Estimated read time 2 min read
लेखक

डॉ. मुल्कराज आनंदः भारत के चार्ल्स डिकेंस

डॉ. मुल्कराज आनंद, मुल्क की उन बाकमाल शख्सियतों में शामिल हैं, जिन्होंने विदेशियों को यह बतलाया कि एक हिंदुस्तानी भी उन्हीं की जुबान में उन [more…]

Estimated read time 1 min read
संस्कृति-समाज

स्पार्टाकसः गुलामों की सेना ने हिला दी थी रोम की चूलें

हावर्ड फॉस्ट के कालजयी उपन्यास स्पार्टाकस का हिंदी अनुवाद अमृत राय ने आदिविद्रोही शीर्षक से किया है। मैं इस अनुवाद को मानक मानता हूं। अच्छा [more…]

Estimated read time 2 min read
ज़रूरी ख़बर संस्कृति-समाज

किताबें मत जलाइए, ऐसा इंतज़ाम कीजिए कि लोग उन्हें पढ़ ही न पाएं!

‘आप भले मेरी किताबें और यूरोप के सबसे उन्नत मस्तिष्कों की किताबें जला देंगे, लेकिन उन विचारों का क्या जो उन किताबों में समाई थीं [more…]

Estimated read time 1 min read
संस्कृति-समाज

तरक्की पसंद तहरीक का ब्लू प्रिंट है सज्जाद जहीर का उपन्यास ‘लंदन की एक रात’

‘‘इंसानी ज़िंदगी का दायरा सिर्फ इश्क और मुहब्बत तक महदूद नहीं। क्या इसके अलावा और बहुत से मसाइल और बहुत सी दिलचस्प और गैर दिलचस्प [more…]

Estimated read time 1 min read
लेखक

जयंतीः राजेंद्र यादव ने साहित्य में दी अस्मिताओं के वजूद को नई पहचान

हिंदी साहित्य को अनेक साहित्यकारों ने अपने लेखन से समृद्ध किया है, लेकिन उनमें से कुछ नाम ऐसे हैं, जो अपने साहित्यिक लेखन से इतर [more…]

Estimated read time 1 min read
बीच बहस लेखक संस्कृति-समाज

निर्णायक और नेतृत्वकारी भूमिका में रहे हैं प्रेमचंद के स्त्री पात्र

विवादों के कारण ही सही प्रेमचंद का साहित्य फिर से ज़ेरे बहस है। दलित साहित्य के लेखकों ने उनके साहित्य को सहानुभूति का साहित्य कहा [more…]