसीम अपने दो साथियों के साथ लकड़ी काटने गया था। जहां उसे पता चलता है कि वन विभाग के लोग घूम रहे हैं और अगर उन्होंने वसीम और उसके साथियों को लकड़ी के साथ देखा तो जुर्माना लगाएंगे।

इस बात को सुनने के बाद वसीम और उसके साथी बिना लकड़ी के ही वहां जाने लगे, तभी वन विभाग की गाड़ी ने उनका रास्ता रोका और करीब 10-12 लोग उनकी पिटाई करने लगे। मार-पीट में 2 लोग बुरी तरह से घायल हुए और वसीम की मौत हो गई। इस घटना में यह बात निकलकर आई है कि इस भीड़ में वन विभाग के लोग भी शामिल थे।  

एफआईआर में दिए गए विवरण के अनुसार, कुछ दूर पर जेसीबी ने रास्ता बंद कर रखा था। जैसे ही हमने अपनी गाड़ी रोकी, तो जेसीबी से 3-4 लोग बाहर आए और वन विभाग की जीप से 7-8 लोग उतरे। हमें जबरन बाहर कर इन लोगों ने मारना शुरु कर दिया, इनमें से कुछ लोगों के हाथों में हथियार, लाठी और सरिया थी। एक तरफ लोग हमारे साथ मार-पीट करते रहे, और दूसरी तरफ भीड़ ने वसीम को धारदार हथियार से मार डाला। पीड़ित पक्ष ने बताया कि पुलिस हमें बचा रही थी लेकिन वो लोग पुलिस के सामने भी मारते रहे।

पीड़ितों ने एफआईआर दर्ज कर आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की मांग की है। पुलिस ने इस मामले को आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 323, 341, 302 के तहत दर्ज किया है।

(अग्निबाण की खबर पर आधारित।)

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