पुस्तकों पर प्रतिबंध की राजनीति: एक ऐतिहासिक त्रासदी

हमारे संविधान के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता असीमित नहीं है, जिसे उस अनुच्छेद के ठीक बाद स्पष्ट किया गया है…

संभल मस्जिद, अजमेर दरगाह-आखिर हम कितने पीछे जाएंगे

सन 1980 के दशक में देश में शांति-व्यवस्था और प्रगति पर गम्भीर हमले हुए। साम्प्रदायिक ताकतों के हाथ एक नया…

नफरती भाषणों, अल्पसंख्यकों के दानवीकरण का तेजी से बढ़ता ग्राफ

आरएसएस-भाजपा और उनसे जुड़े संगठन हर मौके का उपयोग अल्पसंख्यकों के दानवीकरण के लिए करते आए हैं। यद्यपि नफरत फैलाने…

पुचकारने से नहीं मानते भेड़िये

देर आयद की कहावत के पहले दो शब्दों को व्यवहार में उतारते हुए आखिरकार देश की सबसे बड़ी अदालत ने…

संविधान की प्रस्तावना तक याद नहीं रही, लेकिन देश मना रहा संविधान दिवस का जश्न! 

आज देश की संसद, राज्य सरकारें और विपक्षी दलों द्वारा संविधान दिवस को बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा…

जो दरवाजा खुला, वो अब बंद हो गया है!

साल 2024 के मध्य में आए लोकसभा चुनाव के नतीजों से संकेत मिला कि नरेंद्र मोदी का आकर्षण और मजहबी…

क्या भारत जोड़ो यात्रा विध्वंसकारी थी?

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान के दौरान भाजपा के शीर्ष नेता, पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस…

चुनाव के पहले भी और चुनाव के बाद भी मानव हित

यह सच है कि दलित-पिछड़ा समाज के सदस्यों के प्रति सवर्ण रवैया बहुत ही नकारात्मक रहा है। लेकिन क्या सवर्णों…

लोकतंत्र का चीरहरण करने में खुद नंगी हो जा रही भाजपा

कहते हैं कि राजनीति और युद्ध में सब कुछ जायज होता है। लेकिन इतना भी जायज नहीं, जितना नाजायज भारतीय…

राजनीतिक संघर्ष में मुख्य सवाल सत्ता का नहीं लोकतंत्र बचाने का है

अब झारखंड और महाराष्ट्र विधानसभाओं के चुनाव की प्रक्रिया 20 नवंबर 2024 को ‘मतदान प्रक्रिया’ के पूरी होने और 23…