Sunday, April 28, 2024

नूंह हिंसा के बाद मेवात में बसे रोहिंग्या मुसलमानों पर चला खट्टर का बुलडोजर

नूंह हिंसा के चलते दुनियाभर में हो रही बदनामी और दामन पर लगे दाग हटाने के लिए हरियाणा सरकार ने यूपी की तर्ज पर कुख्यात ‘बुलडोजर’ कार्रवाई कर रही है। इंसाफ का यह तानाशाही भरा ‘योगी अंदाज’ है। भाजपा शासित कई राज्य इसे अपना रहे हैं और अब हरियाणा सरकार भी नूंह हिंसा के बहाने इस राह को अख्तियार कर रही है। कानून-व्यवस्था की बहाली के नाम पर। लेकिन लोकतंत्र के लिए यह कोई अच्छा संकेत नहीं।                                               

गौरतलब है कि उत्तर भारत के अति विश्वसनीय माने जाने वाले अखबार ‘ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य सरकार मानकर चल रही है कि नूंह हिंसा के दोषी तावडू की 250 झुग्गियों में रहते हैं। बताया गया कि ये झोपड़ियां पिछले चार सालों से हरियाणा शहरी विकास अधिकरण की भूमि पर अवैध रूप में बसी थीं। अतिक्रमण को हटाने की यह कार्रवाई सेक्टर-11 में जेसीबी चलाकर हुई। यहां कई सालों से अप्रवासी कहे जाने वाले रोहिंग्या परिवार रह रहे हैं। आसपास के लोगों का आरोप है कि शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं की गई। (किस बात की और कैसी शिकायत?… ‘ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं है)। गुरुवार को अतिक्रमण हटाओ अभियान की अगुवाई एसएचओ नरवीर भड़ाना ने की। अभियान में ड्यूटी मजिस्ट्रेट सिद्धार्थ दहिया मौजूद रहे। इस मौके पर रैपिड एक्शन फोर्स के जवान भी तैनात थे। इस दौरान डीएसपी अमनदीप, एसडीएम संजीव कुमार, तहसीलदार प्रदीप देशवाल भी मौजूद थे।

गुरुवार को जिलाधिकारियों ने भारी पुलिस बल के साथ निहायत गुप्त ज्ञान चलाया और संपर्क करने पर दावा किया कि उक्त झुग्गियां अवैध थीं। हालांकि अधिकारी मौजूदा सांप्रदायिक तनाव और कर्फ्यू के दौरान ऐसा करने की तत्काल आवश्यकता पर कोई सटीक जवाब नहीं दे पाए। पुलिस सूत्रों ने खुलासा किया कि तावडू और उसके आसपास पथराव, दुकानों और लोगों पर हमला करने वाले ज्यादातर आरोपी इन्हीं बस्तियों के हैं। अतिक्रमण हटाओ अभियान आगे भी चलता रहेगा। योजना के अनुसार, अभियान इन सभी स्थानों पर चलाया जाएगा जहां भीड़ ने यात्रा पर हमला किया और नल्हड़ गांव सहित अन्य जगहों पर वाहनों को आग के हवाले कर दिया। इस मामले में नूंह के एसपी नरेंद्र बिरजानिया ने कहा, “हमने कुछ अवैध निर्माण ध्वस्त किए हैं। किसी को भी अवैध निर्माण और कानून-व्यवस्था में बाधा डालने की इजाजत नहीं दी जा सकती।”               

इसी घटनाक्रम में ‘ट्रिब्यून’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक मोनू मानेसर पर भाजपा शासित प्रदेश हरियाणा और कांग्रेस शासित राजस्थान के मुख्यमंत्री आमने-सामने हो गए हैं। नासिर-जुनैद हत्याकांड में आरोपी मोनू मानेसर की गिरफ्तारी इसकी वजह है। बुधवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मोनू मानेसर की गिरफ्तारी को लेकर राजस्थान सरकार को हर संभव सहयोग का वादा किया था। उन्होंने यह भी कहा था कि हरियाणा पुलिस के पास अभी तक मोनू मानेसर का कोई इनपुट नहीं है।

मनोहर लाल के इस बयान के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पलटवार किया है। गहलोत ने ट्वीट कर कहा, ‘मुख्यमंत्री मनोहर लाल मीडिया में बयान देते हैं कि राजस्थान पुलिस की हरसंभव मदद करेंगे, लेकिन जब हमारी पुलिस नासिर-जुनैद हत्याकांड के आरोपियों को गिरफ्तार करने गई तो हरियाणा पुलिस ने कोई सहयोग नहीं किया। उल्टा राजस्थान पुलिस पर ही एफआईआर दर्ज कर ली।’ गहलोत ने कहा कि जो आरोपी फरार हैं, उन्हें तलाशने में हरियाणा पुलिस राजस्थान पुलिस का सहयोग नहीं कर रही है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर हरियाणा में हुई हिंसा को रोकने में नाकाम रहे और अब सिर्फ लोगों का ध्यान भटकाने के लिए इस तरह के बयान दे रहे हैं, जो उचित नहीं हैं।           

मोनू मानेसर पर राजस्थान के नासिर-जुनैद की हत्या करने के आरोप हैं। वहीं नूंह हिंसा के बाद और भी ज्यादा सुर्खियों में आए मोनू मानेसर ने एक न्यूज़ चैनल को दिए इंटरव्यू में दावा किया है कि न तो नूंह हिंसा से उसका कोई लेना-देना है और न ही नासिर-जुनैद हत्याकांड में उसका हाथ है। उसे झूठे मामले में फंसाया गया है। जिस दिन हत्याकांड हुआ, वह उस दिन गुरुग्राम में था। इसके सबूत भी उसके पास हैं। वहीं हिंसा से पहले वायरल हुई वीडियो पर उसका कहना है कि इस वीडियो में कोई भी ऐसी बात नहीं कही गई, जिससे हिंसा भड़के। वह बोला, “मेरे द्वारा पोस्ट की गई वीडियो में कोई बता दे कि मैंने गलत बोला है, मैं मान लूंगा कि हिंसा का जिम्मेदार हूं। मैंने तो केवल लोगों को धार्मिक यात्रा में शामिल होने की अपील की थी, यह मैं हर साल करता हूं। मैंने पोस्ट में यह भी कहा कि यात्रा में अधिक से अधिक लोग शामिल हो और जलाभिषेक करें। मुझे केवल मोहरा बनाया गया है।”         

यानी मोनू मानेसर के जरिए जो बात निकलेगी वह दूर तल्क जाएगी, इसमें कोई शक नहीं। संदेह इसमें भी नहीं कि योगी की बदनाम बुलडोजर शैली का इस्तेमाल हरियाणा में विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव जीतने के लिए किया जाएगा, ऐसा जानकारों का मानना है।     

(अमरीक वरिष्ठ पत्रकार हैं और पंजाब में रहते हैं।)   

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