पुस्तक समीक्षा: बदलाव को आत्मसात करने के बावजूद अपनी जड़ों से जुड़ी जनजाति

पश्चिम के एक विद्वान हुए हैं चार्ल्स केटरिंग, उनकी स्थापना है कि “दुनिया परिवर्तन से नफरत करती है, लेकिन यही…

पुस्तक समीक्षा: ताकि इतिहास अपने वास्तविक रूप में आए और झूठ बेपर्दा हो

आधुनिक भारत के निर्माण में पंडित जवाहरलाल नेहरू की भूमिका निर्विवाद रूप से सबसे अहम थी, इससे भला कौन इंकार…

जेल साहित्य को समृद्ध करती मनीष और अमिता की जेल डायरी

भारत में जेल साहित्य दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है, यह अच्छी बात भी है और बुरी भी। बुरी इसलिए क्योंकि…

कैफ़ी आज़मी: मुहब्बतों का गीत था बग़ावतों का राग

‘मेरी आवाज़ सुनो’ तरक़्क़ीपसंद तहरीक से वाबस्ता रहे शायर-नग़मा निगार कैफ़ी आज़मी की जीवनी है। जिसमें इस अज़ीम शख़्सियत की…

अजय सिंह की कविताएं पढ़ते हुए

अपनी बात शुरू करने से पहले एक बात मैं यह स्पष्ट कर दूँ कि कविता की समीक्षा/आलोचना करने का इरादा/सामर्थ्य…

मानव सभ्यता के ‘विकास’ का आईना ‘काली-वार काली-पार’

यह किताब हिमालय में निवास करने वाली राजी जनजाति की परंपरागत जीवन शैली की अंतिम सांसें गिनने और उनकी पहचान…

‘जीते जी इलाहाबाद’: जहां जमुना के छलिया जल जैसे सत्य से आँखें दो-चार होती हैं!

दो दिन पहले ही ममता कालिया जी की किताब ‘जीते जी इलाहाबाद’ प्राप्त हुई, और पूरी किताब लगभग एक साँस…

‘‘आधी रोटी” का पूरा सच

यह आत्मकथा एक ऐसे दलित व्यक्ति के जीवन-संघर्षों की गाथा है जिसने उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में स्थित देवरिया जिले…

उस्ताद और शागिर्द की खूबसूरत कहानी है लपूझन्ना

लपूझन्ना एक उस्ताद के लिए उसके शागिर्द की तरफ़ से लिखी गई खूबसूरत कहानी है। लेखक अपने बचपन की याद…

मेरी तेरी उसकी बातः जिंदगी और सफर की बात

हिंदी के युवा कवियों में शुमार होने वाले अंशु मालवीय ने एक कविता लिखी थीः आजकल क्या कर रहे हैं…