दो ‘आपातकालों’ का कैदी
‘आगे और लड़ाई है’ प्रबीर पुरकायस्थ की आत्मकथा है। अंग्रेजी में लिखी उनकी आत्मकथा ‘किपिंग अप द गुड फाइट’ का यह अनुवाद है। इसमें छात्र-जीवन, [more…]
‘आगे और लड़ाई है’ प्रबीर पुरकायस्थ की आत्मकथा है। अंग्रेजी में लिखी उनकी आत्मकथा ‘किपिंग अप द गुड फाइट’ का यह अनुवाद है। इसमें छात्र-जीवन, [more…]
अपने निजी जीवन और पेशेवर कारणों से विवादों में रह चुके पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई अपने संस्मरण ‘जस्टिस फॉर जज’ को लेकर एक बार [more…]
जवाहर लाल नेहरू न केवल आज़ादी के लिए किये गए संघर्ष के शीर्षस्थ नेताओं में से एक रहे हैं, बल्कि वे देश के प्रथम प्रधान [more…]
30 अप्रैल यानी आज ही के दिन एडोल्फ हिटलर ने आत्महत्या की थी। दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान जब हिटलर को लगने लगा कि अब वह [more…]
जब बांग्ला साहित्य और समाज की उदार और विद्रोही चेतना को हिंदी इलाके के संकीर्ण राष्ट्रवाद और बंगाल में पहले से मौजूद हिंदू चेतना से [more…]
हमारी समस्या एक यह भी है कि, हम यह चाहते हैं कि किसी व्यक्ति, विचार या घटना के बारे में जो मेरा परसेप्शन हो, वही [more…]
हर एक कागज मेरे संघर्ष का चश्मदीद गवाह बनकर दीवारों पर चिपक गया है [more…]